हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन इनेलो विधायक अभय चौटाला और उनके भतीजे और खट्टर सरकार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की सीधी भिड़ंत हो गई। इस दौरान अभय चौटाला ने दुष्यंत को सबसे बड़ा चोर कह दिया। अभय यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि सारा प्रदेश लूट कर खा गए और खड़े होकर सफाई देता है। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने अपने दो विधायकों से सदन में अभय के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करवा दिया, जिस पर स्पीकर ने अभय चौटाला को दो दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निष्कासित कर दिया।
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हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन वह हो गया, जिसका अंदेशा काफी समय से था। विधानसभा में शून्यकाल में अभय चौटाला बोलने के लिए जैसे ही खड़े हुए तो उन्होने सबसे पहले मुख्यमंत्री से सवाल किए। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल का आधा घंटा तो मुख्यमंत्री ने पीपीपी में जवाब देने में ले लिया। यह सब जानबूझकर मुख्यमंत्री ने इसलिए किया कि जरूरी सवालों पर बात न हो सके।
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इसके बाद अभय चौटाला ने हिसार एयरपोर्ट का मुद्दा उठाया। अभय ने कहा कि हिसार में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए मुख्यमंत्री, उड्डयन मंत्री और स्थानीय विधायक ने बड़े-बड़े इश्तिहार छपवाए। उस इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पोल तो लोकसभा में खुल गई जब वहां यह बताया गया कि हिसार में कोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं खोला जा रहा। लेकिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम पर वहां एक बहुत बड़ा भू-माफिया खड़ा कर दिया गया, जिसने एयरपोर्ट के साथ लगती बेशकीमती जमीनें कौड़ियों के भाव लेकर कंपनियों के नाम रजिस्ट्रियां करवा लीं।
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अभय चौटाला ने कहा कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम पर ठगी की गई है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के साथ सड़क को बंद कर दिए जाने के कारण पिछले लंबे समय से स्थानीय लोग धरने पर बैठे थे। पहला धरना लगातार 34 दिन चला। तब बरवाला का विधायक प्रदर्शनकारियों को उड्डयन मंत्री के पास लेकर गया और मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके लिए सड़क बनवा कर देंगे। फिर करोड़ों रूपए खर्च कर एक अस्थायी सड़क बनवा दी गई और साथ ही आसपास की जमीनें कंपनियों के दाम खरीद ली गईं। फिर उस सड़क को बंद कर दिया गया। उन्होंने सीएम से इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आड़ में किन लोगों ने जमीनें खरीदी हैं, इसकी जांच करवाने की मांग की। अभय ने कहा कि 12-14 गांव ऐसे हैं, जहां के लोग इस सड़क के बंद होने से 6 किमी की जगह 32 किमी का सफर तय कर रहे हैं।
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यहां काबिलेगौर है कि उड्डयन विभाग दुष्यंत चौटाला के पास है। जाहिर है कि अभय का हमला सीधे दुष्यंत चौटाला पर था। लिहाजा, दुष्यंत खड़े हुए और अभय पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। दुष्यंत ने कहा कि वहां अक्वायर की गई जमीन सरकारी थी। अभय चौटाला गलत बोल रहे हैं। इस पर अभय का हमला और तगड़ा हो गया। उन्होंने दुष्यंत से कहा कि अगर वहां खरीदी हुई जमीन तेरी कंपनी के नाम मिल गईं तो फिर क्या करेगा तू। तेरी अपनी कंपनी के नाम जमीनें खरीदी गई हैं। औरों की बात तू क्या करता है। सबसे बड़ा चोर तो तू ही है। खा गया सारा प्रदेश लूट कर और खड़े होकर सफाई देता है। अभय ने स्पीकर पर भी चोर उचक्कों को बचाने का आरोप लगाया।
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इस हमले के बाद तिलमिलाए दुष्यंत चौटाला अपने विधायक जोगीराम सिहाग और मंत्री अनूप धानक के जरिये सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ले आए। प्रस्ताव स्वीकार कर विधानसभा की विशेषाधिकार हनन कमेटी को जांच के लिए सौंप दिया गया है। साथ ही अभय चौटाला को दो दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निष्कासित कर दिया गया है।
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सदन की कार्यवाही से अभय सिंह चौटाला द्वारा स्पीकर से बोले गए "आप चोर उचक्कों को क्यों बचाना चाहते हैं, जो सारे प्रदेश को लूट कर खा गए" शब्द सदन की कार्यवाही से निकलवा दिए गए, लेकिन दुष्यंत से सीधे बोले गए शब्दों के बारे में कुछ नहीं किया गया। इसका मतलब साफ है कि दुष्यंत के लिए प्रयोग किए गए शब्दों को सदन की कार्यवाही में बरकरार रखा गया है, जो राज्य की गठभंधन सरकार में शामिल दोनों दलों के संबंधों की ओर इशारा करता है।
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