केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दिल्ली की अदालत के उस आदेश को चुनौती दे सकती है, जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसी को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को तुरंत वापस लेने और उनसे माफी मांगने का निर्देश दिया गया था।
राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने गुरुवार को पटेल को राहत दी थी, जिन्होंने सीबीआई के लुकआउट सर्कुलर को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले पटेल को बुधवार को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर लुकआउट सर्कुलर के आधार पर अमेरिका जाने वाली उड़ान में सवार होने से रोक दिया गया था।
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लुकआउट सर्कुलर को वापस लेने का निर्देश देने के अलावा अदालत ने सीबीआई निदेशक से लिखित माफी भी मांगी है। कोर्ट के आदेश में कहा गया कि इस मामले में, सीबीआई के प्रमुख, यानी निदेशक सीबीआई द्वारा आवेदक को अपने अधीनस्थ की ओर से चूक को स्वीकार करते हुए एक लिखित माफी देंगे, जो न केवल आवेदक के घावों को भरने में बल्कि जनता के विश्वास को बनाए रखने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
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कोर्ट ने पटेल के वकील तनवीर अहमद मीर की दलीलों पर ध्यान दिया, जिन्होंने तर्क दिया था कि परिपत्र बिना किसी प्रक्रिया के जारी किया गया था और लेखक के मौलिक अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल द्वारा जांच एजेंसी को सहयोग नहीं करने का कोई सवाल ही नहीं था।
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गौरतलब है कि पत्रकार और लेखक आकार पटेल अमेरिका जा रहे थे, जब उन्हें एफसीआरए (विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के मामले में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर का हवाला देते हुए बुधवार को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर देश छोड़ने से रोक दिया गया था। पटेल ने पहले 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित विषयों पर काम किया था और एक रिपोर्ट 'राइटस एंड रॉन्ग्स' पेश की थी। इसके अलावा उन्होंने भारत और पाकिस्तान में प्रकाशनों के लिए कॉलम भी लिखे थे।
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