छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार 12 नवंबर को पहले दौर की वोटिंग की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पोलिंग पार्टियां रवान हो चुकी हैं। जिन जिलों में सोमवार को वोट डाले जाएंगे उनमें ज्यादातर नक्सल प्रभावित हैं, इसलिए सुरक्षा के खास इंतज़ाम किए गए हैं। यह जिले हैं बस्तर, कांकेर, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुरा, कोंडागांव और राजनांदगांव।
इन 18 सीटों पर कुल 31,79,520 वोटर मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके दो मंत्रियों, एक बीजेपी सांसद और कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं समेत 190 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर करेंगे। जिन 18 सीटों पर मतदान होगा, उनमें से 12 सीटें बस्तर क्षेत्र में और छह सीटें राजनांदगांव जिले में है।
मुख्यमंत्री रमन सिंह की सीट राजनांदगांव पर सबकी निगाहें हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला चुनाव मैदान में हैं। रमन सिंह ने 2013 के विधानसभा चुनाव में उदय मुदलियार की पत्नी अल्का मुदलियार को हराया था। उदय मुदलियार की नक्सलियों ने झीरम घाटी हमले में हत्या कर दी थी।
इसके अलावा रमन सरकार के दो मंत्रियों की किस्मत का फैसला भी होना है। उनके मंत्री केदार कश्यप और महेश गागड़ा नारायणपुर और बीजापुर से चुनाव मैदान में हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस ने चंदन कश्यप और विक्रम मंडावी को उतारा है। वहीं इस दौर में बीजेपी के कांकेर से लोकसभा सांसद विक्रम उसेंडी अंतागढ़ सीट से उम्मीदवार हैं। विक्रम उसेंडी के खिलाफ कांग्रेस के अनूप नाग मैदान में हैं।
इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से मौजूदा संतोष बाफना और सरोजनी बंजारे, जगदलपुर और डोंगरगढ़ सीट से उम्मीदवार हैं। वहीं कांग्रेस के नौ विधायक भानुप्रतापपुर से मनोज सिंह मंडावी, कोंडागांव से मोहन लाल मरकाम, बस्तर से लखेश्वर बघेल, चित्रकोट से दीपक कुमार बैज, दंतेवाड़ा से देवती कर्मा, कोंटा से कवासी लखमा, खैरागढ़ से गिरीवर जंघेल, केसकाल से संतराम नेताम और डोंगरगढ़ से दलेश्वर साहू पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है।
दंतेवाड़ा सीट से उम्मीदवार देवती कर्मा पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं. महेंद्र कर्मा ने बस्तर क्षेत्र में सलवा जुडूम आंदोलन की शुरूवात की थी। 25 मई 2013 को झीरम घाटी हमले में कर्मा की मौत हो गई थी। देवती कर्मा के खिलाफ भीमा मंडावी चुनाव मैदान में हैं। वहीं कवासी लखमा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता हैं। कोंटा कांग्रेस की परंपरागत सीट है।
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2013 के चुनाव में इन 18 सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 6 सीटें हासिल हुई थीं। छत्तीसगढ़ में पिछले 15 साल से बीजेपी सत्ता में हैं।
चूंकि पहले दौर का ज्यादातर इलाका नक्सल प्रभावित है, इसलिए सुरक्षा के खास इंतज़ाम किए गए हैं। बस्तर रेंज में आने वाली 12 विधानसभा सीटों पर क़रीब 1 लाख सुरक्षा जवान लगाए गए हैं। इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, आरपीएफ, एसएपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान शामिल हैं। साथ ही कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के जवान भी शामिल किए गए हैं।
इस चुनाव के लिए कुल 496 कंपनियां सुरक्षा के लिए तैनात हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र इस बार 50 ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल भी किया जाएगा। सुरक्षा कंपनियां कहां हैं, इसकी जानकारी के लिए ट्रैकर भी लगाए जा रहे हैं, ताक़ि सभी कंपनियों का रियल टाइम लोकेशन पाया जा सके।
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