हिमाचल प्रदेश में करीब 75.6 फीसदी मतदान हुआ है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि ईवीएम के माध्यम से मतदान प्रतिशत 74.6 फीसदी था। इसके अलावा, एक प्रतिशत डाक मतपत्र प्राप्त हुए थे, जिससे अब तक कुल मतदान 75.6 प्रतिशत हो गया है और लगभग दो प्रतिशत डाक मतपत्र अभी प्राप्त होने बाकी हैं। वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 75.57 था।
हिमाचल चुनाव में सर्वाधिक मतदान प्रतिशत 85.25 प्रतिशत दून विधानसभा क्षेत्र में और सबसे कम मतदान प्रतिशत 62.53 प्रतिशत शिमला निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज किया गया। राज्य चुनाव विभाग ने 2017 के विधानसभा चुनावों में कम मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया था।
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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विभाग ने अपने अनूठे कार्यक्रम उत्सव (यूनिवर्सल ट्रांसपेरेंट इलेक्शन थ्रू सिस्टमैटिक अवेयरनेस ऑफ वोटर्स) के तहत स्वीप और मतदाता जागरूकता गतिविधियों की शुरुआत की और विशेष रूप से 11 विधानसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया। 11 निर्वाचन क्षेत्रों- धरमपुर, जयसिंहपुर, शिमला, बैजनाथ, भोरंज, सोलन, कसुम्पति, सरकाघाट, जसवां परागपुर, हमीरपुर और बडसर- के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चला है कि अंतत: उनमें से नौ में मतदान प्रतिशत में सात प्रतिशत तक सुधार हुआ है।
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धरमपुर निर्वाचन क्षेत्र में प्रतिशत वृद्धि 6.93 थी, यानी 2017 में 63.6 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 70.54 प्रतिशत हो गई। इसी तरह, जयसिंहपुर में, 2017 में 63.79 प्रतिशत से बढ़कर 65.31 प्रतिशत, भोरंज में 2017 में 65.04 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान विधानसभा चुनाव में 68.55 प्रतिशत हो गया। सोलन में 66.45 से 66.84 प्रतिशत, बड़सर में 69.06 से 71.17 प्रतिशत, हमीरपुर में 68.52 से 71.28 प्रतिशत, जसवां-परागपुर में 68.41 से 73.67 प्रतिशत, सरकाघाट में 67.23 से 68.06 प्रतिशत और कसुम्पटी में 66.86 से 68.24 प्रतिशत हो गया।
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हालांकि, शिमला (शहरी) में 2017 के 63.9 से घटकर 2022 में 62.53 प्रतिशत और बैजनाथ में 2017 के 64.92 से 2022 में 63.46 प्रतिशत हो गया। मतदाताओं में कुल पुरुष मतदाता 27,88,925 और महिला मतदाता 27,36,306 और थर्ड जेंडर के मतदाता 38 थे। इनमें से मताधिकार के अधिकार का प्रयोग करने वाले पुरुष जनसंख्या का कुल प्रतिशत 72.4 था, जबकि महिलाओं का 76.8 प्रतिशत और थर्ड जेंडर 68.4 प्रतिशत था।
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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि स्ट्रांग रूम को त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के साथ सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रभावी प्रवर्तन के कारण 14 अक्टूबर को मतदान की घोषणा के बाद से मतदान के दिन तक लगभग 60 करोड़ रुपये की जब्ती की गई, जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में लगभग 10 करोड़ रुपये की जब्ती की गई थी।
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