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उत्तराखंड में बारिश से भारी तबाही, 14 लोगों की मौत, क्षतिग्रस्त रास्तों के कारण केदारनाथ यात्रा रुकी

राज्य में अतिवृष्टि की स्वयं निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी और राज्य में आने वाले यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उत्तराखंड के चमोली में भारी बारिश के कारण गैरसैंण-कर्णप्रयाग NH-109 एक हिस्सा बहा।
उत्तराखंड के चमोली में भारी बारिश के कारण गैरसैंण-कर्णप्रयाग NH-109 एक हिस्सा बहा। फोटो: सोशल मीडिया

उत्तराखंड में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त रास्तों को देखते हुए बृहस्पतिवार को केदारनाथ यात्रा स्थगित कर दी गयी जबकि राज्य के विभिन्न स्थानों पर पिछले 24 घंटे में वर्षा संबंधी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गयी और 10 अन्य घायल हो गए।

देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक बच्चे के नाले में बहने की भी सूचना है जिसकी तलाश की जा रही है।

बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे भारी बारिश से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर आ गए।

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पुलिस ने बताया कि इस दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे 1500 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 425 यात्रियों को लिंचोली और भीमबली से हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर लाया गया जबकि 1100 अन्य लोगों को राज्य आपदा प्रतिवादन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल सहित अन्य बचाव दलों के सहयोग से वैकल्पिक रास्तों से पैदल बाहर लाया गया ।

अभियान के दौरान रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक डा विशाखा अशोक भदाणे स्वयं मौजूद रहे।

केदारनाथ पैदल रास्ते में कई जगह भूस्खलन होने से यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी गयी है।

इस संबंध में रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों को एक परामर्श जारी कर कहा गया है कि केदारनाथ दर्शनों के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्री फिलहाल जहां हैं, वहीं सुरक्षित रुके रहें और फिलहाल अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें ।

परामर्श में कहा गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है और मार्ग सही होने व यात्रा के सुचारू होने की सूचना बाद में दी जाएगी।

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बुधवार शाम से वर्षा संबंधी विभिन्न घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गयी जिनमें से देहरादून जिले में चार, हरिद्वार जिले में छह, टिहरी जिले में तीन तथा चमोली जिले में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई ।

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि रायपुर क्षेत्र की एक नहर में बुधवार रात दो व्यक्ति डूब गए । उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद कर लिए गए हैं जिनकी पहचान सुंदर सिंह और अर्जुन सिंह राणा के रूप में हुई है।

देहरादून में ही एक अन्य घटना में, सहस्रधारा पार्किंग के पास बृहस्पतिवार को पानी से उफनाई एक नदी में नहाते समय दो व्यक्ति बह गए। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची लेकिन तब तक स्थानीय लोग नदी से एक शव बरामद कर चुके थे। एसडीआरएफ ने नदी में तलाशी अभियान चलाकर दूसरा शव भी बरामद किया। दोनों मृतक दिल्ली के सुल्तानपुरी के रहने वाले थे जिनकी पहचान इंद्रपाल (40) और भूपेंद्र सिंह राणा (43) के रूप में हुई है ।

हरिद्वार जिले के रूड़की क्षेत्र के भारपुर गांव में भारी बारिश से एक मकान ढह गया जिससे उसके मलबे के नीचे दबने से चार व्यक्तियों की मौत हो गयी तथा 10 अन्य घायल हो गए जिनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

एक अन्य घटना में रूड़की बस अड्डे पर देर रात करीब साढ़े 11 बजे बिजली का करंट लगने से दो व्यक्तियों की मौत हो गयी ।

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टिहरी जिले के घनसाली के जखनयाली गांव में बुधवार देर रात बादल फटने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी। टिहरी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि मलबे से भानु प्रसाद (50) और उनकी पत्नी नीलम देवी (45) के शव बरामद हुए जबकि उनके पुत्र विपिन (28) को घायल अवस्था में निकाला गया।

उन्होंने बताया कि देर रात करीब दो बजे सांस लेने में शिकायत के कारण विपिन को एम्स ऋषिकेश ले जाया जा रहा था लेकिन देर रात उसने भी दम तोड़ दिया ।

चमोली जिले की गैरसैंण तहसील के कुणखेत गांव में बीती रात भारी बारिश के दौरान अचानक पहाड़ी से आया मलबा एक मकान पर गिर गया जिससे उसमें दबकर एक महिला की जान चली गयी ।

नैनीताल जिले के हल्द्वानी में बुधवार रात भारी बारिश से उफनाए एक नाले में एक सात वर्षीय बच्चा रिजवान बह गया । पुलिस और एसडीआरएफ द्वारा उसकी तलाश की जा रही है ।

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मौसम विभाग से मिली सूचना के अनुसार, पिछले 24 घंटों में अकेले देहरादून में ही 172 मिमी बारिश दर्ज की गयी । हरिद्वार के रोशनाबाद में सर्वाधिक 210 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी जबकि रायवाला में 163 मिमी, हल्द्वानी में 140 मिमी, हरिद्वार में 140 मिमी, रूड़की में 112 मिमी, नरेंद्र नगर में 107 मिमी, धनोल्टी में 98 मिमी, चकराता में 92 मिमी और नैनीताल में 89 मिमी बारिश दर्ज की गयी ।

राज्य में अतिवृष्टि की स्वयं निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी और राज्य में आने वाले यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में धामी ने कहा कि प्रदेश में बुधवार रात हुई भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित होने की सूचना मिली तथा बचाव दलों ने रात भर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया ।

मुख्यमंत्री ने यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर बारिश की स्थिति की समीक्षा की और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन को जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने सचिव से यह भी कहा कि अतिवृष्टि के कारण राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर उन्हें तुरंत उपलब्ध करायी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी जिलों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 315 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।

बाद में मुख्यमंत्री ने टिहरी और रुद्रप्रयाग के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस दौरान वह आपदा प्रभावितों से भी मिले और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। धामी ने इस दौरान राहत और बचाव शिविरों की व्यवस्थाओं को भी परखा।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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