कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस ने इस घोषणपत्र में कई बड़े वादे किए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि हम जो वादा कर रहे हैं उसे निभाएंगे। इस घोषणापत्र में अगले साल मार्च तक 22 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है। इसके अलावा 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत में रोजगार देने की बात कही गई है।
कांग्रेस के इस घोषणापत्र में रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार के नाकामियों को भी उजागर किया गया है। इस घोषणापत्र में कहा गया है कि मोदी सरकार के 5 साल के कार्यकाल में बेरोजगारी बढ़ी है। आज बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर है और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी तक करीब 3.1 करोड़ लोगों के पास नौकरी नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक रोजगार और श्रम भागीदारी दर में भी गिरावट आई है। बेरोजगारी की वजह से युवा, महिला, कारोबारी, किसान, दैनिक मजदूर समेत समाज के हर क्षेत्र के लोग प्रभावित हुए हैं। घोषणापत्र में मनरेगा में 100 दिन के रोजगार को बढ़ाकर 150 दिन करने का वादा भी किया गया है।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि सरकार में आने के बाद रोजगार और नौकरियां कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता होगी। रोजगार बढ़ाने के लिए नई इंडस्ट्री लगाने की भी बात कही गई है। इतना ही नहीं इसके लिए नया मंत्रालय का गठन करने का भी वादा किया गया है। इसके अलावा 1 अप्रैल 2019 की 4 लाख वैकेंसी को मार्च 2020 तक भर दी जाएगी। घोषणा पत्र में राज्य सरकारों के साथ मिलकर रोजगार श्रृजन का वादा किया गया है। इसके तहत राज्यों के साथ मिलकर हर ग्राम पंचायत में न्यू सेवा मित्र की शुरुआत की जाएगी। इसके जरिए 10 लाख नई नौकरियां मिलने की उम्मीद है। सरकारी नौकरी के आवेदन फीस को भी खत्म करने का वादा किया गया है।
कांग्रेस ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और पैरा स्टेट वर्कर्स के लिए फंड़ में बढ़ोतरी करने के भी वादा किया है। इतना ही नहीं इनके लिए न्यूतम वेतमान भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार से भी सहयोग लिया जाएगा। इनके संख्या को बढ़ाकर लाखों नए रोजगारों का सृजन करने का भी वादा किया गया है। 2500 से अधिक आबादी वाले गावों में दूसरी आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति का वादा किया गया है।
एमएसएमई के विकास की गति को तेज करने के लिए नई इकाईयों के साथ साथ, पूरानी इकाईयों का भी विस्तार किया जाएगा। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में माइक्रो, स्मॉल और मीडिया इंडस्ट्री की परिभाषा में बदलाव किए जाएंगे। 10 से कम कर्मचारी वाले कंपनियों को माइक्रो, 11 से 100 कर्माचारियों की कंपनी को स्मॉल और 101 से 500 तक के कर्मचारियों वाली कंपनी को मीडियम इंडस्ट्री की श्रेणी में रखा जाएगा। इसके अलावा एन्टरप्रन्योरशिप और स्टार्टअप की मदद के लिए एंटरप्राइज सपोर्ट एजेंसी बनाई जाएगी। तीन साल के लिए देश के युवाओं को बिजनेस खोलने के लिए किसी से कोई इजाजत नहीं लेनी होगी।
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