अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस ने मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज को अपना रनिंग मेट यानी उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना है। 60 वर्षीय वाल्ज एक पूर्व स्कूल शिक्षक, एक सैन्य दिग्गज, प्रतिनिधि सभा के सदस्य और दो बार गवर्नर रह चुके हैं। उन्होंने हाल ही में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके साथी सीनेटर जेडी वेंस और उनके अभियान और उनके विचारों का वर्णन करते हुए उसे "अजीब" करार दिया था। इस शब्द को हैरिस के अभियान और उनके सहयोगियों ने तुरंत अपना लिया।
सोमवार रात को फिलाडेल्फिया में एक चुनावी रैली में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का आधिकारिक नामांकन हासिल करने के बाद वाल्ज पहली बार हैरिस के साथ दिखेंगे। वे उनके साथ राज्यों के दौरे पर जाएंगे। कमला हैरिस 20 जनवरी, 2021 को अमेरिका की पहली उपराष्ट्रपति बनी थीं। उनसे पहले कोई भी महिला इस पद तक नहीं पहुंच पाई। हालांकि, 2016 में राष्ट्रपति पद के लिए हिलेरी क्लिंटन ने डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती दी थी। लेकिन, उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कमला का जन्म 20 अक्टूबर 1964 को कैलिफोर्निया में भारतीय और जमैकन मूल के माता-पिता के घर में हुआ था। कमला हैरिस की मां श्यामा गोपालन भारतीय मूल की थीं और उनके पिता डोनाल्ड जैस्पर हैरिस का नाता जमैका से था। कमला हैरिस के लिए बचपन अच्छा नहीं बीता। वह जब सात साल की थीं तो उनके माता-पिता अलग हो गए। उनकी मां श्यामला गोपालन ने ही कमला और उनकी बहन की देखरेख की। उन्होंने अपनी मां के जीवन से काफी कुछ सीखा। बचपन के दिनों में अपनी मां के साथ हिंदू मंदिर जाती थीं। इस दौरान उनका भारत भी आना-जाना लगा रहा। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। कमला हैरिस ने साल 2014 में वकील डगलस एम्पहॉफ से शादी की। उनके पति यहूदी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के 235 वर्ष के इतिहास में कमला हैरिस को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
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बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच, प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के एक दिन बाद मंगलवार को संसद भंग कर दी। बंगभवन (राष्ट्रपति भवन) के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ने एक शासकीय आदेश के तहत जातीय संसद को भंग कर दिया है। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘‘संसद को भंग करने का निर्णय सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुखों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों और आंदोलन कर रहे छात्रों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति की चर्चा के बाद लिया गया।’’
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को बाद में एक पूर्ण अंतरिम सरकार की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि संसद को भंग करने के राष्ट्रपति के कदम ने नये सिरे से आम चुनाव कराने का रास्ता साफ कर दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (79) को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है।उन्होंने बताया कि एक जुलाई से अबतक गिरफ्तार किये गए लोगों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और कई लोगों को पहले ही रिहा किया जा चुका है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में पिछले दो दिन में हुई हिंसा में कम से कम 119 लोग मारे गए हैं।
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उत्तरी इजरायल में सैन्य ठिकानों पर हिजबुल्लाह द्वारा किए गए ड्रोन हमलों में कम से कम पांच नागरिकों के घायल होने की खबर है। उत्तरी शहर नहरिया के पास ड्रोन हमले के बाद घायलों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''देश के उत्तरी भाग में पिछले एक घंटे में सक्रिय किए गए अलर्ट के बाद कई मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का पता चला जो लेबनान के क्षेत्र को पार कर आए थे। एक को रोक दिया गया, जबकि नहरिया के दक्षिण में एक के गिरने से कई नागरिक घायल हो गए।'' इसमें कहा गया, "इंटरसेप्टर के टुकड़े गिरने के डर से मिसाइल और रॉकेट फायर अलर्ट सक्रिय किए गए।"
इजरायली विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह इजरायल के लोगों को "आतंकित" नहीं होने देगा। एक बयान में हिजबुल्लाह ने कहा कि आत्मघाती ड्रोन के स्क्वाड्रन ने उत्तर-पश्चिम इजरायल के बंदरगाह शहर एकर के श्रागा बैरक में गोलानी ब्रिगेड के मुख्यालय और एगोज यूनिट 621 के मुख्यालय को निशाना बनाया है। बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में दहिह पर इजरायल के हमले के बाद हिजबुल्लाह और इजरायली सेना के बीच टकराव बढ़ गया है। इस इजरायली हमले में वरिष्ठ हिजबुल्लाह सैन्य कमांडर फौद शोकोर और सात नागरिक मारे गए थे। हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह ने उचित समय और स्थान पर इजरायली हमले का जवाब देने की धमकी दी थी।
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बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने विवादास्पद आरक्षण प्रणाली का विरोध कर रहे छात्र आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों से मंगलवार को बंगभवन में मुलाकात की और मौजूदा स्थिति तथा अंतरिम सरकार की रूपरेखा पर चर्चा की। बांग्ला भाषा दैनिक ‘प्रथम आलो’ ने एक समन्वयक का हवाला देते हुए खबर में बताया कि बैठक मंगलवार शाम को शुरू हुई। अखबार के मुताबिक, “आंदोलन करने वाले छात्र संगठनों के 13 सदस्यों का एक समूह मौजूदा स्थिति तथा अंतरिम सरकार की रूपरेखा को लेकर राष्ट्रपति तथा तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ बंगभवन में बैठक कर रहा है।”
राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए संसद को भंग कर दिया था। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार देर शाम या रात में पूर्ण अंतरिम सरकार की घोषणा की जा सकती है। सोशल मीडिया पर मंगलवार सुबह पोस्ट किए गए एक वीडियो में आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नाम का प्रस्ताव रखा था। नाहिद राष्ट्रपति के साथ बैठक में भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वह पहले ही 84 वर्षीय यूनुस से बात कर चुके हैं, जो बांग्लादेश को बचाने की जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत हो गए हैं। इस बीच, सुप्रीम कोर्टबार एसोसिएशन के अध्यक्ष ए एम महबूब उद्दीन खोकोन ने संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे देश में आपात स्थिति की घोषणा नहीं करें।
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बांग्लादेश में एक इंडोनेशियाई नागरिक सहित कम से कम 24 लोगों को भीड़ ने अवामी लीग पार्टी के एक नेता के स्वामित्व वाले एक होटल में जिंदा जला दिया। यह घटना उस समय हुई जब पार्टी की नेता शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर चली गईं हैं। सोमवार देर रात भीड़ ने जोशोर जिले में जिला अवामी लीग के महासचिव शाहीन चक्कलदर के स्वामित्व वाले जाबिर इंटरनेशनल होटल में आग लगा दी, जिसमें 24 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस घटना में मरने वाले ज्यादातर होटल में ठहरे लोग थे।
ढाका के एक स्थानीय पत्रकार ने बताया, "मृतकों में एक इंडोनेशियाई नागरिक भी शामिल है।" उन्होंने कहा कि जोशोर जनरल अस्पताल के चिकित्सकों ने पुष्टि की है कि उन्होंने 24 शव की गिनती की है, जबकि जीवित बचे होटल कर्मचारियों को डर है कि मलबे में और भी शव हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अवामी लीग सरकार का विरोध करने वाली उग्र भीड़ ने होटल के भूतल पर आग लगा दी और यह शीघ्र ही ऊपरी मंजिलों तक फैल गई।
पूरे बांग्लादेश से लगभग एक जैसी खबरें आईं हैं और वहां गुस्साई भीड़ ने अवामी लीग के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के आवासों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में एकसाथ तोड़फोड़ की। सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देकर देश छोड़कर चले जाने के बाद बांग्लादेश में अराजकता फैल गई है।
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