संविधान दिवस के अवसर पर 14 विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सेंट्रल हॉल में समारोह को संबोधित करने वाले हैं। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, "स्वतंत्रता के बाद दुनियाभर में कई लोगों ने अनुमान लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र जीवित नहीं रहेगा और फिर भी हम संविधान के कारण हैं जो हमें हम भारतीय एकता में बांधता हैं, किसी को भी कभी संविधान को कमजोर करने या विफल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।"
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न केवल कांग्रेस बल्कि एनसीपी ने भी समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया। एनसीपी के मजीद मेमन ने कहा, "बीजेपी नेता भारत के संविधान के प्रति पूरी गंभीरता और सम्मान के साथ सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस मनाना चाहते हैं। ऐसा करना एक मजाक है जब वे जमीनी स्तर पर इसका पालन नहीं करते हैं।"
इसको लेकर कांग्रेस ने विपक्षी दलों से संपर्क किया था। तृणमूल, वामपंथी, समाजवादी पार्टी, राजद, शिवसेना, आईयूएमएल, द्रमुक, एनसीपी और अन्य पार्टियों भी समारोह को बहिष्कार करने का फैसला किया।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र संविधान का पालन नहीं कर रहा है, लेकिन मुद्दों पर आम सहमति नहीं बना कर संसद को दरकिनार कर मजाक बना रहा है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शुक्रवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा को संबोधित करेंगे और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी संबोधित करेंगे।
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