मोदी सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर पांच दिनों से जारी हजारों किसानों के प्रदर्शन को अब हरियाणा की खाप पंचायतों का भी समर्थन मिल गया है। राज्य की 130 से ज्यादा खाप पंचायतों ने दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के मौजूदा प्रदर्शन में मंगलवार से शामिल होने का एलान कर दिया है।
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हरियाणा के खापों के प्रवक्ता जगबीर मलिक ने कहा, "खाप के सभी लोग पहले किसान हैं और फिर नेता। वे पहले दिन से ही किसानों के प्रदर्शन के साथ जुड़े हुए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना कि राज्य के किसान प्रदर्शन के साथ नहीं जुड़े हैं, पूरी तरह से गलत बयान है। हरियाणा के किसान इस प्रदर्शन से जुड़े हुए हैं। हरियाणा की सभी खापों ने सर्वसम्मति से प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन देने का निर्णय लिया है।”
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बता दें कि बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पांच दिनों से जारी प्रदर्शन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाला खट्टर ने दावा किया था कि इस प्रदर्शन में हरियाणा के किसान शामिल नहीं हैं। उन्होंने बाकायदा ट्वीट करके विरोध में शामिल नहीं होने के लिए किसानों को धन्यवाद दिया था। हालांकि, उनके इस बयान की पोल उसी समय खुल गई, जब प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों किसानों ने कैमरे पर बताया कि वे हरियाणा के हैं और कृषि कानूनों के खिलाफ हैं।
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दरअसल देश भर के 300 से ऊपर किसान संगठनों के इस जोरदार विरोध प्रदर्शन से परेशान बीजेपी किसी तरह से इस आंदोलन को साजिश करार देकर बदनाम करने की कोशिश कर रही है। बार-बार बीजेपी नेता प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे पंजाब के किसानों पर उंगली उठाते हुए कह रहे हैं कि सिर्फ पंजाब के ही किसान विरोध में शामिल हैं, जबकि बाकी देश के किसान कृषि कानूनों से खुश हैं। हालांकि, इन कोशिशों के बाद भी आंदोलन तेज होता जा रहा है।
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मोदी सरकार द्वारा संसद से पारित कराए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर देश के कई हिस्सों के किसान दिल्ली बॉर्डर पर पिछले पांच दिनों से डटे हुए हैं। वे इन कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। पिछले पांच दिनों से जारी किसानों के प्रदर्शन में हरियाणा की खाप पंचायतों के शामिल होने के बाद अब इस आंदोलन के और तेज होने की संभावना है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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