बिहार के भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक भागलपुर में करीब 1,433,346 मतदाता हैं जिनमें 774,758 पुरुष और 658,588 महिला मतदाता हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के शैलेष कुमार उर्फ बूलो मंडल ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन को हराया था। हालांकि इसके पिछले दो चुनाव में शाहनवाज यहां से विजयी हुए थे। 2006 उपचुनाव में शाहनवाज हुसैन ने आरजेडी के शकुनी चौधरी को हराया था। वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में भी शाहनावज ही जीते थे। इस बार भी उन्होंने आरजेडी के शकुनी चौधरी को ही हराया था।
भागलपुर लोकसभा सीट के लिए सबसे पहले 1951 में चुनाव हुए थे। तब यह क्षेत्र दरभंगा और भागलपुर एक साथ मिला हुआ था। बाद में परिसीमन में दोनों इलाके अलग हो गए। 2014 के चुनाव में बीजेपी के शाहनवाज हुसैन और आरजेडी के प्रत्याशी शैलेष कुमार मंडल के बीच सीधी टक्कर थी। इसमें मंडल विजयी रहे और उन्हें 3,67,623 वोट मिले। उपविजेता रहे शाहनवाज हुसैन को 3,58,138 वोट मिले। शाहनवाज हुसैन मात्र कुछ हजार वोटों से हारे थे। वोट प्रतिशत की बात करें तो मंडल को 37.74 प्रतिशत वोट मिले जबकि हुसैन को 36.76 प्रतिशत वोट हासिल हुए। तीसरे स्थान पर जेडीयू के अबु कैसर रहे थे जिन्हें 1,32,256 वोट मिले। उनका वोट प्रतिशत 13.58 प्रतिशत था। इस चुनाव में चौथे और पांचवें स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार थे।
वहीं, 2004 के लोकसभा चुनाव में पहली बार सुशील कुमार मोदी भागलपुर से सांसद निर्वाचित हुए थे। 1977 में जनता पार्टी की लहर में रामजी सिंह ने यहां से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी। वहीं, 1980 में हुए मध्यावधि चुनाव में भागवत झा आजाद यहां से कांग्रेस की टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए थे।
इस बार भी यहां एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकालबला है। इस बार कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। लेकिन टक्कर आरजेडी के शैलेश कुमार और जनता दल युनाइटेड के अजय कुमार मंडल के बीच है। इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी से मोहम्मद आशिक इब्राहिमी, सोशलिस्ट युनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट से दीपक कुमार, आम आदमी पार्टी से सत्येंद्र कुमार और भारतीय दलित पार्टी से सुशील कुमार दास चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा अभिषेक प्रियदर्शी और नुरुल्लाह बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं।
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