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आधार कार्ड का सॉफ्टवेयर हुआ हैक, कांग्रेस ने कहा, एक अरब लोगों की निजी जानकारी खतरे में

एक अरब से अधिक भारतीयों के आधार कार्ड का पूरा डेटाबेस खतरे में है। हफिंगटन पोस्ट के खुलासे के मुताबिक एक ऐसे सॉफ्टवेयर का पता चला है जो आधार के बॉयोमेट्रिक और पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखने वाले सिक्योरिटी फीचर को नाकाम कर देता है।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  हफिंगटन पोस्ट का खुलासा, आधार कार्ड का सॉफ्टवेयर हुआ हैक

कांग्रेस ने आधार के डेटाबेस में सेंध की खबरों के बीच मंगलवार को कहा कि विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) में दर्ज लोगों के विवरण खतरे में हैं। हफिंगटन पोस्ट की जांच के बाद पार्टी की ओर से टिप्पणी आई है। कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, “आधार नामांकन सॉफ्टवेयर के हैक हो जाने से आधार डेटाबेस की सुरक्षा खतरे में आ सकती है। हमें उम्मीद है कि अधिकारी भावी नामांकनों को सुरक्षित करने और संदिग्ध नामांकन की पुष्टि के लिए उचित कदम उठाएंगे।”

हफिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया है कि आधार डेटाबेस, जिसमें एक अरब से अधिक भारतीयों की बॉयोमेट्रिक्स और व्यक्तिगत जानकारियां शामिल हैं, उनमें एक सॉफ्टवेयर पैच के जरिए सेंध लगा दी गई है, जिसकी मदद से आधार के सिक्युरिटी फीचर को बंद किया जा सकता है।

हफिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आधार कार्ड का सॉफ्टवेयर हैक किया जा चुका है और भारत के करीब एक अरब लोगों की निजी जानकारी दांव पर लगी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार कार्ड के सॉफ्टवेयर में एक गड़बड़ी की वजह से दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति किसी के भी नाम से वास्तविक आधार कार्ड बना सकता है।

आधार के सिक्योरिटी फीचर को नाकाम करने वाला ये सॉफ्टेवेयर सिर्फ 2500 रुपए में आसानी से लोगों के लिए उपलब्ध है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से दुनिया में कहीं भी बैठा शख्स 12 डिजिट वाला आधार नंबर तैयार कर सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक यह कहा गया है कि आधार कार्ड हैक करने वाला यह सॉफ्टवेयर 2,500 रुपये में व्हाट्सएप पर बेचा जा रहा है। साथ ही यूट्यूब पर भी कई वीडियो मौजूद हैं जिनमें एक कोड के जरिए किसी के भी आधार कार्ड से छेड़छाड़ हो सकती है और नया आधार कार्ड बनाया जा सकता है।

हालांकि इस मामले पर यूआईडीएआई ने कोई बयान नहीं दिया है।

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पिछले महीने फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डर्सन ने यूआईडीएआई से सवाल किया था कि क्यों इसकी हेल्पलाइन संख्या कई लोगों के फोन पर उनकी जानकारी के बिना दर्ज हो गई, जिससे काफी विवाद हुआ था। अब उन्होंने एक बार फिर कहा है कि यूआईडीएआई डेटा में सेंध को रोकने के लिए हैकर्स के साथ काम करें।

उन्होंने कहा, “मैं दोहराता हूं कि कोई भी चीज ऐसी नहीं है, जिसे हैक न किया जा सके। यह आधार पर भी लागू होती है। कभी भी बहुत देर नहीं होती। सुनिए और हैकर्स को धमकी देने के बजाए उनसे बात कीजिए।”

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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