सुलेमानी की हत्या अमेरिका के लिए शर्म की बात : खामेनी
साल 2012 के बाद से शुक्रवार की नमाज की पहली बार अगुवाई करते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने कहा कि 3 जनवरी को मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में हत्या 'अमेरिका के लिए शर्म की बात है।' खामेनी ने कहा, "उन्होंने चुपके से व कायरतापूर्वक जनरल सुलेमानी की आतंकवादी की तरह हत्या कर दी। यह अमेरिका के लिए शर्म की बात है।" खामेनी ने तेहरान की इमाम खामेनी बड़ी मस्जिद में नमाज की अगुवाई की, जहां शुक्रवार की सुबह से ही भारी भीड़ जमा हो गई थी।
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चीन में 7 दशक में सबसे कम जन्म दर
चीन में 70 साल पहले पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के गठन के बाद से जन्म दर सबसे कम हो गई है। ऐसा एक बच्चा नीति में ढील दिए जाने के बावजूद हुआ है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बीबीसी ने एनबीएस के हवाले से कहा कि 2019 में जन्म दर प्रति हजार पर 10.48 फीसदी रही। इसमें यह भी कहा गया कि 2019 में एक करोड़ 46 लाख 50 हजार बच्चों का जन्म हुआ। देश की जन्म दर सालों से गिर रही है, जो दुनिया की दूसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के समक्ष एक चुनौती है। एनबीएस ने कहा कि जन्म दर गिरने के बावजूद चीन में मृत्यु दर के कम होने से जनसंख्या 2019 में 1.4 अरब हो गई, जो पहले 1.39 अरब थी।
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पाकिस्तान : धार्मिक शिक्षा नीति में बदलाव का कड़ा विरोध
पाकिस्तान में इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए 'आजादी मार्च' अभियान चला चुके जमीयते उलेमाए इस्लाम (फजल) के नेता मौलाना फजलुररहमान ने कहा है कि मदरसा पाठ्यक्रम सुधार और इसके नाम पर धार्मिक शिक्षा नीति में किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा। रावलपिंडी में एक प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना फजल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मदरसों को आतंकवाद से जोड़ना एक गलत सोच है। मदरसे देश में शिक्षा का प्रसार कर रहे हैं और समाज में शांति की दिशा में काम कर रहे हैं। साथ ही, यह लोकतंत्र के साथ हैं।
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मुशर्रफ मामला : विशेष अदालत को असंवैधानिक करार देने को चुनौती देगी बार कौंसिल
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को संगीन राजद्रोह मामले में मौत की सजा सुनाने वाली विशेष अदालत को लाहौर हाईकोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने को पाकिस्तान बार कौंसिल सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, आबिद साकी को पाकिस्तान बार कौंसिल का निर्विरोध उपाध्यक्ष चुने जाने के मौके पर मुशर्रफ मामले में विशेष अदालत को असंवैधानिक घोषित किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के फैसले का ऐलान किया गया।
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पाकिस्तान : कट्टरपंथी संगठन के 86 सदस्यों को 4738 साल की कैद
पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक आतंकवाद रोधी अदालत ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के 86 सदस्यों व समर्थकों को कुल मिलाकर 4738 साल की कैद की सजा सुनाई है। इन सभी को 55-55 साल कैद की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि जिन लोगों को सजा सुनाई गई है उनमें टीएलपी प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी का भाई अमीर हुसैन रिजवी और भतीजा मोहम्मद अली भी शामिल हैं। यह सभी जेल में अपनी आगे की जिंदगी के 55 साल बिताएंगे।
इसी के साथ अदालत ने इन सभी पर कुल मिलाकर 1,29,25000 (पाकिस्तानी) रुपये का जुर्माना भी ठोंका है। जुर्माना नहीं चुकाने पर इन सभी 86 दोषियों को कुल मिलाकर 146 साल और कैद भुगतनी होगी तथा इनकी चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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