ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, तुर्की समेत दुनिया के 15 और देशों ने भारत के कोरोना टीकों को मान्यता देते हुए देश के कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र को मान्यता दे दी है। विदेश मंत्रालय के इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 15 और देशों ने भारत के टीकों को मंजूरी दी है। ऐसे में अब कुल 21 देशों ने भारतीय टीके के प्रमाण पत्र को मान्यता दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा, "कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता जारी है। भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्र के लिए पंद्रह और मान्यताएं।"
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विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेलारूस, एस्टोनिया, जॉर्जिया, हंगरी, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, लेबनान, मॉरीशस, मंगोलिया, नेपाल, निकारागुआ, फिलिस्तीन, फिलीपींस, सैन मैरिनो, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, तुर्की और यूक्रेन ने भारत के साथ कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता दी है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पहले कहा था कि लगभग 100 देश भारत के कोविड-19 टीकों के टीकाकरण प्रमाण पत्र और टीकाकरण प्रक्रिया की पारस्परिक स्वीकृति के लिए सहमत हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि "टीकाकरण की पारस्परिक मान्यता से पर्यटन और व्यवसाय के लिए यात्रा में आसानी होती है, जिससे आर्थिक सुधार को बढ़ावा मिलता है, जिसकी दुनिया को सख्त जरूरत है।"
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत ने महामारी में अन्य देशों की कैसे मदद की, उन्होंने कहा, "दुनिया की फामेर्सी हब होने के नाते, भारत ने 27 देशों को उदारतापूर्वक एचसीक्यू टैबलेट और अन्य चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति की है। वैक्सीन मैत्री पहल के तहत, 95 देशों को 6.63 करोड़ खुराक भेजी गई हैं।"
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कोविड महामारी पर अंकुश लगाने के लिए भारत की रणनीति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत में छह टीकों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से दो स्वदेश में विकसित हैं। 82 प्रतिशत भारतीयों ने कम से कम एक खुराक प्राप्त की और 44 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया गया, जिसमें लगभग 1.2 बिलियन खुराक दी गई। स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के राजदूतों के साथ बैठक में कहा कि भारत सभी देशों को कोविशील्ड और कोवैक्सिन की आपूर्ति करने को तैयार है।
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