देश के इस लोकसभा चुनाव को और किसी वजह से याद किया जाएगा या नहीं, ये तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतना तय है कि इस चुनाव को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और चुनाव आयोग की घटती गरिमा के लिए जरूर याद किया जाएगा। और खासकर इस बात के लिए कि देश की एक अहम संवैधानिक संस्था और कानूनों को किस तरह सत्ताधारी दल बीजेपी द्वारा कुचल दिया गया।
चुनाव आचार संहिता और चुनाव आयोग की गरिमा पर चोट का ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं का है, जहां की बीजेपी उम्मीदवार और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने तमाम कानूनों और मर्यादाओं को धता बताते हुए खुलेआम बीजेपी कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा है कि अगर मौका मिले तो दूसरे का वोट भी डाल देना।
संघमित्रा ने सभा में मौजूद अपने लोगों से कहा कि अगर फर्जी वोट डालने का मौका मिले तो जरूर डालना। संघमित्रा ने कहा, “यह हर जगह चलता है। अगर कोई न तो उसकी जगह वोट डाल दिया जाता है। मौका मिले तो आप भी फायदा उठा लेना। चोरी-छिपे कोई दूसरे की भी वोट डाल सकता है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बदायूं से बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य पहली बार विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि अगर चुनाव के दौरान कोई दादागिरी करने आता है, गुंडागर्दी करने आता है तो उससे लोगों को डरने की जरुरत नहीं है, क्योंकि संघमित्रा मौर्य उन गुंडों से भी बड़ी गुंडी बन जाएगी। संघमित्रा ने कहा था, “अगर किसी ने आपके मान-सम्मान, स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ की कोशिश की तो संघमित्रा मौर्य उससे भी बड़ी गुंडी बन जाएगी।"
इस लोकसभा चुनाव में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की बाढ़ आ गई है। लगातार चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन वाले बयान सामने आ रहे हैं। हालांकि कुछ मामलों में चुनाव आयोग ने सख्ती जरूर दिखाई है, लेकिन वह भी बस खानापूर्ति और एकतरफा नजर आती है। आयोग ने इस चुनाव में आपत्तिजनक बयानबाजी के लिए अब तक मायावती, सीएम योगी आदित्यनाथ, आजम खान, मेनका गांधी पर कार्रवाई की है।
Published: 20 Apr 2019, 3:30 PM IST
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Published: 20 Apr 2019, 3:30 PM IST