बिहार में इस बार मकर संक्रांति के अवसर पर दिग्गज नेताओं के घर पर चूड़ा-दही के भोज का आयोजन नहीं होने के कारण सियासी माहौल बदला नजर आया। राज्य में मकर संक्रांति के मौके पर नेताओं के यहां दिए जाने वाले भोज के बहाने सियासी खिचड़ी भी खूब पकती रही है। लेकिन इस बार दही-चूड़ा भोज के लिए चर्चित राज्य के नेताओं के आवास पर चहल-पहल नहीं दिखी और न ही किसी के आवास पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया।
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राज्य में मकर संक्रांति के मौके पर इस साल पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी लोगों की भीड़ नहीं देखी गई। लालू यादव की उपस्थिति में यहां हर साल चूड़ा-दही के भोज का आयोजन होता था, लेकिन इस साल यहां भी भोज का आयोजन नहीं किया गया। खास ये है कि बिहार की सियासत में लालू प्रसाद ने ही दही-चूड़ा भोज के आयोजन की परंपरा की शुरुआत की थी। लालू ने साल 1994-95 में आम लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए इस परंपरा की शुरुआत की थी। इसके बाद इसका चलन शुरू हो गया।
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इसके बाद मकर संक्रांति के मौके पर अन्य दलों के कुछ प्रमुख नेताओं द्वारा भी दही-चूड़ा भोज का आयोजन होता रहा है, जिसमें पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शामिल होते रहे। इन्हीं में जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह पिछले दो दशक से भी अधिक समय से मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन करते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना के कारण भोज का आयोजन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण इस साल भोज स्थगित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा वे भाईचारे के लिए भोज का आयोजन करते हैं।
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हालांकि, ऐसा नहीं है कि इस साल मकर संक्रांति पूरी तरह फीकी रही। इस साल भी कुछ नेताओं के आवास पर भोज का आयोजन किया गया। गुरुवार को लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव ने अपने आवास पर चूड़ा-दही भोज का आयोजन किया। मकर संक्रांति के मौके पर तेजप्रताप अपनी मां राबड़ी देवी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे और मकर संक्रांति के मौके पर उनका आशीर्वाद भी लिया।
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तेजप्रताप यादव ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "माता श्री से मिले तिलवा, तिलकुट, आशीर्वाद और प्यार के साथ हम तमाम बिहारवासियों के साथ मकर संक्रांति का पवित्र त्योहार मना रहे हैं। चूड़ा-दही भोज का आयोजन मेरे आवास पर किया गया है।"
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तेजप्रताप के अलावा जेडीयू के नेता और पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह के आवास पर भी भोज का आयोजन किया गया। इसके अलावा कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अवधेश सिंह के आवास पर भी चूड़ा-दही भोज का आयोजन किया गया, लेकिन इन आयोजनों में न उतने लोगों की उपस्थिति हुई और ना ही सियासी हलचल बढ़ी।
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