बीजेपी ने 2014 में किए थे ये 11 बड़े वादे जो पूरे नहीं हुए, कांग्रेस ने पूछा- क्या हुआ तेरा वादा?
कांग्रेस ने बीजेपी के संकल्प पत्र पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने पिछले वादों को याद दिलाते हुए कहा है कि जब साल 2014 के घोषणा पत्र पर 125 सवाल खड़े हों, तो आज के “झांसा पत्र” पर भरोसा कैसे करें?
By नवजीवन डेस्क
फोटो: सोशल मीडिया
भारतीय जनता पार्टी ने आज (सोमवार) 2019 लोकसभा चुनाव का लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी ने इसे संकल्प पत्र का नाम दिया है। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में इस बार जनता से 75 वादे किए हैं। कांग्रेस ने बीजेपी के संकल्प पत्र पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने पिछले वादों को याद दिलाते हुए कहा है कि जब साल 2014 के घोषणा पत्र पर 125 सवाल खड़े हों, तो आज के "झांसा पत्र" पर भरोसा कैसे करें? इस पर सिर्फ इतना ही कहना है कि 'फिर एक बार उन्होंने किया झांसा पत्र तैयार...देश की जनता खारिज़ करके इस बार...और झोला उठाकर हो जाओ जाने को तैयार'। बीजेपी के घोषणापत्र जारी होने के कुछ देर बाद ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी के नेता अहमद पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निशाना साधा। कांग्रेस ने बीजेपी को 2014 के वादे याद दिलाते हुए पूछा है कि पांच साल की सरकार के दौरान पुराने वादों को पूरा किए बिना फिर एक बार नए वादे कैसे किए गए। कांग्रेस ने बीजेपी के पिछले घोषणा पत्र में किए गए उन 11 बड़े वादों को गिनाए जिसे मोदी सरकार पूरा नहीं कर सकी। सुरेजवाला ने उन सभी 11 झूठी घोषणाओं के बारे एक-एक कर जानकारी दी।
बीजेपी के 11 वादे जो पूरे नहीं हुए
रोजगार- सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी ने 2014 में हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था यानी पांच साल में 10 करोड़ रोजगार। लेकिन इसका उल्टा हुआ और 4 करोड़ 70 लाख नौकरियां चली गईं। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे अधिक है।
किसानों को लागत का 50 फीसदी मुनाफे का वादा- सुरजेवाला ने कहा कि किसान को लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने का वादा किया गया था, लेकिन आज फिर किसान की आय डबल करने का वादा कर डाला। जबकि सच्चाई ये है कि कृषि की मौजूदा विकास दर 2.9 फीसदी है और इस लिहाज से किसानों की आय दोगुना करने में 28 साल लग जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान फसल की कीमत के लिए आज ठोकर खा रहा हैं।
कालाधन- कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी ने 2014 के घोषणा पत्र में 100 दिन के अंदर 80 लाख करोड़ कालाधन वापस लाने का वादा किया था और हर देशवासी के खाते में 15 लाख रुपये जमा कराने का वादा किया था। किसी के खाते में 15 लाख रुपए नहीं आए, उल्टा नोटबंदी कर देश की जनता की जेब से पैसा निकाल लिया गया।
आर्थिक शक्ति बनाने का वादा- उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश को आर्थिक शक्ति बनाने का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार ने देश को कर्ज में डुबो दिया। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि 2014 में देश पर 54 लाख 90 हजार करोड़ कर्ज था, जो अब बढ़कर 82 लाख करोड़ हो गया है। सुरजेवाला ने बताया कि मोदी सरकार ने 5 साल में 27 लाख 12 हजार 940 करोड़ का कर्ज लिया है।
दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को न्याय दिलाने का वादा- बीजेपी ने दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को सामाजिक न्याय दिलाने का वादा किया था, लेकिन उल्टा दलितों के आरक्षण पर हमला किया और सरकार के संसाधनों से उन्हें दूर कर दिया गया।
बीजेपी ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ- बीजेपी ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था, लेकिन अब हालात ये आ गए हैं कि बीजेपी से बेटी बचाओ का नारा बन गया है। सुरजेवाला ने बीजेपी पर बेटियों पर आक्रमण करने वालों को संरक्षण देने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कठुआ, उन्नाव, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड ने देश की आत्मा को शर्मसार कर दिया।
पेट्रेल-डीजल सस्ता करने का वादा- पेट्रोल डीजल सस्ता करने का वादा किया गया था। लेकिन जब बीजेपी को सत्ता मिली तो पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगाकर 12 लाख करोड़ जनता की जेब से लूट लिया।
100 स्मार्ट सिटी बनाने का वादा- बीजेपी ने 2014 में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था, लेकिन पिछले 5 साल में स्मार्ट सिटी पर केवल 7 प्रतिशत पैसा खर्च हो पाया है। इस बार के बीजेपी के घोषणापत्र में स्मार्ट सिटी की चर्चा नहीं की है।
सेना को मजबूत करने का वादा- बीजेपी ने सेना की मजबूती का वादा किया था, लेकिन सेना और सैनिक दोनों ही मोदी के अत्याचार का शिकार बन गए हैं। इतना ही नहीं मोदी सरकार में रक्षा बजट 57 सालों में सबसे कम है। सुरजेवाला के मुताबिक सेना के बजट और राशन में कटौती की गई है।
रुपए को मजबूत करने का वादा- बीजेपी ने मनमोहन सिंह सरकार की आलोचना करते हुए रुपये को मजबूत करने का वादा किया था। बीजेपी ने 1 डॉलर को 40 रुपये के बराबर लाने का वादा किया था, लेकिन आज हिंदुस्तान का रुपया एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बन गया है। 1 डॉलर लगभग 70 रुपये के बराबर है।
गंगा की सफाई- मोदी सरकार ने गंगा को साफ करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। नमामि गंगे योजना के तहत 5 साल में 80 फीसदी पैसा खर्च ही नहीं किया गया है। यहां तक कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में गंगा मां और दूषित हो गई है।