केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस तरह के संकेत दिए कि सरकार की कई सेवाओं और योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य रूप से लिंक करने की समयसीमा 31 मार्च के आगे बढ़ाई जा सकती है। केंद्र ने कहा कि चूंकि आधार से जुड़े मामले की सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई खत्म होने में अभी वक्त लगेगा, इसलिए सरकार यह डेडलाइन बढ़ा सकती है।
आधार से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। इस पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे हैं। बेंच में जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं। तमाम सेवाओं और योजनाओं के आधार से अनिवार्य रूप से जोड़ने को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर हैं। इन याचिकाओं में आधार एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान जब केंद्र ने यह संकेत दिए तो सुनवाई कर रही संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की दलील से सहमति जताई। वेणुगोपाल ने कहा, 'हमने पहले भी समयसीमा बढ़ाई है और फिर से बढ़ाएंगे, लेकिन हम महीने के आखिर में यह कर सकते हैं ताकि मामले में याचिकाकर्ता अपनी दलीलें पूरी कर सकें।' इस पर पीठ ने कहा कि, 'अटार्नी जनरल ने बहुत सही बिंदु उठाया है और अदालत मामले में याचिकाकर्ताओं के वकीलों द्वारा दलीलें दोहराने नहीं देगी।'
आधार को चुनौती देती याचिका दाखिल करने वालों के वकील श्याम दीवान ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 31 मार्च की डेडलाइन को बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि तब तक याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने की संभावना नहीं है। साथ ही 31 मार्च की डेडलाइन कायम रहती है तो इसका देशभर में असर पड़ेगा। कई संस्थानों को खुद को इस डेडलाइन के हिसाब से एडजस्ट करना होगा। आधार की डेडलाइन बढ़ाने की दलीलों पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी कहा कि अगर यह कोर्ट 20 मार्च तक फैसला दे देती है, तब भी बैंकों और अन्य संस्थानों के पास 10 ही दिन बचेंगे। ऐसे में उनके लिए मुश्किलें पैदा होंगी। इसके बाद बेंच ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को इस मुद्दे पर मदद के लिए बुलाया गया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को आधार लिंक कराने की डेडलाइन 31 मार्च तक बढ़ा दी थी।
वैसे हाल ही में आए आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च की डेडलाइन से पहले देशभर के करीब 80 फीसदी बैंक खाते आधार से लिंक हो चुके हैं। आधार जारी करने वाली संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी यूआईडीएआई के एक अफसर के मुताबिक, करीब 60 फीसदी मोबाइल कनेक्शन भी आधार से जोड़े जा चुके हैं।
फिलहाल जिन सेवाओं में आधार को बतौर पहचान प्रमाण माना जा रहा है उनमें पासपोर्ट, बैंक खाता खुलवाना, बीमा लेना, नए मोबाईल कनेक्शन लेना, पुराने मोबाइल कनेक्शन को भी आधार से अपडेट करना, रेल टिकट में छूट लेना, वोटर लिस्ट में नाम वेरिफाइ कराना, पीएफ खाते के लिए यूएएन यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जारी कराना, आयकर रिटर्न भरना, पैन जारी कराना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिलना, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस और हाल ही में लॉन्च हुए भीम ऐप के जरिए पैसे भेजना, गैस की सब्सिडी लेना आदि शामिल हैं।
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