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एबीवीपी ने चुन-चुनकर छात्रों को बनाया निशाना, दिव्यांग छात्रों को भी नहीं छोड़ा! 

जेएनयू में हाल ही में फीस वृद्धि के खिलाफ हुए प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले नेत्रहीन छात्र शशि भूषण समर ने सोमवार को कहा कि उन्हें रविवार को हुई हिंसा के दौरान एबीवीपी के छात्रों से बचने के लिए दूसरे छात्रों की मदद से भागना पड़ा।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हाल ही में फीस वृद्धि के खिलाफ हुए प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले नेत्रहीन छात्र शशि भूषण समर ने सोमवार को कहा कि उन्हें रविवार को हुई हिंसा के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों से बचने के लिए जेएनयू परिसर में दूसरी मंजिल पर स्थित हॉस्टल के कमरे से दूसरे छात्रों की मदद से भागना पड़ा।

Published: 06 Jan 2020, 8:33 PM IST

समर फीस-वृद्धि विरोधी प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में थे। उन्होंने आईएएनएस को बताया, "मैं तब एडमिन ब्लॉक में था, जब मेरे दो दोस्तों ने मुझे वहां से भागने के लिए कहा। क्योंकि एबीवीपी के लोग वामपंथी छात्रों की पिटाई कर रहे थे।"

समर ने कहा कि उन्होंने अपने दोस्तों को वहां से भागने के लिए कहा, क्योंकि उनकी वजह से उन छात्रों द्वारा उनकी पिटाई की जा सकती थी।

Published: 06 Jan 2020, 8:33 PM IST

उन्होंने कहा, "लेकिन मेरे दोनों दोस्तों ने मुझे बताया कि वे मेरे साथ चलेंगे और फिर हम लोग साबरमती हॉस्टल पहुंचे। लेकिन वहां भी एबीवीपी के छात्रों ने हॉस्टल में घुसकर उनके साथ मौजूद सूची के आधार पर छात्रों की पिटाई शुरू कर दी।"

नेत्रहीन छात्र ने बताया, "अन्य छात्रों पर हमले के बाद मेरे दोस्तों ने मुझे बताया कि हमें खुद को बचाने के लिए बालकनी से कूदना होगा और फिर मैं उनके साथ बालकनी से कूद गया।"

Published: 06 Jan 2020, 8:33 PM IST

समर ने कहा कि उसने सुबह तक पास के मुनिरका में एक दोस्त के घर पर शरण ली और फिर सोमवार को दोपहर में विश्वविद्यालय परिसर लौट आया।

समर ने यह भी आरोप लगाया कि जब एबीवीपी के छात्र वामपंथी छात्रों की पिटाई कर रहे थे तो दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

Published: 06 Jan 2020, 8:33 PM IST

उल्लेखनीय है कि रविवार को कुछ नकाबपोशों ने जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों व प्रोफेसरों की लाठी-डंडो व रॉड से पिटाई कर दी, जिसके बाद करीब 35 छात्र व शिक्षक घायल हो गए। इस हमले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के दो पदाधिकारी भी घायल हो गए, जिसमें अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं।

घोष को हिंसा के दौरान कथित तौर पर आंख पर लोहे की रॉड से हमला किया गया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गईं। उन्होंने इस घटना के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया है।

Published: 06 Jan 2020, 8:33 PM IST

हमले के दौरान हॉस्टल के कमरे और लॉबियों में तोड़फोड़ की गई, जबकि सड़कों पर खड़े कई वाहनों को अज्ञात उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।

इसके अलावा एबीवीपी ने वामपंथी छात्रों पर पेरियार छात्रावास में तोड़फोड़ करने और छात्रावास के अंदर मौजूद विभिन्न छात्रों को गंभीर रूप से घायल करने का आरोप लगाया है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

Published: 06 Jan 2020, 8:33 PM IST

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Published: 06 Jan 2020, 8:33 PM IST