बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र में निर्माणाधीन शौचालय टैंक साफ कर रहे 4 मजदूरों की मौत जहरीली गैस की चपेट में आने से हो गई है, जबकि एक अन्य मजदूर की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। पुलिस के अनुसार, सिमरिया गांव निवासी उमेश मंडल के घर में शौचालय के लिए पिछले दिनों शौचालय टैंक का निर्माण कराया गया था। इसको लेकर आज सेंटरिंग खोलने के लिए टैंक में सीढ़ी लगाकर एक-एक कर चार मजदूर उतरे और जहरीली गैस की चपेट में आने से सभी चारों की मौत हो गई।
एक अन्य मजदूर टैंक के अंदर जाने के दौरान बेहोश हो गया, जिसे ग्रामीणों की मदद से किसी तरह बाहर निकाल लिया गया। त्रिवेणीगंज के पुलिस उपाधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि मृतकों की पहचान विश्वबंधु मंडल, राजेश मंडल, उपेन्द्र मंडल और संतोष मंडल के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए सुपौल सदर अस्ताल भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में बेहोश मजदूर को इलाज के लिए सहरसा भेज दिया गया है और पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
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सेप्टिक टैंकों में दम घुटने से मजूदरों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इससे पहले 12 जून को पूर्णिया शहर के रामबाग स्थित एक निर्माणाधीन मॉल के शौचालय की टंकी में दम घुटने से तीन मजदूरों की मौत हो गयी थी। तीनों मजदूर कसबा प्रखंड के मिर्जाबाड़ी के रहने वाले थे। मरने वालों में दो सगे भाई थे।
24 सितंबर 2017 को सीतामढ़ी जिले के सहियारा थाने के छोटी बेलाही गांव में शौचालय की टंकी साफ करने के दौरान दम घुटने से 4 युवकों की मौत हो गई थी।
इसी जून महीने में छत्तीसगढ़ के मद्देड़ थाना क्षेत्र में सेप्टिक टैंक से जहरीली गैस के रिसाव से एक ही परिवार को चार लोगों की मौत हो गई थी।
30 मई को आगरा के निकट बरहन में एक सेप्टिक टैंक से जहरीली गैस के रिसाव के चलते एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि 8 लोग बीमार पड़ गये थे।
अप्रैल में दिल्ली सरकार ने विधानसभा में बताया था कि पिछले साल सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान शहर में 12 लोगों की मौत हो गई थी।
(आईएनएस के इनपुट के साथ)
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