भोपाल में एक एनजीओ द्वारा संचालित हॉस्टल से 26 बच्चियां गायब होने के सनसनीखेज मामला सामने आया है। परवलिया पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी संज्ञान लिया है। दैनिक भास्कर के मुताबिक, तारा सेवनिया में चिल्ड्रन होम बिना अनुमति के संचालित हो रहा है। बताया जाता है कि 68 बच्चियों के रहने की एंट्री है, लेकिन यहां मात्र 41 बच्चियां मिलीं। वहीं आयोग ने पूरे मामले में मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
सात दिन में मांगी जांच रिपोर्ट
चिल्ड्रन होम में मध्यप्रदेश के सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट के अलावा गुजरात, झारखंड और राजस्थान की बच्चियां रहती हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखा है। आयोग ने सीएस से सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।
राष्ट्रीय बाल आयोग के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने एक एनजीओ को चाइल्ड हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों को सुनने और मुश्किल में फंसे बच्चों को रेस्क्यू करने का काम सौंप रखा है। एनजीओ संचालक ने भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में आंचल नाम से हॉस्टल बनाया है। एनजीओ के कर्मचारियों ने चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर आए डिस्ट्रेस और मुश्किल में फंसे बच्चों के कॉल के आधार पर साल 2020 से रेस्क्यू शुरू किया।
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अब तक 43 बच्चियों को रेस्क्यू किया। इस संस्था ने बच्चों को भोपाल की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश करने के बजाय सीधे हॉस्टल में रखा। नियमानुसार सीडब्ल्यूसी के सामने पेश कर, बालिका गृह में भेजा जाना था।
वहीं एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा का कहना है कि बच्चियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। उनके बयान के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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