मिजोरम के हनथियाल जिले में सोमवार को एक पहाड़ी ढलान पर पत्थर की खदान ढह गई थी। इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 11 तक पहुंच गया है। वहीं बाकी 1 मजदूरों की तलाश अब भी जारी है। बीएसएफ के जवान तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। बीएसएफ ने ये जानकारी दी है।
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बीएसएफ ने बताया कि सोमवार को 2.40 बजे, लुंगलेई से लगभग 35 किमी दूर, मौदरह में एक पत्थर की खदान में विस्फोट के बाद बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ। इस हादसे में कई लोग दब गए थे। इसके बाद मिजोरम पुलिस ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से सहायता मांगी। बीएसएफ ने सोमवार से ही बचाव अभियान की शुरूआत कर दी।
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जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अब तक 11 शव निकाले जा चुके हैं। 1 शव मंगलवार को बीएसएफ के खोजी कुत्तों की मदद से तलाशे गए। वहीं बीएसएफ और एनडीआरएफ की टीमों की सहायता से 1 और लापता मजदूर को निकालने के प्रयास जारी हैं।
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बताया जा रहा है कि यह पत्थर की एक बड़ी खदान है। वहां खनन में लगे 12 मजदूर फंस गए थे। अचानक हुए हादसे के कारण वहां मौजूद मजदूरों को भागने का मौका भी नहीं मिला। ज्यादातर मजदूर बिहार के बताए जा रहे हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे में जान गंवाने वालों में प्रत्येक के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ है जिन्होंने मिजोरम में दुखद पत्थर खदान ढहने के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया। प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये अनुग्रह राशि के तौर पर दिए जाएंगे।
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