उत्तर प्रदेश के बदायूं में परेशान करने देने वाला मामला सामने आया है। महिला जिला अस्पताल की विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में पिछले 50 दिनों में 32 बच्चों की जान जा चुकी है। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महके में हड़कंप मच गया है। बदायूं जिला अस्पताल के सीएमओ मनजीत सिंह ने कहा, “जिन बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था, उनमें गंभीर बीमारियां थीं और उनके बचने की संभावना कम थी।”
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बदायूं की जिला महिला अस्पताल की अधीक्षक डॉ. रेखा रानी ने कहा, “इस महीने अस्पताल में बच्चों के प्रवेश में बढ़ोतरी हुई है। जिन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया उनमें कुछ बच्चों के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। लगभग 20 बच्चों का इलाज किया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई।” हालाकं कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है या नहीं।
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उत्तर प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में नवजात बच्चों की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले बच्चों की मौत के मामले में गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में आया था। बीआरडी कॉलेज में इस साल जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के 87 मरीज भर्ती हुए, जिसमें 19 मरीजों की मौत हो गई।
2017 में 2248 से ज्यादा जेई और एइएस के मरीज भर्ती हुए थे, जिनमे 512 मरीजों की मौत हो गई थी। 2018 में इस बीमारी के मरीजों की संख्या 1047 थी, जिसमें से 166 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी थी।
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