23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट संसद में पेश किया। इस बजट का विपक्ष जमकर विरोध कर रहे है। आज संसद में बजट पर चर्चा होने से पहले ही इंडिया गठबंधन ने बजट के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इंडिया गठबंधन का आरोप है केंद्र सरकार ने विपक्ष शासित राज्यों के साथ बजट में भेद-भाव किया है।
बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी के चार मुख्यमंत्री 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। ये 4 मुख्यमंत्री है- सिद्धारमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), सुखविंदर सुखू (हिमाचल प्रदेश) और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन (तमिलनाडु)।
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वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मंगलवार को पेश किया गया केंद्रीय बजट बेहद भेदभावपूर्ण और खतरनाक है, जो संघवाद और निष्पक्षता के सिद्धांतों के बिल्कुल खिलाफ है, जिसका केंद्र सरकार को पालन करना चाहिए। इसके विरोध में, कांग्रेस के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे।'
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्रीय बजट में राज्य की मांगों की “अनदेखी” किये जाने के विरोध में 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि कर्नाटक वासियों की नहीं सुनी गई, ऐसे में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि केंद्रीय बजट में राज्य की पूरी तरह से अनदेखी की गई और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे।
स्टालिन ने बजट को बेहद निराशाजनक करार देते हुए कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है, इसलिए नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना उपयुक्त होगा।
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