हालात

इन 5 बिंदुओं में समझें कृषि कानूनों पर अदालती मध्यस्थता कितनी सार्थक !

कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित कर आखिर सुप्रीम कोर्ट ने क्या संदेश दिया है, इस पर कानूनविदों की राय अलग-अलग है। इन पांच बिंदुओं में समझे कि कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आखिर असमंजस क्यों पैदा हुआ है:

फोटो : Getty Images
फोटो : Getty Images Hindustan Times

1. कानून का निलंबन

क्या किसी कानून को उसकी संवैधानिकता या वैधता तय किए बिना निलंबित किया जा सकता है? किसानों का कहना है कि कृषि कानून असंवैधानिक हैं क्योंकि ये संघवाद का उल्लंघन करते हैं। कृषि राज्य सूची का विषय है और केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप कर रही है। किसानों की यह भी दलील है कि ये कानून इसलिए भी असंवैधानिक हैं क्योंकि ये विवादों और शिकायतों के अदालतों में निवारण की अनुमति नहीं देते।

लेकिन, कोर्ट इन सारे मुद्दों और दलीलों पर चुप है।

2. सरकारी हिंसा

सरकार ने महामारी के कारण लागू तालाबंदी के दौरान बिना संसदीय समिति की जांच-पड़ताल या हितधारकों से विचार-विमर्श किए बिना ही कानून बना डाला। इसका विरोध करने सड़कों पर उतरे किसानों को हिंसा के बल पर रोकने की कोशिश की। आंसू गैस और पानी की तोपों का इस्तेमाल किया गया। सड़कों पर खाइयां खोद दी गईं, बैरिकेड और कंटीले तार लगाए गए। क्या कोर्ट को इसपर गौर नहीं करना चाहिए था?

3. तय प्रक्रिया का मुद्दा

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं के बारे में कोई स्पष्टता नहीं। प्रदर्शनकारी किसानों का दावा है कि उन्होंने न तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और न ही कोई प्रार्थना की। आदेश जारी करने से पहले अदालत ने किसानों के वकील प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, कॉलिन गोंजाल्वेस और एच.एस. फुलका को नहीं सुना। क्या अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की मांग की गई थी?

4. संवैधानिक अदालत या मध्यस्थ?

क्या एक संवैधानिक न्यायालय को मध्यस्थता के लिए आगे किया जा सकता है जिसका काम कानूनों की संवैधानिकता तय करना और उनकी व्याख्या करना है? अगर हां, तो किस प्रावधान के तहत? क्या यह न्यायिक अतिसक्रियता है? क्या सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में हस्तक्षेप कर सकता है जो विशुद्ध रूप से सरकार का काम है?

5. अदालती निष्पक्षता

समिति के सदस्यों की निष्पक्षता का सवाल तो उठ ही रहे हैं। ऐसी समिति बनाने से क्या संदेश जा रहा है? प्रदर्शनकारियों के बीच मौजूद महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह शपथ मांगा गया है कि वे घर लौट जाएंगे। इसके साथ ही अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को राष्ट्रीय सुरक्षा सरोकारों को उठाने की अनुमति दी गई है। इसका निहितार्थ क्या है?

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined