हालात

भयावह होता जा रहा है कोरोना! देश के 3 सांसद, 6 विधायक और पूर्व राष्ट्रपति का हो चुका है निधन

देश में कोरोना की स्थिति अब भयावह हो गई है। हर रोज 90 हजार से ज्यादा मामलों से लोग डरे हुए हैं। ये वायरस आम से लेकर खास सबको अपनी चपेट में ले रहा है। इस तरह यह सूची बढ़ती जा रही है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि भारत की मृत्युदर दुनिया में सबसे कम है।

फोटो: Getty Images
फोटो: Getty Images 

खतरनाक कोविड-19 संक्रमण मानव जीवन पर गहरा असर डाल रहा है और यह किसी को भी नहीं बख्श रहा है, यहां तक की वीवीआईपी भी इसके खतरे से बाहर नहीं हैं। यह अब तक छह विधायकों और तीन सांसदों की जान ले चुका है। विधायकों में राज्यमंत्री भी शामिल थे। भारत में अभी तक कोविड-19 से 85,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।

Published: undefined

भारत में कोविड-19 से मारे गए लोगों में सबसे बड़ा नाम पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का रहा है। वह सेना के आर एंड आर अस्पताल में मस्तिष्क की सर्जरी के लिए भर्ती हुए थे, लेकिन वायरस से संक्रमित होने के कारण उनकी हालत दिन पर दिन बिगड़ती गई और अंतत: उनका निधन हो गया। वायरस के कारण मरने वाले सांसदों में से भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य अशोक गस्ती (55) भी थे। उनके गंभीर कोविड-19 निमोनिया से संक्रमित होने की जानकारी मिली थी और 2 सितंबर को ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर मनिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत बदतर होने के कारण कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। गस्ती निधन के वक्त लाइफ सपोर्ट पर थे।

Published: undefined

इससे पहले, तिरुपति के सांसद बल्ली दुर्गा प्रसाद राव का चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया। 64 वर्षीय लोकसभा सांसद कोविड-19 से संक्रमित थे। वाईएसआरसीपी नेता नेल्लोर के गुडूर से चार बार विधायक भी रह चुके थे। उन्होंने मात्र 28 साल की उम्र में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था। राव वायरस के कारण दम तोड़ने वाले दूसरे सांसद थे। तमिलनाडु में कन्याकुमारी से कांग्रेस सांसद, एच. वसंत कुमार (70) कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले पहले सांसद थे। प्रधानमंत्री ने उनकी मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए सांसद के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट की थी। उन्होंने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली।

Published: undefined

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष की मृत्यु के बाद अपोलो हॉस्पिटल्स ने कहा कि सांसद को गंभीर कोविड निमोनिया था और उनका इलाज क्रिटिकल केयर यूनिट में हो रहा था। अस्पताल ने कहा था, सभी सक्रिय चिकित्सा उपायों के बावजूद, उनकी स्थिति कोविड जटिलताओं के कारण धीरे-धीरे खराब हो गई और उनका निधन हो गया। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह सितंबर है और महामारी के खत्म होने में अभी लंबा समय लगेगा। लेकिन भारत ने पहले ही करीब छह विधायकों को वायरस के कारण खो दिया है। उत्तर प्रदेश के हिंदी हार्टलैंड स्थल से लेकर गंगा भूमि पश्चिम बंगाल तक राजनीतिक परिदृश्य के लिए कोविड दर्दनाक रहा।

Published: undefined

उत्तर प्रदेश में, वायरस के कारण एक महीने के अंतराल में दो मंत्रियों ने अपनी जान गंवा दी। सबसे पहले योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला मंत्री व उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण और उनके बाद क्रिकेटर से सैनिक कल्याण और नागरिक सुरक्षा मंत्री बने चेतन चौहान ने कोविड से लड़ाई में हार मान ली। कोविड के कारण तबीयत बिगड़ने के बाद चौहान को वेंटिलेटर पर रखा गया था, क्योंकि संक्रमण के कारण उनकी किडनी काफी प्रभावित हुई थी। वहीं, वरुण को मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हाइपोथायरॉयडिज्म जैसी बीमारियां थीं। दोनों वायरस के शिकार हो गए।

Published: undefined

वहीं मध्य प्रदेश में एक विधायक ने कोविड-19 के कारण अपनी जान गवां दी। राजगढ़ के बियोरा से कांग्रेस के विधायक गोवर्धन डांगी का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 15 सितंबर को कोविड-19 के कारण 54 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पश्चिम बंगाल में भी स्थिति समान रूप से गंभीर है। बंगाल ने कोविड-19 के कारण अपने दो विधायकों को खो दिया, इनमें पूर्वी मिदनापुर के एगरा से तृणमूल विधायक समरेश दास और दक्षिण 24 परगना जिले के फाल्टा निर्वाचन क्षेत्र से उनके ही पार्टी के सहयोगी तमोनाश घोष शामिल हैं। 76 वर्षीय दास को संक्रमण के कारण गुर्दे की जटिलताओं का सामना करना पड़ा, वहीं 60 वर्षीय घोष की मृत्यु ने पार्टी में कई लोगों को झकझोर दिया।

Published: undefined

वहीं दक्षिण की ओर चलें तो तमिलनाडु ने देश में सबसे पहले विधायक की कोविड-19 से हुई मौत का दुख झेला। डीएमके के चेपॉक-थिरुवल्लिकेनी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक जे अंबाजगन ने जून में जान गवां दी। वह 61 साल के थे। संक्रमण के कारण जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्हें 3 जून को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। उनकी हृदय और पुरानी किडनी संबंधी बीमारियों से उनकी स्थिति गंभीर हो गई। कुछ पूर्व सांसदों की भी कोविड-19 से मृत्यु हो गई। लेह के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. नांग्याल (83) का जून में लेह के एसएनएम अस्पताल में वायरस के कारण निधन हो गया। वह लद्दाख से तीन बार सांसद थे। वह राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में सेवा दे चुके थे।

Published: undefined

उसी महीने महाराष्ट्र के पूर्व सांसद हरिभाऊ जवाले का भी कोविड-19 के कारण निधन हो गया। दो बार विधायक रह चुके जवाले महाराष्ट्र में नोवल कोरोनावायरस के कारण जान गवांने वाले पहले वरिष्ठ राजनेता थे। वहीं पंढरपुर से पांच बार के विधायक सुधारक पारीचारक का अगस्त में पुणे के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 85 वर्षीय ने हाल तक पार्टी से जुड़े थे। उन्होंने 5 अगस्त को कोविड-19 संक्रमित होन के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिग्गज सीपीआई-एम नेता श्यामल चक्रवर्ती का भी कोविड पॉजिटिव होने के कुछ ही दिनों बाद निधन हो गया था। 76 वर्षीय नेता ने बंगाल में वाम मोर्चा सरकार में पश्चिम बंगाल परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया था। अगस्त की शुरुआत में कोलकाता के एक निजी अस्पताल में कोरोना के कारण उनका निधन हो गया।

Published: undefined

इस तरह यह सूची बढ़ती जा रही है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि भारत की मृत्युदर दुनिया में सबसे कम है, वहीं सांसदों की मौत ने विपक्ष को खतरे की घंटी बजाने पर मजबूर कर दिया है। विपक्षी दलों ने शनिवार को व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा पर चिंता जताई। उन्होंने केंद्र सरकार को संसद के मानसून सत्र को संभवत: स्थगित करने के लिए सहमत होने के लिए मजबूर किया। यहां तक कि शनिवार को भी राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदस्यों को अपने स्वयं के लाभ के लिए सदन में आईसीएमआर प्रोटोकॉल का पालन करने की चेतावनी दी।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined