हिजबुल्लाह ने लेबनान में हमलों के जवाब में इजरायली ठिकानों को निशाना बनाया। हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने इजरायली ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह ने बुधवार को एक बयान में कहा कि लेबनान में हमलों के जवाब में उसके लड़ाकों ने गोलान हाइट्स के अल-ज़ौरा में इजरायली तोपखाने के ठिकानों पर दर्जनों कत्यूषा रॉकेटों से हमला किया। सूत्रों के अनुसार, लेबनानी सेना ने लेबनान की ओर से इजरायल की तरफ दागी गई लगभग 30 सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों की निगरानी की।
सूत्रों के अनुसार, इजरायल की सेना ने दक्षिणी लेबनान के पूर्वी हिस्से में तायर हरफा, काफ्र किला और मरकबा गांव को निशाना बनाया था। इजरायल ने ड्रोन और युद्धक विमानों से 11 शहरों और गांवों पर हमला किया था। बता दें कि पिछले साल सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था। इसके बाद इजरायल ने बड़े पैमाने पर हमास के खिलाफ हमले शुरू किए। हिजबुल्लाह ने हमास के प्रति एकजुटता दिखाते हुए इजरायल की ओर रॉकेटों की बौछार कर दी। इसके बाद से ही लेबनान-इजरायल सीमा पर तनाव बढ़ गया है।
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न्यायमूर्ति आलिया नीलम ने गुरुवार को लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। वह पाकिस्तान की पहली महिला हैं जो किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर आसीन हुई हैं। पंजाब के राज्यपाल सरदार सलीम हैदर खान ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। पंजाब सूबे की पहली महिला मुख्यमंत्री मरियम नवाज भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुईं। न्यायमूर्ति नीलम (57) लाहौर उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के वरिष्ठता क्रम में तीसरे स्थान पर थीं लेकिन पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग ने उन्हें इस पद के लिए नामित करने का फैसला किया।
नीलम को मुख्य न्यायाधीश बनाने की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर उनकी सत्तारूढ़ शरीफ परिवार के सदस्यों के साथ खींची गई तस्वीर वायरल होने लगीं। इसके जरिये उनके विरोधी यह संकेत करना चाहते थे कि वह सत्तारूढ़ मुस्लिम लीग (नवाज) से जुड़ी हुई हैं।न्यायमूर्ति नीलम का जन्म 12 नवंबर 1966 में हुआ और उन्होंने 1995 में पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की एवं 1996 में वकील के तौर पर अपना पंजीकरण कराया।न्यायमूर्ति नीलम ने 2008 में अधिवक्ता के तौर पर उच्चतम न्यायालय में पंजीकरण कराया। वह 2013 में लाहौर उच्च न्यायालय की अस्थायी न्यायाधीश बनीं और 16 मार्च 2015 को उन्हें पदोन्नति देकर स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया।
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रियाद से आ रहे सऊदी एयरलाइंस के एक विमान में गुरुवार को पाकिस्तान के पेशावर हवाई अड्डे पर उतरते समय आग लग गई, जिसके बाद विमान में सवार सभी 276 यात्रियों और चालक दल के 21 सदस्यों को तुरंत सुरक्षित बाहर निकाला गया। 'डॉन' अखबार ने नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) के हवाले से बताया कि पेशावर के बाचा खान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय विमान में आग लग गई। सीएए के प्रवक्ता सैफुल्लाह के अनुसार हवाई यातायात नियंत्रकों ने विमान के उतरते समय उसके बायीं ओर के लैंडिंग गियर से धुआं और चिंगारी निकलते हुए देखा और 'पायलट' को सचेत किया। साथ ही उन्होंने हवाई अड्डे की अग्निशमन और बचाव सेवाओं को भी सूचित किया।
बयान में कहा गया है कि घटनास्थल पर पहुंचकर सीएए के अग्निशमन वाहन 'लैंडिंग गियर' में लगी आग को बुझाने में सफल रहे। सैफुल्लाह ने कहा, "दमकल कर्मियों ने समय रहते कार्रवाई की और लैंडिंग गियर में लगी आग पर तुरंत काबू पा लिया जिससे विमान एक बड़ी दुर्घटना से बच गया।" उन्होंने बताया "सभी 276 यात्रियों और चालक दल के 21 सदस्यों को एक विशेष फिसल पट्टी (इन्फ्लेटेबल स्लाइड) की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।" पेशावर हवाई अड्डे के अधिकारियों के अनुसार हवाई अड्डा चालू है और सभी उड़ानें अपने निर्धारित समय के अनुसार जारी रहेंगी।
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फिलीपींस के दक्षिणी हिस्से सुल्तान कुदारत प्रांत में गुरुवार सुबह 7.0 तीव्रता का भूकंप आया। फिलीपीन इंस्टीट्यूट ऑफ वॉलकैनोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी ने ये जानकारी दी है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, संस्थान ने कहा कि भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 10.13 बजे आया। यह 722 किलोमीटर की गहराई पर था और तटीय शहर पालेमबांग से लगभग 133 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। देश के दूसरे सबसे बड़े द्वीप मिंडानाओ के आस-पास के प्रांतों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, दावो ऑक्सिडेंटल, दावो ओरिएंटल, सारंगनी, दावो डे ओरो, दावो डेल नॉर्टे और कोटाबाटो में भी झटके महसूस किए गए। संस्थान ने कहा कि टेक्टोनिक भूकंप के कारण झटके तो आएंगे, लेकिन इससे नुकसान नहीं होगा। इसने कहा कि भूकंप के कारण सुनामी नहीं आएगी। फिलीपींस प्रशांत महासागर के "रिंग ऑफ फायर" पर स्थित है। यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
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नेपाली कांग्रेस और ‘सीपीएन-यूएमएल’ के नेताओं ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के शुक्रवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले नयी गठबंधन सरकार के गठन को लेकर बातचीत की। सत्तारूढ़ गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी के पी शर्मा ओली नीत ‘सीपीएन-यूएमएल’ ने पिछले सप्ताह प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और नेपाली कांग्रेस के साथ सत्ता साझेदारी संबंधी समझौता किया था। माना जा रहा है कि दाहाल विश्वास मत हासिल नहीं कर पाएंगे। नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास फिलहाल 89 सीट हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं। निचले सदन में 138 सीटों के बहुमत के मुकाबले दोनों दलों के पास कुल 167 सदस्य हैं। प्रचंड की पार्टी के पास 32 सीट हैं।
‘सीपीएन-यूएमएल’ अध्यक्ष ओली ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा से बुधवार को मुलाकात की। काठमांडू के बाहरी इलाके बुधनीलकांठा में देउबा के आवास पर हुई दो घंटे की बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने ओली के नेतृत्व वाले नए गठबंधन के पक्ष में हस्ताक्षर लेने और इसे राष्ट्रपति को सौंपने जैसे मामलों पर चर्चा की। दोनों दलों ने संसद के शेष बचे तीन साल के कार्यकाल के लिए बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करने संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के अनुसार, ओली पहले चरण में डेढ़ साल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रचंड ने घोषणा की थी कि ‘सीपीएन-यूएमएल’ के आठ मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी वह पद नहीं छोड़ेंगे बल्कि संसद में विश्वास मत का सामना करेंगे।
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