प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर महाराष्ट्र के वर्धा दौरे के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान करने का आरोप लगा है। दरअसल सोमवार को एक चुनावी रैली के लिए राज्य के वर्धा पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने रैली जरूर की, लेकिन एक विवाद भी खड़ा कर दिया। दरअसल वर्धा दौरे पर आए पीएम मोदी ने वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा स्थापित सेवाग्राम आश्रम जाना जरूरी नहीं समझा।
ये बात सेवाग्राम आश्रम के न्यास के साथ ही वहां के लोगों को भी खटक गई। जनसत्ता के अनुसार, सेवाग्राम आश्रम न्यास ने एक बयान में महात्मा गांधी और मोदी को दो अलग-अलग ध्रुव बताते हुए पीएम मोदी पर राष्ट्रपिता का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। खबर के अनुसार, “आश्रम के न्यासी अविनाश काकड़े ने कहा, सेवाग्राम आश्रम लगभग एक दशक तक राष्ट्रपिता का निवास रहा है। रैली के लिए विदर्भ के इस शहर आए मोदी ने संभव है पिछले पांच सालों में यह सोचना शुरू कर दिया हो कि वो गांधी से भी बड़े हो गए हैं।”
साल 1936 में वर्धा के बाहरी इलाके में सेगांव नाम के एक गांव में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित किए गए सेवाग्राम आश्रम के न्यासी काकड़े ने कहा कि अपने विचारों और कर्म के मामले में गांधी और मोदी अलग-अलग ध्रुव हैं। उन्होंने कहा कि मोदी राज में देश में झूठ का बोलबाला हो गया और उनका सेवाग्राम नहीं आना गांधी जी के सत्य की वकालत का मजाक उड़ाना है।
अविनाश काकड़े ने आगे कहा कि गांधी सत्य में विश्वास करते थे जबकि मोदी सत्ता पाने के लिए झूठ का इस्तेमाल करने में यकीन करते हैं। इतना ही नहीं, काकड़े ने आगे कहा, “गांधी जी अहिंसा के पैरोकार थे जबकि मोदी हिंसा में विश्वास करते हैं।”
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