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दुनियाः फिलीपींस में डेंगू का प्रकोप, इस साल 546 लोगों की मौत और बटर चिकन के आविष्कार की लड़ाई पहुंची पाकिस्तान

गाजा पट्टी में गुरुवार को इजरायली हमलों में कम से कम 19 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई।ब्रिटेन के पहले पगड़ीधारी सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी को नयी संसद की रक्षा समिति का अध्यक्ष चुना गया है। धेसी को मतदान के बाद बुधवार को चुना गया।

फिलीपींस में डेंगू का प्रकोप, इस साल 546 लोगों की मौत
फिलीपींस में डेंगू का प्रकोप, इस साल 546 लोगों की मौत  फोटोः सोशल मीडिया

फिलीपींस में बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, इस साल अब तक 546 लोगों की मौत

फिलीपींस में डेंगू खतरनाक रूप लेता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस बीमारी की वजह से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। इस साल जनवरी से 6 सितंबर तक डेंगू के 2,08,965 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल की इसी अवधि से 68 प्रतिशत अधिक है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, इस अवधि में 546 मौतें दर्ज की गईं।

फिलीपींस के स्वास्थ्य सचिव टेओडोरो हर्बोसा ने कहा, "हम डेंगू के मामलों में मौसमी बढ़ोतरी देख रहे हैं।" उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य विभाग जरूरी कदम उठाना जारी रखेगा। स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि बरसात के मौसम की वजह से पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए "सभी को तत्काल और ठोस कार्रवाई करनी चाहिए"। उन्होंने कहा कि डेंगू के प्रसार से निपटने के लिए सामूहिक कोशिश अहमियत रखती है। डेंगू फिलीपींस में स्थानिक रोग है। बदलती परिस्थितियों, बाढ़ और दूषित पानी के जमाव के कारण जुलाई से अक्टूबर तक बरसात के मौसम में डेंगू सहित जल जनित संक्रामक रोग आमतौर पर चरम पर होते हैं। डेंगू मच्छर रुके हुए पानी, खुले बर्तनों, घर के आसपास के डिब्बों और कुछ पौधों, जैसे केले में पनपते हैं।

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बटर चिकन के 'आविष्कार' की लड़ाई पहुंची पाकिस्तान

दिल्ली के दो रेस्टोरेंट्स के बीच बटर चिकन के 'आविष्कार' को लेकर लड़ी जा रही 'जंग' की लपटें पाकिस्तान तक पहुंच गई हैं। पेशावर के पुराने निवासियों को अपने शहर के मोती महल रेस्तरां की याद तो है, लेकिन उन्हें पुख्ता तौर पर पता नहीं कि बटर चिकन मेन्यू में शामिल था या नहीं। बटर चिकन के स्वामित्व को लेकर मोती महल और दरियागंज नाम की दो रेस्टोरेंट चेन कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। दोनों रेस्टोरेंट चेन, विभाजन के बाद दिल्ली में पूर्व साझेदार कुंदन लाल गुजराल और कुंदन लाल जग्गी द्वारा स्थापित की गई थीं। अब इनके वंशज इन रेस्टोरेंट्स को चला रहे हैं।

जियो न्यूज के अनुसार, यह कहानी 20वीं सदी की शुरुआत में पेशावर के कैंटोनमेंट क्षेत्र से आरंभ हुई। यहां मोती महल रेस्टोरेंट टीपू सुल्तान रोड के पास फव्वारा चौक पर एक इमारत की पहली मंजिल पर स्थित था। इस रेस्टोरेंट की स्थापना के बारे में दो अलग-अलग कहानियां है। एक के अनुसार, दिल्ली में मोती महल के संस्थापक कुंदन लाल गुजराल ने 1920 में इसकी स्थापना की थी। वहीं, यह भी कहा जाता है कि इस रेस्टोरेंट मालिकाना हक सिख व्यवसायी मोका सिंह लांबा पास था। जग्गी ने बाद में यहां काम किया। पेशावर के पुराने निवासी मुश्ताक खान ने जियो टीवी को बताया कि अपने सुनहरे दिनों में यह रेस्टोरेंट अपनी सुगंधित चाय, कुरकुरे-पकौड़ों, पनीर के व्यंजनों और तीखे दही आधारित स्नैक्स के लिए जाना जाता था, हालांकि यह थोड़ा महंगा था और ज्यादातर अमीर लोग यहां आते थे, जिनमें ब्रिटिश अधिकारी भी शामिल थे। रेस्टोरेंट का रसोईघर ग्राउंड फ्लोर पर स्थित था।

अब इस जगह पर पेशावर के एक पुराने निवासी इकबाल आरिफ की कपड़ों की दुकान है। उन्होंने बताया कि अपने समय में, मोती महल रेस्तरां की ऊपरी मंजिल पर एक पारंपरिक तंदूर था, जहां पेशावरी नान तैयार किया जाता था और तंदूरी चिकन को बारबेक्यू किया जाता था। आरिफ ने जियो को बताया कि 1980 के दशक में उन्होंने सुना था कि गुजराल पेशावर आए थे और "कपड़े की दुकान के सामने एक पेड़ के सहारे बैठे कर सुबक-सुबक कर रो रहे थे। वह अपने पुराने रेस्टोरेंट के बारे में सोच रहे थे, हालांकि उन्हें यह जानकर तसल्ली हुई थी कि उनका रेस्टोरेंट और उसके स्वादिष्ट व्यंजन की याद लोगों ने अब भी संजोकर रखी है।'

वहीं, बिजनेसमैन शाहिद खान ने जियो को बताया कि उन्होंने बटर चिकन के सिलसिले में गुजराल का नाम कभी नहीं सुना, लेकिन अब अदालती मामले के कारण इस मुद्दे पर अक्सर चर्चा हो रही है। सदर बाजार के बुजुर्ग व्यापारी चौधरी अब्दुल गफूर के मुताबिक पेशावर के मोती महल के मेन्यू में बटर चिकन कहीं नहीं था। उन्होंने कहा कि गुजराल ने दिल्ली आने के बाद इस मशहूर रेसिपी का आविष्कार किया। जियो ने जब वादियों से संपर्क किया, तो गुजराल के वंशजों ने जोर देकर कहा कि बटर चिकन को पेशावर में उनके द्वारा विकसित किया गया था। वहीं जग्गी के पोते का तर्क है कि उनके दादा ने विभाजन के बाद दिल्ली में इस व्यंजन को इजाद किया, हालांकि यह पेशावर में सीखी गई पाक कला पर आधारित था।

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गाजा में इजरायल के हवाई हमले जारी, 19 फिलिस्तीनियों की मौत

गाजा पट्टी में गुरुवार को इजरायली हमलों में कम से कम 19 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। फिलिस्तीनी सुरक्षा और चिकित्सा सूत्रों ने यह जानकारी दी। फिलिस्तीनी चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि एक इजरायली युद्धक विमान ने गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर में आवासीय इमारत पर हमला किया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गाजा शहर के जितून क्षेत्र में इजरायली विमानों द्वारा किए गए दो हमलों में सात फिलिस्तीनी मारे गए। गाजा में नागरिक सुरक्षा प्राधिकरण ने एक प्रेस बयान में बताया कि उसके दल को गाजा शहर के दक्षिण में जितून के पास इजरायली हमले के बाद एक फिलिस्तीनी महिला का शव बरामद हुआ और एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति मिला।

वहीं, गाजा के राफा में नागरिक सुरक्षा दल ने चार लोगों के शव बरामद किए जिनमें से तीन एक ही परिवार के थे, जिन्हें अल-जहौर में मिसाइल द्वारा निशाना बनाया गया था। नागरिक सुरक्षा प्राधिकरण द्वारा जारी एक अलग बयान के अनुसार, शवों को अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि शहर में एक घर पर बमबारी के बाद चार लोगों के शवों को खान यूनिस के यूरोपीय अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। इजरायली सेना ने अभी तक इन घटनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी ग्रुप हमास के हमले के जवाब में गाजा में सैनिक ऑपरेशन शुरू किया था। हमास के हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए और करीब 250 को बंधक बना लिया गया। गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि गाजा पट्टी में जारी इजरायली हमलों में 41,118 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है।

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया अस्पताल में भर्ती

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को बुधवार देर रात एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई। समाचारपत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की मीडिया प्रकोष्ठ के सदस्य सैरुल कबीर खान के हवाले से बताया कि पार्टी अध्यक्ष (79) को उनके आवास गुलशन से बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात करीब 1:40 बजे एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जिया के फिजिशियन ए.जेड.एम. ​​जाहिद हुसैन ने कहा कि चिकित्सकों ने पूर्व प्रधानमंत्री की कई जांच कराने की सलाह दी है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद उन्हें एक निजी कक्ष में पहुंचाया गया है। हुसैन ने कहा, ''जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही उनके आगे के इलाज के बारे में फैसला किया जाएगा।’’ खालिदा जिया इसी अस्पताल में 45 दिन तक इलाज कराने के बाद 21 अगस्त को घर लौटी थीं।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री जिया पिछले पांच साल से नजरबंद थीं,राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आदेश के बाद छह अगस्त को उन्हें रिहा किया गया था। बीएनपी की अध्यक्ष लंबे समय से विभिन्न बीमारियों से जूझ रही हैं। उन्हें 'लीवर सिरोसिस', गठिया, मधुमेह तथा गुर्दे, फेफड़े, हृदय और आंखों से संबंधित बीमारियां हैं। चिकित्सकों ने 23 जून को उन्हें 'पेसमेकर' लगाया था।

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ब्रिटेन के सिख सांसद धेसी को रक्षा समिति का अध्यक्ष चुना गया

ब्रिटेन के पहले पगड़ीधारी सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी को नयी संसद की रक्षा समिति का अध्यक्ष चुना गया है। धेसी को मतदान के बाद बुधवार को चुना गया। स्लो क्षेत्र से लेबर सांसद को 563 वैध वोटों में से 320 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी लेबर सांसद डेरेक ट्विग को 243 वोट मिले। धेसी ने कहा, ‘‘मुझे रक्षा समिति का अध्यक्ष चुने जाने पर खुशी है। मैं सदन के अपने सहयोगियों को मुझ पर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश और विदेश में हम जिन खतरों का सामना कर रहे हैं वे पैमाने और जटिलता, दोनों ही लिहाज से बढ़ रहे हैं। रक्षा समिति के अध्यक्ष के रूप में मैं यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा कि हमारा देश इन चुनौतियों का सामना कर सके। मैं सशस्त्र बलों के कर्मियों और वरिष्ठों (बहादुर लोग जो हमारी सुरक्षा और संरक्षा में अमूल्य योगदान देते हैं) के लिए संसद में आवाज बुलंद करूंगा।’’

धेसी को बधाई देते हुए पूर्व भारतीय सांसद तरलोचन सिंह (जो संक्षिप्त दौरे के तहत फिलहाल ब्रिटेन में हैं) ने कहा, ‘‘धेसी का सेना, नौसेना, वायुसेना से संबंधित प्रतिष्ठित संसदीय समिति का अध्यक्ष चुना जाना पूर्व के दो संसदीय कार्यकाल में उनकी भूमिका को सम्मान देना है। मैं भारतीय संसद का सदस्य रहा हूं और मुझे संसदीय समितियों की अहमियत मालूम है। संसद और ब्रिटिश सरकार ने धेसी की क्षमता के प्रति अपना भरोसा जताया है।’’

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