प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी आज पूरे दिन सन्नाटे में डूबी रही। बेशक यह सन्नाटा मोदी की बड़ी जीत की आहट थी। जश्न और खुशियों के बजने वाले नगाड़े अपेक्षित थे। मोदी मोदी के नारों संग जीत के झंडों का लहराना भी स्वाभाविक था। ऐसा इसलिए भी कि काशी में मोदी के सामने कोई चुनौती थी ही नहीं।
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चुनाव परिणामों को लेकर आज काशी में पूरे दिन लोग नतीजों की उत्सुकता से प्रतीक्षा करते रहे। बीजेपी को छोड़ बाकी राजनीतिक पार्टियों के खेमे में गहरी उदासी देखी गई। इस निराशा के बाद भी कांग्रेस और गठबंधन के कार्यकर्ता अपनी लडाई जारी रखने के मूड में दिखते हैं। बीएसपी के नील रंजन और एसपी के अखिलेश सिंह यादव को हार का कोई मलाल नहीं है। कहा-पराजय और जय तो चुनाव का श्रृंगार है भाई। कांग्रेस के अरविंद मिश्र तो हार मानने के लिए तैयार ही नहीं। उनका कहना था, “नतीजों की सूरत जो भी हो हमारी लडाई तो झूठ से है। आज नही तो कल जीतेगा सच ही।” किन्तु यह भी सच है कि एसपी-बीएसपी गठबंधन ने जिन शालिनी यादव को मोदी के सामने खड़ा किया गया वे बुरी तरह विफल हुईं। कांग्रेस के अजय राय इस बार भी कोई चमत्कार पैदा नहीं कर सके।
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बहरहाल, दिन के आरंभ होने के साथ ही आज विभिन्न सियासी पार्टियों के सक्रिय कार्यकर्ता मतगणना स्थल पहडिया मंडी की ओर कूच करने लगे थे। बीजेपी समर्थक अलबत्ता खासा उत्साह में दिखे। दिन जैसे जैसे चढ़ा और उतरा नतीजों ने संबंधित पार्टी के लोगों को उस तरह से प्रभावित किया। कहीं खुशी कहीं गम के अंदाज में शहर आज तरह तरह की चर्चा की सुर्खियों में रहा। यह जरूर है कि कुछ वे सवाल मोदी की बड़ी जीत के बाद भी उनकी काशी में तैरते रहे बेरोजगारी, किसानी और कारोबार।
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