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जामिया-AMU छात्रों पर पुलिस बर्बरता की दुनिया की 10 हजार हस्तियों ने की निंदा, कहा- ये संविधान के खिलाफ

जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के पुलिस की बर्बरता की दुनियाभर में निंदा हो रही है। 10 हजार से ज्यादा हस्तियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि इस तरह की कार्रवाई भारतीय संविधान में समानता और धर्मनिरपेक्ष नागरिकता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आवाज उठाने वाले जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के पुलिस की बर्बरता की दुनियाभर में निंदा हो रही है। 10 हजार से ज्यादा हस्तियां, जिसमें अकादमिक जगत से जुड़े लोग, इतिहासकार, शिक्षक और छात्रों ने विश्वविद्यालय में पुलिस की बर्बरता की कड़ी निंदा की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई भारतीय संविधान में समानता और धर्मनिरपेक्ष नागरिकता के अधिकार का उल्लंघन करता है। बता दें कि इन लोगों में मशहूर इतिहासकार रोमिला थापर, प्रख्यात दार्शनिक नोआम चोम्स्की भी शामिल हैं।

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जारी किए गए बयान में कहा कि दिल्ली के जामिया और अलीगढ़ के एएमयू विश्वविद्यालय में पुलिस की बर्बरता और कर्फ्यू की कड़ी निंदा करते हैं। 15 दिसंबर को जामिया में पुलिस ने जबरदस्ती घुसकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे, उनके हॉस्टलों में घुसे और छात्रों पर हमला किया। इतना ही नहीं पुलिस की बर्बरता लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों और मस्जिद में प्रार्थना कर रहे लोगों पर भी जारी रहा। पुलिस ने उनके उपर भी लाठियां बरसाई। इस हमले में 200 से ज्यादा छात्र बुरी तरीके से घायल हुए हैं, कई लोग हॉस्पिटल में गंभीर हालत में हैं। दूसरी एमएयू में भी कर्फ्यू लगाया गया, इंटरनेट बंद कर दिया गया। यह कानून भारत के पड़ोसी देशों के मुसलमानों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से रोकता है, जो भारतीय संविधान में समानता और धर्मनिरपेक्ष नागरिकता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

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आगे कहा गया है कि हम जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ बिना शर्त एकजुटता के साथ खड़े हैं, और इस हिंसक पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। छात्रों के साथ बर्बरता और विश्वविद्यालयों पर हमला एक लोकतांत्रिक समाज के बुनियादी मानदंडों के खिलाफ है। दुनिया भर में शिक्षक, छात्र, विद्वान और नागरिक समाज के सदस्य के रूप में, हम जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में स्थिति को लेकर चिंतित है और उसे देख रहे हैं।

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इससे पहले अमेरिका की करीब 19 यूनिवर्सिटी के 400 छात्रों और एलुमनाई ने जामिया और एमयू यूनिवर्सिटी के छात्रों को अपना समर्थन दे चुके हैं। इसमें हार्वर्ड, येल, कोलंबिया, स्टैनफॉर्ड समेत कुल 19 यूनिवर्सिटी शामिल हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि छात्रों पर कार्रवाई सही नहीं है। समर्थन करने वालों छात्रों ने मांग की है कि भारत में छात्रों को बिना पुलिस के डर के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए। समर्थन करने वाले छात्रों ने कहा कि हम दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और सीआरपीएफ के सत्ता के दुरुपयोग करने की तत्काल, स्वतंत्र और कड़ी जांच की मांग करते हैं।

जिन यूनिवर्सिटी के छात्रों और एलुमनाई के समूह ने बयान पर साइन किए हैं, उनमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, मिशिगन यूनिवर्सिटी, शिकागो यूनिवर्सिटी, ब्राउन यूनिवर्सिटी, जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बर्कले पर्डयू यूनिवर्सिटी और इलिनोइस यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

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