भारतीय स्टेट बैंक समेत कई बैंकों से 6,978 करोड़ रुपये का घोटाला करने वाले फरीदाबाद के एसआरएस समूह पर प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय द्वारा चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मांग की कि सरकार अपनी चुप्पी तोड़े और इस बात का जवाब दे कि क्यों उसने एसआरएस समूह से जुड़े तीन लोगों को देश छोड़कर भागने की अनुमति दी।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जहां इस मामले के साजिशकर्ताओं में से एक अनिल जिंदल इस साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया, वहीं तीन अन्य आरोपियों, जेके गर्ग, पीके कपूर और प्रतीक जिंदल को देश छोड़कर भागने दिया गया। सुरजेवाला ने कहा कि जिंदल के पीएम मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से करीबी संबंध थे। उन्होंने बताया कि जिंदल के खिलाफ फरीदाबाद पुलिस द्वारा धोखाधड़ी फर्जीवाड़े के कम से कम 22 मामले दर्ज किये गए थे।
Published: 25 Jun 2018, 10:44 PM IST
रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर खराब वित्तीय हालत से गुजर रहे आईडीबीआई बैंक को खरीदने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर दबाव डालने का भी आरोप लगाया। सुरजेवाला ने कहा कि एलआईसी के पॉलिसी धारक बैंक के नुकसान, एनपीए और अन्य देनदारियों का भुगतान करेंगे और सरकार विनिवेश के जरिये लाभ कमाएगी।
Published: 25 Jun 2018, 10:44 PM IST
सुरजेवाला ने दावा किया कि पिछले साल अगस्त की शुरुआत में ही कुछ व्हीसल ब्लोअर ने सरकार को कंपनी द्वारा चलाए जा रहे 250 फर्जी कंपनियों के बारे में सूचित किया था। उन्होंने कहा कि ग्रुप ने अपनी देनदारियों से बचने के लिए गलत तरीके से अपनी खुद की फर्जी कंपनियों को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस बात के पक्के सबूत हैं कि एसआरएस शारजाह स्थित अपने समूह की कंपनी एसआरएस वर्ल्डवाइड को विहान इंपेक्स को बेचने के मामले में मनी लॉंडरिंग की दोषी थी।
सुरजेवाला ने कहा कि इस समूह ने रियल स्टेट में भी हाथ डाला, लेकिन नियमों का उल्लंघन करने के कारण बाद में निवेशकों और फ्लैट मालिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया। फरीदाबाद के सेक्टर 87 में एसआरएस रॉयल हिल्स में रहने वाले सैकड़ों फ्लैट मालिकों को बेदखल करने का नोटिस मिल चुका है, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
Published: 25 Jun 2018, 10:44 PM IST
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बैंकिंग घोटाले की रकम 70,000 करोड़ रुपये पहुंच गई है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिन 17 बैंकों में ये घोटाले हुए उन्होंने इन मामलों को सीबीआई, ईडी या आरबीआई के हवाले क्यों नहीं किया।
Published: 25 Jun 2018, 10:44 PM IST
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Published: 25 Jun 2018, 10:44 PM IST