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कोरोना से निपटने के लिए जामिया में बनेगा 50 बेड का अस्पताल, अब तक कई प्रोफेसर-स्टाफ की हो चुकी है मौत

जामिया कार्यकारी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जामिया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए प्रोजेक्ट प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा है। जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक जामिया में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का निर्माण करना जामिया बिरादरी का एक सपना है।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने से जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कई विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर और स्टाफ की मौत को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी से कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करने की तैयारी शुरू कर दी है। जामिया विश्वविद्यालय के अंसारी स्वास्थ्य केंद्र में एक विशेष 'कोविड केयर सेंटर' बनाया जाएगा, जहां कोरोना पीड़ित जामिया कर्मचारियों और उनके आश्रितों का इलाज किया जाएगा।

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जामिया टीचर्स एसोसिएशन के मुताबिक उनके यहां कई प्रोफेसर की कोरोना से मौत हो चुकी है। इनमें डॉ सावित्री (राजनीति विज्ञान), प्रोफेसर शफीक अंसारी (नैनोटेक्नोलॉजिस्ट एवं निदेशक आईक्यूएसी), प्रोफेसर, रिजवान कैसर (इतिहासकार और पूर्व जेटीए सचिव), प्रोफेसर नबीला और डॉ अभय कुमार शांडिल्य (संस्कृत विभाग) शामिल हैं।

कोरोना से हुए इस नुकसान को देखते हुए जामिया में कोरोना की रोकथाम को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। सर्वोच्च निर्णय लेने वाली निकाय, कार्यकारी परिषद (ईसी) की इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्रमुख निर्णयों के अनुसार यहां एक 'कोविड केयर सेंटर' की स्थापना की जाएगी।

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कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए 50 बिस्तरों वाले कोविड केयर सेंटर की स्थापना को मंजूरी दी गई है। यहां विश्वविद्यालय के कर्मचारी और किसी भी आपात स्थिति में उनके आश्रितों का इलाज किया जाएगा। यह 'कोविड केयर सेंटर' ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं से लैस होगा। कार्यकारी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जामिया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए प्रोजेक्ट प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा है। जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक जामिया में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का निर्माण करना जामिया बिरादरी का एक सपना है।

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जामिया टीचर्स एसोसिएशन (जेटीए) के सचिव डॉ एम इरफान कुरैशी के मुताबिक, ''जामिया के कई शिक्षक और कर्मचारी अच्छे अस्पतालों की चाह में यहां-वहां भटकते रहे। सही उपचार के आभाव में कई लोगों ने कोविड संक्रमण से अपनी जान गंवा दी। कई गैर शिक्षण स्टाफ सदस्यों की भी कोरोना से मौत हुई है।''

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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