बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रख्यात अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार गुरुवार रात शपथ लेगी। देश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने बुधवार को यह जानकारी दी। सेना प्रमुख ने मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि देश भर में स्थिति में काफी सुधार हो रहा है और अगले तीन-चार दिन में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार गुरुवार को स्थानीय समय के अनुसार रात 8 बजे शपथ लेगी। इसमें 15 सदस्यों की सलाहकार परिषद होगी। डेली स्टार के अनुसार, जनरल वकार-उज-जमां ने बताया कि उन्होंने प्रोफेसर यूनुस से बात की है। उन्होंने कहा, "मुझे उनसे बात करके बहुत अच्छा लगा। मुझे लगा कि वह इस काम को करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। मुझे यकीन है कि वह हमें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ले जाने में सफल होंगे और इससे हमें लाभ होगा।"
सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसा में शामिल लोगों को "बख्शा नहीं जाएगा" और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद मंगलवार को संसद भंग कर दी थी। वर्ष 2009 में सत्ता संभालने के बाद से लगातार चौथी बार पद पर आसीन हसीना ने सरकार के खिलाफ उग्र होते प्रदर्शन को देखते हुए, सोमवार को इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़ दिया था। वह फिलहाल भारत में हैं। नौकरियों में आरक्षण के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन शुरू हुआ था। माना जाता है कि प्रदर्शनों के मुख्य समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम देश में अंतरिम सरकार के गठन में प्रमुख व्यक्तियों भूमिका निभा रहे हैं। इस्लाम ने सोमवार को मीडियाकर्मियों से कहा था कि वह "अगले 24 घंटे के भीतर" एक अंतरिम राष्ट्रीय सरकार का प्रस्ताव रखेंगे, जिसमें छात्र समुदाय और नागरिक समाज के सदस्यों का भी उचित प्रतिनिधित्व होगा।
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हमास ने याह्या सिनवार को सैन्य संगठन और अपना राजनीतिक प्रमुख घोषित किया है। इस घोषणा के बाद, उग्रवादी संगठन का सत्ता केंद्र फिलिस्तीन के गाजा में स्थानांतरित हो जाएगा। याह्या सिनवार हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की जगह ले रहे हैं, जिनकी 31 जुलाई को तेहरान में हत्या कर दी गई थी। हानिया और उनके पूर्ववर्ती खालिद मशाल ने हमास का नेतृत्व करते हुए कतर के दोहा से काम किया था। हालांकि, सिनवार जिसे इजरायल 7 अक्टूबर, 2023 की हत्या का मास्टरमाइंड मानता है, माना जाता है कि वह दक्षिणी गाजा के रफा या खान यूनिस क्षेत्र के पास हमास की सुरंगों के नेटवर्क में रह रहा है।
इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगरी ने हमास द्वारा सिनवार को अपना राजनीतिक प्रमुख घोषित किए जाने के बाद मंगलवार रात एक प्रेस बयान में कहा कि याह्या सिनवार एक आतंकवादी है, जो इतिहास के सबसे क्रूर आतंकवादी हमले 7 अक्टूबर के लिए जिम्मेदार है। याह्या सिनवार के लिए केवल एक ही जगह है - कब्र, जिसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं। इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने भी सार्वजनिक रूप से कहा कि इजरायल याह्या सिनवार को खोजकर मार डालेगा।
सिनवार 1987 में हमास में शामिल हुए थे, जब शेख अहमद यासीन ने इसकी स्थापना की थी, और चार बार 27 साल इजरायली जेलों में काटे। वह हिब्रू भाषा में पारंगत है और उन्हें हमेशा हमास के सबसे क्रूर नेताओं में से एक माना जाता है। याह्या सिनवार के हमास के सबसे शक्तिशाली नेता बनने के बाद, यह देखना होगा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, कतर और मिस्र के इशारे पर चल रही अप्रत्यक्ष शांति वार्ता किस तरह आगे बढ़ेगी। इजरायल के अनुसार, नरसंहार और तबाही के बाद 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा पकड़े गए 251 बंधकों में से 111 अभी भी हमास की हिरासत में हैं। इसमें 39 मृत शामिल हैं और माना जाता है कि याह्या सिनवार इन बंधकों से घिरी सुरंगों में छिपे हुए हैं।
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बांग्लादेश में हर दिन बदलते परिदृश्य के बीच राजधानी ढाका स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की हिदायत दी है। अमेरिकी दूतावास ने जारी एडवाइजरी में कहा, "वर्तमान स्थिति की अप्रत्याशित और अस्थिर प्रकृति, कानून प्रवर्तन की कमी और बढ़ती हिंसा की संभावना के कारण, अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी चाहिए। इसके साथ ही अमेरिका लौटने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।" दूतावास ने बताया कि ढाका का मुख्य हवाई अड्डा, हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट खुला है और उड़ानें फिर से शुरू हो रही हैं। क्षेत्रीय हवाई अड्डे भी खुले हैं। वापस आने के इच्छुक अमेरिकी नागरिकों को ऑनलाइन या स्थानीय टिकट कार्यालयों के माध्यम से टिकट खरीदना चाहिए।
बांग्लादेश में जारी अराजकता और हिंसा के बीच लगातार वहां से भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। सभी देश वहां मौजूद अपने नागरिकों को लेकर खासे चिंतित हैं। नौकरियों में आरक्षण के विरोध में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत आ गईं। उनके इस्तीफे के तुरंत बाद कार्यालय में आग लगा दी गई। अगले दिन मंगलवार को दोपहर करीब 12.30 बजे फिर से हमला किया गया। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उनके इस्तीफे के बाद हिंसा प्रभावित सतखीरा में कम से कम 10 लोग मारे गए और कोमिल्ला में भीड़ के हमलों में 11 अन्य लोगों की जान गई थी। हिंसा फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही। देश भर में 20 अवामी लीग नेताओं समेत 29 लोगों के शव मिले हैं।
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नेपाल में बुधवार को काठमांडू के उत्तर-पश्चिम में पर्वतीय क्षेत्र में एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से चार चीनी पर्यटकों और एक नेपाली पायलट की मौत हो गई। यह दुर्घटना काठमांडू और नुवाकोट जिलों के बीच सीमा क्षेत्र में हुई। नुवाकोट जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निजी एयरलाइन एयर डायनेस्टी के हेलीकॉप्टर में सवार पायलट समेत सभी पांच लोगों की इस दुर्घटना में मौत हो गई। उन्होंने बताया कि 9एन-एजेडी हेलीकॉप्टर स्थानीय समयानुसार अपराह्न करीब दो बजे काठमांडू से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में नुवाकोट जिले के शिवपुरी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण (सीएएएन) के अनुसार, हेलीकॉप्टर चार चीनी यात्रियों को लेकर काठमांडू से रसुवा के स्याफ्रूबेसी क्षेत्र की ओर जा रहा था। सीएएएन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हेलीकॉप्टर अपराह्न 1:54 बजे काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुआ था। उड़ान भरने के तीन मिनट बाद ही हेलीकॉप्टर का संपर्क टूट गया। पायलट की पहचान अरुण मल्ला के रूप में हुई है। हेलीकॉप्टर में एक महिला समेत चार चीनी नागरिक सवार थे।इससे पहले, 24 जुलाई को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सौर्य एयरलाइंस का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 18 लोगों की मौत हो गई थी तथा विमान का कैप्टन ही बचा था।
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बांग्लादेश में राजनीतिक अराजकता और अशांति के बीच पंचगढ़ जिले के गांवों के कम से कम 500 बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में प्रवेश करने की कोशिश की। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उन्हें पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के पास भारतीय सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया। बांग्लादेशी नागरिकों का कहना है कि देश में जारी हिंसा के बीच उनके घरों में तोड़फोड़ की गई है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बावजूद अशांति जारी रहने के कारण वे अपनी जान बचाने के लिए भारत में शरण लेना चाहते हैं।
पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के चंगेरा बांधा इमिग्रेशन चेक पोस्ट पर मंगलवार को एक बांग्लादेशी दंपत्ति को नकली भारतीय दस्तावेजों के साथ सीमा के इस पार प्रवेश करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। दंपत्ति की पहचान इनामुल हक सोहेल और उनकी पत्नी संजीदा जीना इलाही के रूप में की गई है। हालांकि, भारत ने बाद में उनके अनुरोध करने के बाद केवल "थोड़े समय के लिए रहने" की अनुमति दी है। दरअसल, बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन उग्र रूप ले चुका है। छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। हालात ऐसे हो गये कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह इस समय भारत में हैं। उनके भारत आने के बाद बांग्लादेश में दंगाइयों ने खूब उत्पात मचाया। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री आवास में घुसकर उन्होंने तोड़-फोड़ की। इससे जुड़े कई वीडियो भी सामने आए हैं।
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