कुवैत के अधिकारियों ने विदेशी श्रमिकों के आवास वाली एक इमारत में आग लगने की घटना में मारे गए 45 भारतीयों और फिलीपीन के तीन नागरिकों के शवों की पहचान कर ली है। एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। कुवैत ने घटना की त्वरित जांच करने और मृतकों के शवों को भेजने में पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया है। दक्षिणी शहर मंगाफ में बुधवार को सात मंजिला इमारत में आग लगने से कम से कम 49 विदेशी श्रमिकों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए। इस इमारत में 196 प्रवासी श्रमिक रह रहे थे।
अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र ‘अरब टाइम्स’ की खबर के अनुसार प्रथम उप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबा ने कहा कि अधिकारियों ने 48 शवों की पहचान कर ली है, जिनमें 45 भारतीय और तीन फिलीपीन के नागरिक हैं। प्रथम उप प्रधानमंत्री ने कहा कि शेष एक शव की पहचान के प्रयास अब भी जारी हैं। कुवैती अधिकारी दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में हुई विनाशकारी आग की घटना में मारे गए लोगों के शवों का डीएनए परीक्षण करा रहे हैं तथा घटना में मारे गए भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना का एक विमान तैयार रखा गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में यह जानकारी दी।
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इटली में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर मिलने की संभावना है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए एयर फोर्स वन के विमान में इटली प्रस्थान के दौरान सुलिवन ने संवाददाताओं से कहा, ''उन्हें (बाइडन को) उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी वहां आएंगे। भारत ने फिलहाल औपचारिक रूप से उनकी (मोदी) उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है लेकिन हमें उम्मीद है कि दोनों नेता एक-दूसरे से मिल सकते हैं। मुलाकात कैसी होगी फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि कार्यक्रम बेहद व्यस्त है।''
भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर बृहस्पतिवार को इटली के लिए रवाना होंगे। इटली ने 14 जून को होने वाले 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के लिए भारत को 'आउटरीच कंट्री' के तौर पर आमंत्रित किया है। क्वात्रा ने मोदी की इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की पुष्टि की। उन्होंने कहा, हालांकि द्विपक्षीय या फिर अन्य नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बैठकों के विवरण पर अभी कार्य किया जा रहा है।सुलिवन ने एयर फोर्स वन में सवार संवाददाताओं से कहा कि बाइडन ने मोदी से फोन पर बात की थी और चुनाव परिणाम व तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने पर उन्हें बधाई दी थी।
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की गुरुवार को इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और यूक्रेन के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। बाइडेन के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जेक सुलिवन ने बुधवार को इटली जाने से पहले इस समझौते की घोषणा की। इटली जी7 के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। पंद्रह देश पहले ही यूक्रेन के साथ इसी तरह के सुरक्षा समझौते कर चुके हैं, जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं। सुलिवन ने कहा कि कीव के साथ बाइडेन प्रशासन की बातचीत अब अंतिम रूप ले चुकी है। उन्होंने ये नहीं बताया कि समझौते में क्या है, लेकिन इतना जरूर कहा कि यह दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने के तरीके के लिए एक "ढांचा" है।
हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समझौते में यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती की बाध्यता शामिल नहीं होगी। "हम केवल ये दिखाना चाहते हैं कि अमेरिका यूक्रेन के लोगों के साथ है, उनकी सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करना जारी रखेगा, भविष्य में भी।" उन्होंने यह भी संकेत दिया कि समझौते में कहा जाएगा कि व्हाइट हाउस यूक्रेन को "स्थायी" समर्थन देने का तरीका खोजने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के साथ काम करेगा। अमेरिका ने कहा है कि वह यूक्रेन पर रूस से जुड़े 300 से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा रहा है, जिनमें वित्तीय संस्थान, मॉस्को स्टॉक एक्सचेंज और चीनी कंपनियां शामिल हैं। ब्लिंकन ने कहा, "चीन की ओर से रूस में किया जा रहा मिलिट्री निर्यात चिंता का विषय है।" उन्होंने कहा कि अमेरिका अब उन चीनी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा रहा है जो रूस को हथियार सप्लाई करती हैं।"
इसके अलावा, एशिया, मिडिल ईस्ट, यूरोप, अफ्रीका और कैरिबियन के अन्य देशों में व्यक्ति और संगठन पर भी प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं जो रूस की मदद करते हैं। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि रूस अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग हो गया है, जिससे क्रेमलिन की सेना की बाहरी दुनिया तक पहुंच नहीं के बराबर है"। कई रूसी बैंकों के विदेशी ठिकानों को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है ताकि वित्तीय लेनदेन मुश्किल हो जाए। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कहा कि वह रूस और चीन के अलावा कई देशों में दर्जनों व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाकर सैन्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करने की कोशिश कर रहा है।
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यमन के पश्चिमी तट के पास लाल सागर में एक मर्चेंट शिप पर दो बार हमला किया गया, जिसमें चालक दल का एक सदस्य लापता हो गया है। यमन और समुद्री अधिकारियों ने ये जानकारी दी। सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी ने बताया, तटरक्षक बलों के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि ग्रीक स्वामित्व वाले बल्क कैरियर पर होदेइदाह के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 67.7 समुद्री मील की दूरी पर हमला किया गया। विस्फोटकों से लदी एक नाव में विस्फोट किया गया, जिससे शिप का मुख्य हिस्सा टूट गया और उसमें पानी भर गया। अधिकारी ने बताया कि जहाज पर सवार 21 लोगों में से एक लापता हो गया है।
अधिकारी ने कहा, "शिप में पानी भर रहा है और यह डूब रहा है।" उन्होंने कहा कि हमले के तुरंत बाद कॉल कर इसकी जानकारी दी गई। इस बीच, यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) ने पुष्टि की है कि उसे होदेइदाह के पास हुई घटना की जानकारी मिली है। साथ ही उसने यह भी कहा कि कैप्टेन ने बताया कि जहाज में पानी भर रहा है और अब वह कंट्रोल से बाहर हो गया है। इसके बाद शिप पर दोबारा हमला किया गया। होदेइदाह क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले हौथी समूह ने फिलहाल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
हौथी समूह ने हाल के महीनों में लाल सागर में मर्चेंट शिप पर कई हमले किए हैं। पिछले साल नवंबर से, हौथी समूह ने गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लाल सागर से गुजरने वाले इजरायल से जुड़े जहाजों पर मिसाइलों और ड्रोन से कई हमले किए हैं। जवाब में, क्षेत्र में तैनात अमेरिकी-ब्रिटिश नौसैनिक गठबंधन ने हौथी समूह को रोकने के लिए जनवरी से ही उसके ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए हैं, लेकिन इससे हौथी हमलों में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि इसका और विस्तार हुआ है। हौथी समूह अब अमेरिकी और ब्रिटिश मर्चेंट शिप को भी निशाना बना रहा है।
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पाकिस्तान सुरक्षा बलों द्वारा अप्रैल से देश के अशांत प्रांतों में चलाए गए 7,500 से अधिक अभियानों के दौरान प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े प्रमुख कमांडरों सहित कुल 181 आतंकवादी मारे गए हैं। एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। सुरक्षा बलों ने खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध प्रांत में सामूहिक रूप से अभियान चलाए और दावा किया कि समय पर की गई कार्रवाई से प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) संगठन की शहरी क्षेत्रों में नापाक गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिशें विफल हो गईं।
बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सुरक्षा बलों ने एक अप्रैल 2024 से 10 जून 2024 के बीच देशभर में 7,745 अभियान चलाए, जिनमें प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े महत्वपूर्ण कमांडरों समेत 181 आतंकवादी मारे गए।’’ रिपोर्ट के अनुसार केपीके प्रांत में खुफिया रिपोर्टों के आधार पर आतंकवादियों के खिलाफ कुल 2,701 अभियान चलाए गए और 61 आतंकवादियों को मार गिराया गया; बलूचिस्तान में 4,902 अभियान चलाए गए जिनमें 12 आतंकवादी मारे गए तथा सिंध प्रांत में आतंकवादियों के खिलाफ 142 अभियान चलाए गए।
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