अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने मंगलवार को पहली बहस में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ दिया। हैरिस अमेरिकी विदेश नीति, अर्थव्यवस्था, सीमा सुरक्षा और गर्भपात जैसे विषयों पर ट्रंप को घेरने में कामयाब रहीं । ट्रंप के साथ इस बहस के दौरान हैरिस पूर्व में ‘प्रेसिडेंशियल डिबेट’ में राष्ट्रपति जो बाइडन के निराशाजनक प्रदर्शन की भरपाई करने का भरपूर प्रयास करती भी दिखीं और 90 मिनट चली इस बहस में हैरिस ने ट्रंप को चारों ओर से घेरने का प्रयास किया।
बहस की शुरुआत मंगलवार को दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर की, लेकिन बाद में यह तीखे आक्रामक तेवरों में बदल गई। पूर्व राष्ट्रपति ने जब मौजूदा प्रशासन की निंदा की तो उपराष्ट्रपति हैरिस ने उन्हें स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, ‘‘आप जो बाइडन के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। आप मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।’’ पेन्सिलवेनिया में 90 मिनट चली इस बहस के दौरान हैरिस (59) ने अपनी बहस समेटते हुए अंत में टिप्पणी की, ‘‘मुझे लगता है कि आपने आज रात देश के लिए दो बिल्कुल अलग-अलग दृष्टिकोण सुने। एक जो भविष्य पर केंद्रित है और दूसरा जो अतीत पर केंद्रित है तथा हमें पीछे की ओर ले जाने वाला है, लेकिन हम पीछे नहीं जा रहे हैं।’’
उन्होंने दावा कि दुनिया के नेता ‘‘डोनाल्ड ट्रंप पर हंसते हैं’’ और उनका उपहास उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सैन्य नेताओं के साथ बात की है, जिनमें से कुछ आपके साथ काम कर चुके हैं। उनका कहना है कि आप एक कलंक हैं।’’
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इजरायल ने गाजा पट्टी के जबालिया शहर में एयर स्ट्राइक की, जिसमें नौ फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। फिलिस्तीनी सूत्रों के अनुसार, इजरायल ने उत्तरी गाजा पट्टी के जबालिया शहर में एक घर को निशाना बनाकर हवाई हमला किया। इस हमले के दौरान घर में कई लोग मौजूद थे, जिनमें नौ फिलिस्तीनी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। गाजा में फिलिस्तीनी नागरिक सुरक्षा के प्रवक्ता महमूद बसल ने बताया कि इजरायल के फाइटर जेट ने अल-कुद्स ओपन यूनिवर्सिटी के डॉ. अकरम के घर को निशाना बनाया गया। इस हमले में तीन बच्चों और दो महिलाओं सहित नौ लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा उनके पड़ोसी घर भी एयर स्ट्राइक की चपेट में आए, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के कारण कई मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं।
हवाई हमले के बाद सिविल डिफेंस की टीम लापता लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान में जुटी हुई है। प्रवक्ता महमूद बसल ने मंगलवार को बताया कि मृतकों और घायलों को उत्तरी गाजा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, इजरायल ने इस हमले को लेकर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। ज्ञात हो कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायली सीमा में घुसकर बड़ा हमला किया था। इस हमले में लगभग 1,200 इजरायली नागरिक मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि गाजा पर जारी इजरायली हमलों में अब तक 41,020 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। साथ ही सैकड़ों नागरिकों का इलाज चल रहा है। इससे पहले इजरायल ने हमास के ठिकानों को निशाना बनाया था। इस हमले में हमास के तीन आतंकी मारे गए हैं। इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसने दक्षिणी गाजा में एक हमला किया, जिसमें तीन आतंकियों की मौत हुई है।
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जापान की मौसम एजेंसी ने बुधवार को तूफान बेबिनका को लेकर चेतावनी दी है। एजेंसी ने कहा है कि तूफान के जापान के द्वीपों के पास पहुंचने की संभावना है, जिसमें ओकिनावा और अमामी क्षेत्र शामिल हैं। जिसके कारण गंभीर मौसम की स्थिति पैदा हो सकती है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने बताया कि इस साल का 13वां तूफान, जो मंगलवार रात मारियाना द्वीपों के पास बना, 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 9 बजे, उष्णकटिबंधीय तूफान का केंद्रीय दबाव 990 एचपीए (हेक्टोपास्कल) था और अधिकतम हवा की रफ्तार 25 मीटर प्रति सेकंड थी। जेएमए ने कहा कि तूफान का मजबूत हवा वाला क्षेत्र, जहां हवा की गति कम से कम 15 मीटर प्रति सेकंड है, केंद्र से 220 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। जेएमए ने चेतावनी दी है कि शनिवार और रविवार के बीच आने वाले इस तूफान के कारण प्रभावित क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज हवाएं और ऊंची लहरें आ सकती हैं। एजेंसी ने निवासियों और विजिटर्स से सावधानी बरतने का आग्रह किया है।
बता दें कि उष्णकटिबंधीय तूफान बेबिनका 2018 में भी आया था। यह चक्रवात उस समय लंबे समय तक चला था। चक्रवात ने अगस्त 2018 के मध्य में चीन और वियतनाम को प्रभावित किया था। बेबिनका 9 अगस्त को चीन सागर के ऊपर एक उष्णकटिबंधीय अवसाद से उत्पन्न हुआ था। ग्वांगडोंग तट के पास कुछ दिनों तक इस तीव्रता को बनाए रखने के बाद, यह 13 अगस्त को जियांगमिन के दक्षिण में एक उष्णकटिबंधीय तूफान में बदल गई। तूफान धीरे-धीरे पूर्व की ओर बढ़ा और फिर अगले दिन वापस लौट आया तथा 15 अगस्त को लीझोउ प्रायद्वीप पर पहुंचा। बेबिनका टोंकिन की खाड़ी को पार कर 16 अगस्त को वियतनाम पहुंचा और अगले दिन समाप्त हो गया।
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बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस ने बुधवार को कहा कि उनका देश भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है और यह ‘‘निष्पक्षता और समानता’’ के आधार पर होने चाहिए। अंतरिम सरकार के गठन का एक महीना पूरा होने के अवसर पर यूनुस ने टेलीविजन के जरिये संबोधन में कहा कि प्रशासन के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित कई अन्य देशों के नेताओं ने उन्हें बधाई देने के लिए फोन किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन ये संबंध निष्पक्षता और समानता के आधार पर होने चाहिए।’’ यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश ने बाढ़ से निपटने के लिए भारत के साथ उच्च स्तरीय द्विपक्षीय सहयोग वार्ता शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए दक्षेस को पुनर्जीवित करने की भी पहल की है।’’ दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। यूनुस ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि विश्व बांग्लादेश को एक सम्मानित लोकतंत्र के रूप में मान्यता दे।’’
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भविष्य में सैनिकों के स्थान पर रोबोट युद्ध लड़ते नजर आ सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई सेना ने इसे लेकर कोशिश भी शुरू कर दी है। सेना एक मानवरहित रोबोट का परीक्षण कर रही है, जिसे जीयूएस (ग्राउंड अनक्रूड सिस्टम) नाम दिया गया है। यह जोखिम भरे इलाकों में सैनिकों की जगह ले सकता है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि रोबोट का परीक्षण पिलबारा रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं। यह रेजिमेंट ऑस्ट्रेलियाई सेना का रीजनल फोर्स सर्विलांस ग्रुप (आरएफएसजी) है। मंत्रालय के अनुसार, यह निगरानी रोबोट ऑस्ट्रेलिया में ही विकसित किया गया है। इसमें कैमरे और सेंसर लगे हैं, जो बैटरी के जरिए लगातार 30 दिनों से अधिक समय तक निगरानी कर सकते हैं। बैटरी की क्षमता कम होने पर एक ऑन-बोर्ड तरल ईंधन जनरेटर इसे रिचार्ज करेगा। सेना के फ्यूचर लैंड वारफेयर के महानिदेशक ब्रिगेडियर जेम्स डेविस ने कहा कि रक्षा अधिकारी नई तकनीक का इस्तेमाल करने वाली क्षमताओं को विकसित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
मंत्रालय के मुताबिक, यह रोबोट गतिशील वस्तुओं का पता लगा सकता है और इस सूचना को रिमोट ऑपरेटर को भेज सकता है। जीयूएस में निगरानी क्षेत्र का विस्तार करने की क्षमता है। यह सैनिकों को मुश्किल मौसमी हालात से निकालने में भी सक्षम है। ऑस्ट्रेलियाई सेना और उसके औद्योगिक साझेदार ने मिलकर जीयूएस को विकसित किया है। इसका रिसर्च और डेवलपमेंट विक्टोरियन शहर यिनार में चल रहा है। विक्टोरिया के सबसे बड़े शिक्षा संस्थान, फेडरेशन यूनिवर्सिटी के मेक्ट्रोनिक्स शोधकर्ताओं ने सबसे पहले जीयूएस को विकसित किया था। इसका इस्तेमाल अफ्रीका के विशाल राष्ट्रीय उद्यानों में सशस्त्र घुसपैठियों से रेंजर्स की रक्षा करने के लिए किया जाना था। हालांकि, आगे चलकर ऑस्ट्रेलियाई सेना ने इसमें दिचलस्पी दिखाई और वन्यजीव संरक्षण से हटाकर सैन्य दृष्टिकोण पर ध्यान लगाया।
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