हालात

बुजुर्गों को कोरोना के कहर से बचा सकता है 100 साल पुराना टीबी का टीका, ICMR ने नए शोध में किया दावा

साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि बीसीजी टीका श्वसन पथ के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर सकता है, जिसमें वायरल संक्रमण शामिल है। बीसीजी संभावित रूप से रक्त में प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा सूजन के बायोमार्कर को रोकने का काम कर सकता है।

फोटोः GettyImages
फोटोः GettyImages 

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक नए लाफअध्ययन में दावा किया गया है कि पिछले 100 वर्षों से तपेदिक के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बीसीजी टीका बुजुर्गों में कोविड-19 संक्रमण के जोखिम को रोकने में मदद कर सकता है। बैसिलस कैलमेट-गुएरिन (बीसीजी) को दुनिया में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किये जाने वाले टीकों में एक माना जाता है और हर साल करीब 13 करोड़ शिशुओं को यह टीका मिलता है। अब बुजुर्ग आबादी के बीच बीसीजी टीकाकरण में रुचि बढ़ी है, विशेष रूप से उन देशों में, जहां कोविड-19 मामलों की संख्या अधिक रिपोर्ट की गई है।

Published: undefined

आईसीएमआर के अध्ययन में कहा गया है कि पिछले अध्ययनों ने बताया है कि बीसीजी टीकाकरण श्वसन पथ के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर सकता है, जिसमें वायरल संक्रमण शामिल है। साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित नया अध्ययन बताता है कि बीसीजी संभावित रूप से रक्त में प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा सूजन के बायोमार्कर को रोकने के लिए कार्य कर सकता है।

Published: undefined

आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरकुलोसिस और आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने कहा, "हालांकि, यह साबित होना बाकी है। इसके अलावा, यह भी अभी अज्ञात है कि यह निरोधात्मक प्रभाव कितने समय तक बना रह सकता है।" इसके अलावा, अध्ययन में यह भी बताया गया कि हाल ही में बीसीजी टीकाकरण हाइपरइन्फ्लेमेशन से जुड़ा नहीं है, लेकिन बदले में, डाउन-मॉड्यूलेटेड बेसल इंफ्लेमेटरी स्थिति से जुड़ा है, जो बुजुर्ग आबादी में सूजन संबंधी बीमारियों के खिलाफ सुरक्षात्मक भूमिका निभा सकता है।

Published: undefined

शोध से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि इसके अलावा, यह बहुत संभव है कि रोगजनक-विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं बीसीजी टीकाकरण से प्रभावित न हों या इसके विपरीत, वास्तव में बढ़ी हों।
शोध से जुड़े विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि निष्कर्ष में वर्तमान अध्ययन इस बात पर जोर देता है कि बीसीजी टीकाकरण का प्रभाव सुरक्षित है और इससे बुजुर्ग व्यक्तियों में सूजन नहीं बढ़ती है।

Published: undefined

इस अध्ययन के परिणाम न केवल बीसीजी टीकाकरण के इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों की पुष्टि करते हैं, बल्कि प्रणालीगत सूजन पर बीसीजी टीकाकरण के (गैर) विशिष्ट इम्युनोजेनेसिटी के स्पष्ट प्रभाव को भी प्रकट करते हैं। टीम ने कहा कि परिणामों की आगे की समझ टीके की प्रभावकारिता का समर्थन कर सकती है और बीसीजी टीकाकरण के नवीन अनुप्रयोगों का पता लगा सकती है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined