बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में तबाही मचा रही गंडक नदी की उफनाती लहरों के बीच रविवार को एक गर्भवती महिला ने बाढ़ राहत और बचाव कार्य में जुटी एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन की बचाव बोट पर एक बच्ची को जन्म दिया। बाढ़ में फंसी गर्भवती महिला को सुरक्षित अस्पताल ले जाने के क्रम में बीच मझधार में ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिसके बाद नाव पर ही आशा सेविका का मौजूदगी में महिला ने बच्ची को जन्म दिया।
पूर्वी चंपारण जिले के बंजरिया प्रखंड का गोबरी गांव बाढ़ में पूरी तरह से डूबा हुआ है। रविवार को इसी गांव के मुनिलाल महतो की पत्नी रीमा देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उनके परिवार के लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती रीमा को जल्द से नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने की थी।
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रीमा की हालत की सूचना उसी गांव के नजदीक बचाव अभियान में जुटे एनडीआरएफ टीम के कमांडर सहायक उपनिरीक्षक जितेंद्र कुमार को मिली, उन्होंने अपने प्रभारी अधिकारी अरविंद मिश्रा को सूचना दी और उनके निर्देश पर एनडीआरएफ के बचावकर्मी त्वरित कार्यवाही करते हुए तुरंत प्रसव पीड़िता महिला के घर के नजदीक रेस्क्यू बोट से पहुंच गए। एनडीआरएफ टीम प्रसव पीड़िता महिला रीमा देवी को उनके परिजनों और साथ में एक 'आशा' सेविका को लेकर रेस्क्यू बोट से नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए निकल पड़े।
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लेकिन उफान के साथ बह रही बूढ़ी गंडक नदी की मझधार में गर्भवती महिला की प्रसव वेदना और बढ़ गई। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू बोट पर ही प्रसव कराने का फैसला लिया। एनडीआरएफ के बचावकर्मी, 'आशा' सेविका और उनके परिवार की महिलाओं के सहयोग से सफल और सुरक्षित प्रसव करा लिया गया और बाढ़ के बीच मझधार में ही एक नन्ही बच्ची की किलकारी गूंज उठी।
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इस तरह रीमा देवी ने एनडीआरएफ रेस्क्यू बोट पर एक बच्ची को जन्म दिया। बाद में जच्चा और बच्चा दोनों को भोला चौक रोड के नजदीक सुरक्षित लाकर एंबुलेंस की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बंजारिया (मोतिहारी) में भर्ती करवा दिया गया, जहां दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।
एनडीआरएफ के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया, "बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकालने के क्रम में साल 2013 से एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के रेस्क्यू बोट पर यह दसवें शिशु के जन्म की घटना है, जिसमें एक जुड़वे बच्चे का जन्म भी शामिल है।" विजय सिन्हा ने बताया कि बिहार में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए वर्तमान में एनडीआरएफ की 21 टीमें राज्य के 12 अलग-अलग जिलों में तैनात हैं। मोतिहारी जिले में अरविंद मिश्रा, सहायक कमांडेंट के नेतृत्व में तीन टीमें तैनात हैं।
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