कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ व्यवहारिक नहीं है और थाह लेने लिए एक बार फिर यह शिगूफा छोड़ा गया है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि कई विधानसभाएं हैं, जिन्हें भंग नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सरकार ने प्रतिक्रिया की थाह लेने के लिए शिगूफा छोड़ा है।
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सूत्रों ने रविवार को कहा था कि बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक देश, एक चुनाव’ व्यवस्था लागू करेगी और उसे भरोसा है कि इस सुधार को सभी दलों का समर्थन मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर सूत्रों ने बताया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर एकजुटता शेष कार्यकाल में भी बनी रहेगी।
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इस बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘सरकार सूत्रों पर कब तब चलती रहेगी? सरकार के अधिकृत व्यक्ति इस बारे में बात क्यों नहीं करते? सरकार कोई मसौदा क्यों नहीं पेश करती? सरकार सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाती?’’ उन्होंने कहा कि असलियत यह है कि तमाम ऐसी विधानसभाएं हैं, जिन्हें आप भांग नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि असलियत में यह शिगूफा इस बात की थाह लेने के लिए छोड़ा गया है कि इस पर क्या प्रतिक्रिया होती है।
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