कांगो गणराज्य की राजधानी किंशासा के मकाला में केंद्रीय जेल से भागने के प्रयास में कुछ कैदियों की मौत हो गई। यह जानकारी, कांगो गणराज्य सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने सोमवार को दी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के हवाले से बताया कि सोमवार सुबह मकाला सेंट्रल जेल में कई घंटों तक गोलियों की आवाजें सुनी गईं। इससे कई कैदियों की मौत हो गई।
कांगो गणराज्य की मीडिया और संचार मंत्री मुयाया ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कैदियों के जेल से भागने के प्रयास यह घटना हुई। मंत्री ने कहा कि इस घटना का पूरा विवरण बाद में दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने किंशासा के निवासियों से संयम बनाए रखने का आग्रह भी किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एक पोस्ट में लिखा, "किंशासा के लोगों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं। आगे का विवरण बाद में बताया जाएगा।" जुलाई 2024 में, डीआरसी के न्याय मंत्री, कॉन्स्टेंट मुताम्बा ने फैसला किया था कि मकाला सेंट्रल जेल में भीड़भाड़ को कम करने के लिए 1,284 कैदियों को सशर्त रिहाई दी जाएगी।
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बांग्लादेश की संसद की अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधरी ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। करीब चार सप्ताह पहले राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद सदन को भंग कर दिया था। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने बताया कि चौधरी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एक आभूषण कारीगर की हत्या के मामले में उन पर आरोप लगाया गया है। चौधरी के अलावा अवामी लीग के नेताओं और हसीना के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे कई लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार और हत्या समेत अन्य आरोपों में मामले दर्ज किए गए हैं। हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद अवामी लीग के कई नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
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कम्बोडियन उप-प्रधानमंत्री और रॉयल पैलेस मंत्री कोंग सैम ओल का सोमवार को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। हुन मानेट ने एक शोक संदेश में कहा, "मुझे और मेरी पत्नी को यह जानकर गहरा दुख हुआ कि उप प्रधानमंत्री और रॉयल पैलेस कोंग के मंत्री सैम ओल का 2 सितंबर को स्थानीय समयानुसार सुबह 8:35 बजे 94 वर्ष की आयु में बीमारी के कारण निधन हो गया।" समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सैम ओल की मृत्यु न केवल परिवार के सदस्यों के लिए बल्कि देश के लिए भी एक बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि सैम ओल ने राज्य की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता, साथ ही सिंहासन और संवैधानिक राजशाही की रक्षा के लिए हमेशा संघर्ष किया। सैम ओल ने 1998 से रॉयल पैलेस के मंत्री के रूप में कार्य किया था।
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को कहा कि वह अर्द्धसैनिक बल बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) में 2009 के विद्रोह की "जल्द" पुनः जांच और निष्पक्ष सुनवाई शुरू करेगी, जिसमें बल में सेवारत 57 सैन्य अधिकारियों समेत 74 लोग मारे गए थे। अंतरिम सरकार के गृह एवं कृषि मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एम जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि एक नागरिक और एक पूर्व सैन्यकर्मी के रूप में वह इस दुखद घटना में न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ढाका में स्वीडिश राजदूत रेटो सिगफ्रीड रेंगली के साथ बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, "बीडीआर संबंधी घटना की पुनः जांच और निष्पक्ष सुनवाई प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।"
विद्रोह 25-26 फरवरी, 2009 को शुरू हुआ, जब सेना के अधिकारियों ने बीडीआर जवानों की मांगों को पूरा करने से इनकार कर दिया था। विद्रोही सैनिकों ने ढाका में बीडीआर के पिलखाना मुख्यालय में विद्रोह किया और यह जल्दी ही पूरे देश में फ्रंटियर फोर्स के सेक्टर मुख्यालयों और क्षेत्रीय इकाइयों तक फैल गया। विद्रोह में अर्द्धसैनिक बलों के जवानों ने अपने कमांडरों की ओर बंदूकें तान दीं, उन्हें नजदीक से गोली मार दी या उन्हें धारदार हथियारों से हमला करके मार डाला, उनके शवों को सीवर में छिपा दिया और उनके डरे हुए परिवार के सदस्यों को बैरकों में बंधक बना दिया। विद्रोह में 57 सैन्य अधिकारियों सहित 74 लोग मारे गए थे।
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बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। इसमें छह महिलाएं और 18 बच्चे शामिल हैं। देश की आपदा प्रतिक्रिया एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी। आपदा प्रबंधन और राहत मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया समन्वय केंद्र के अनुसार, बाढ़ से देश के तीन दक्षिण-पूर्वी जिले - फेनी, क्यूमिला और नोआखली सबसे अधिक प्रभावित हैं। इनमें अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 64 में से 11 जिलों में बाढ़ के पानी से लगभग 6 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं और जीवन, संपत्ति और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पूर्वी और उत्तर पूर्वी जिलों में अभी भी 605,767 लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। हालांकि, कई दक्षिण-पूर्वी जिलों में बाढ़ की स्थिति में अब सुधार होने लगा है। इन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी घटने लगा है। अधिकारियों ने बचाव व राहत अभियान जारी है।
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