दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बसोया को एबीवीपी ने संगठन से निलंबित कर दिया है। एबीवीपी ने अंकिव बसोया को उनकी डिग्री को लेकर चल रही जांच पूरी होने तक संगठन के सभी पदों से हटाते हुए डूसू अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देने को कहा है। बसोया पर एनएसयूआई ने फर्जी डिग्री के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने का आरोप लगाया है। एनएसयूआई ने बसोया की फर्जी डिग्री का मामला उठाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की है।
एबीवीपी की इस कार्रवाई को एनएसयूआई ने 20 नवंबर को आने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के डर से लिया गया फैसला बताया है। अकिल भारतीय कांग्रेस समिति की संयुक्त सचिव और एनएसयूआई प्रभारी रुचि गुप्ता ने फिर से छात्र संघ चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर डीयू प्रशासन अंकिव बसोया की मदद करना आगे भी जारी रखता है तो वे लोग लोग इसके खिलाफ अदालत जाएंगे। रुचि गुप्ता ने कहा, “बसोया के पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की राह पर चलने की वजह से हमें पूरा भरोसा है कि उनका बीजेपी में लंबा और सफल करियर होगा।”
बता दें कि बसोया का फर्जी डिग्री का मामला सामने आने के बाद एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन डीयू प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर एनएसयूआई ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 नवंबर को होनी है, जिसमें फैसला आ सकता है।
Published: 15 Nov 2018, 5:57 PM IST
बता दें कि अंकिव बसोया ने थिरुवल्लूर यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री के आधार पर डीयू में एमए बुद्धीस्ट स्टडीज में एडमिशन लिया है। लेकिन एनएसयूआई द्वारा मांगी गई जानकारी के जवाब में थिरुवल्लूर यूनिवर्सिटी ने उसकी डिग्री को फर्जी करार दे दिया है। सितंबर में डूसू चुनाव में अंकिव बसोया ने एनएसयूआई के सनी छिल्लर को हराया था। डूसू चुनाव की मतगणना में भी ईवीएम सहित गड़बड़ियों के आरोप लगे थे।
Published: 15 Nov 2018, 5:57 PM IST
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Published: 15 Nov 2018, 5:57 PM IST