उत्तर प्रदेश के कानपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने के बाद उसके साथ मिलीभगत के आरोप में डीआईजी अनंत देव तिवारी के निलंबन और तत्कालीन एसएसपी को नोटिस के बाद अभी कई और अधिकारियों पर कार्रवाई तय है। राज्य सरकार उन 27 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की तैयारी में है, जो बीते सालों के दौरान कानपुर में तैनात थे और जिन पर गैंगस्टर के साथ साठगांठ के आरोप लगे हैं।
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प्रदेश सरकार विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जिसमें 3 जुलाई को बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों के हत्याकांड में प्रशासन की भूमिका की जांच की गई थी। गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, एसआईटी ने जिन अधिकारियों के नाम लिए हैं, उन सभी पर शस्त्र लाइसेंस और भूमि से संबंधित मामलों में लापरवाही बरतने का आरोप है। इनमें एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, एसीएम, तहसीलदार के नाम शामिल हैं।
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वहीं बिल्हौर के राजस्व निरीक्षक, लेखपाल और अन्य राजस्व अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जिन्होंने विकास दुबे को जमीन हथियाने में मदद की थी। जानकारी के अनुसार उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के विभाग प्रमुखों को विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद उन पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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बता दें कि इस साल जुलाई में कानपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर उसने और उसके साथियों ने घेर कर हमला कर दिया था, जिसमें एक सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गैंगस्टर-प्रशासन के बीच साठगांठ के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
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