अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहरी गेट पर गुरुवार को भीषण धमाके ने पूरी दुनिया को दहला दिया है। एयरपोर्ट के बाहर हुए लगातार दो धमाकों में विदेशी मीडिया के अनुसार, 4 अमेरिकी मरीन सहित 40 लोगों की मौत हुई है और 120 से अधिक लोग घायल हुए हैं। धमाकों के बाद वहां पर भारी गोलीबारी होने की भी खबर है। अकेल काबुल के आपातकालीन अस्पताल ने 60 से ज्यादा घायलों के आने की पुष्टि की है। धमाकों में कई अमेरिकी नागरिकों के घायल होने की भी खबर है। हालांकि, तालिबान ने 13 से 20 लोगों की मौत की बात कही है।
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पहला ब्लास्ट एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर हुआ। इसके बाद दूसरा धमाका एयरपोर्ट के नजदीक बने बैरन होटल के पास हुआ, जहां ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए हैं। पहले धमाके के फौरन बाद फ्रांस ने दूसरे धमाके का अलर्ट जारी किया था, जिसके कुछ देर बाद फिर से धमाका हुआ। काबुल एयरपोर्ट और उसके आस-पास के इलाकों में धमाके की वजह से अफरा-तफरी का माहौल है। काबुल एयरपोर्ट की हिफाजत कर रहे अमेरिकी सैनिकों ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।
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इन धमाकों में अमेकिरी नागरिकों के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा है कि एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोटों में चार अमेरिकी मरीन मारे गए हैं और तीन घायल हुए हैं। वहीं, पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट पर आज के भीषण हमले में कई अमेरिकी कर्मचारी मारे गए हैं। कई घायलों का इलाज किया जा रहा है। इस जघन्य हमले के शिकार कई अफगानी भी हुए हैं। हालांकि यह संख्या अभी और बढ़ने की संभावना है।
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वहीं, धमाकों के फौरन बाद काबुल में अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि हवाई अड्डे पर एक बड़ा विस्फोट हुआ है और वहां गोलीबारी होने की खबरें हैं। अमेरिकी नागरिकों को इस समय एयरपोर्ट की यात्रा करने से बचना चाहिए और हवाईअड्डे के गेट पर जाने से बचना चाहिए। अमेरिकी नागरिक जो एबे गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट पर हैं, उन्हें अब तुरंत वहां से निकल जाना चाहिए।
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गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल एयरपोर्ट विदेशियों और देश छोड़ने वाले अफगानों की निकासी मिशन का एकमात्र केंद्र और जरिया बना हुआ है। लेकिन आज के धमाकों से इस निकासी मिशन को बड़ा झटका लगा है। पहले ही तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों को देश छोड़ने के लिए 31 अगस्त तक की समयसीमा दी थी। लेकिन अब निकासी मिशन की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। इस बीच नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि काबुल में गुरुवार को हुए भयानक आतंकवादी हमले के बाद भी निकासी अभियान जारी रहना चाहिए।
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