दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (डूसू) का चुनाव 12 सितंबर को होगा। डूसू चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। इससे पहले ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने रातों रात ही वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की मूर्ति डीयू कैंपस में लगा दी है। इन मूर्तियों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। एनएसयूआई समेत कई छात्र संगठनों ने वीर सावरकर की मूर्ति पर सवाल उठाए हैं।
Published: 21 Aug 2019, 2:19 PM IST
बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय की अनुमति के बगैर रातोंरात खंभे और सावरकर की प्रतिमा को यहां स्थापित किया गया। एबीवीपी के नेता और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने बुधवार को कहा कहा, “हमने प्रतिमा लगाने के लिए कई बार विश्वविद्यालय के अधिकारियों से अनुमति मांगी लेकिन हमारी मांग अनसुनी कर दी गई। इसके बाद हमने खुद प्रतिमा लगाने का फैसला किया।” उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रशासन को कई बार पत्र भी लिखा गया था लेकिन प्रशासन ने उनकी मांग अनसुनी की थी।
Published: 21 Aug 2019, 2:19 PM IST
परिसर में सावरकर की प्रतिमा लगाए जाने का विरोध कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और वाम दल की छात्र इकाई ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) दोनों ने किया है। इन दोनों संगठनों का कहना है कि भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस के साथ सावरकर की प्रतिमा लगाकर एबीवीपी ने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है।
Published: 21 Aug 2019, 2:19 PM IST
एनएसयूआई की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने कहा, “आप सावरकर को भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस के साथ नहीं रख सकते। अगर प्रतिमाएं 24 घटें के भीतर नहीं हटाई गईं तो हम विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।”
एनएसयूआई ने निंदा करते हुए डीयू को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह की विभाजन करने वाली नीतियों और कदम के लिए अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
Published: 21 Aug 2019, 2:19 PM IST
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Published: 21 Aug 2019, 2:19 PM IST