लेबनान और गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों के खिलाफ अरब जगत अब एकजुट होता नजर आ रहा है। मिस्र और जॉर्डन ने गाजा और लेबनान में 'इजरायली हमलों' पर तत्काल रोक लगाने और संघर्ष के राजनीतिक समाधान की अपील की। वहीं कतर ने हिजबुल्लाह-इजरायल संघर्ष के बीच लेबनान के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और इजरायली हमलों की निंदा की। मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती और जॉर्डन के उप प्रधानमंत्री तथा विदेश एवं प्रवासी मंत्री अयमान सफादी ने मंगलवार को काहिरा में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। दोनों मंत्रियों ने बढ़ते क्षेत्रीय, राजनीतिक और सुरक्षा संकटों के समाधान पर चर्चा की। मिस्र और जॉर्डन के अन्य देशों के साथ संपर्कों की समीक्षा की, ताकि क्षेत्र को व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में फंसने से रोका जा सके।
अब्देलती ने कहा कि चर्चाओं में गाजा में युद्ध विराम तक पहुंचने, गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक पर 'क्रूर इजरायली हमले" को रोकने के लिए अरब कोशिशों को जारी रखने के महत्व पर जोर दिया गया। जॉर्डन के विदेश मंत्री ने कहा कि जॉर्डन गाजा और लेबनान पर इजरायली 'आक्रामकता' को समाप्त करने के लिए मिस्र के साथ काम करना जारी रखेगा। सफादी ने वेस्ट बैंक में 'उबलते हालात के प्रति चेतावनी देते हुए कहा कि 'अगर वहां स्थिति विस्फोटक हो जाती है, तो यह और भी खतरनाक रूप ले लेगी।" उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देरी के लिए कोई जगह नहीं है और इजरायल को कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए।
इस बीच कतर की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग राज्य मंत्री लोलवा अल-खतर ने बढ़ते हिजबुल्लाह-इजरायल संघर्ष के बीच लेबनान के लिए कतर के समर्थन को व्यक्त किया। उन्होंने इजरायली हमलों की निंदा करने में अरबों के बीच एकता का आश्वासन दिया। लेबनानी मंत्रिपरिषद द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, अल-खतर ने लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती से मुलाकात की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अल-खतर ने कहा कि कतर 1.2 मिलियन से अधिक विस्थापित लेबनानी लोगों के मानवीय संकट को नियंत्रित करने के लिए मध्यम और दीर्घकालिक योजनाओं पर काम कर रहा है।
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पाकिस्तान में दो हिंदू कारोबारियों का बदमाशों ने अपहरण कर लिया और उनकी रिहाई के एवज में अपने साथियों को पुलिस हिरासत से रिहा करने की मांग की है। यह घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर से 500 किलोमीटर दूर रहीम यार खान की है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रिजवान गोंडल ने बुधवार को बताया, ‘‘शुक्रवार को डकैतों ने हिंदू व्यापारी शमीर जी और धीमा जी का अपहरण कर लिया। बाद में डकैतों ने उन्हें छोड़ने के बदले अपने साथियों को रिहा करने की मांग की।’’
उन्होंने बताया कि इस अपहरण में सरगना काबुल सुखन शामिल है जिसके ऊपर पर एक करोड़ पाकिस्तानी रुपये का इनाम घोषित है। उन्होंने बताया कि कारोबारियों और हाल ही में अपहृत पांच अन्य लोगों की सुरक्षित रिहाई के लिए पुलिस की एक टीम गठित की गई है।अधिकारी ने कहा, ‘‘बदमाशों ने हिंदू और अन्य बंधकों का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वे पुलिस हिरासत से अपने साथियों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। बदमाशों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे बंधकों को जान से मार देंगे।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस जल्द ही अपहृत कारोबारियों को छुड़ा लेगी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे सड़कों और रिहायशी इलाकों से अपहरण के साथ-साथ मोहपाश (हनी ट्रैप) में फंसा कर भी लोगों का अपहरण कर रहे हैं। ‘रहीम यार खान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ के अध्यक्ष इकबाल हाफिज ने जिले में अपहरण के तेजी से बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, ‘‘कारोबारियों और उद्योगपतियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना प्रांत की जिम्मेदारी है। अपहरण के बढ़ते मामलों के चलते कई कारोबारी और उद्योगपति जिला छोड़कर चले गए हैं।’’
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अमेरिका का फ्लोरिडा तूफान 'मिल्टन' से निपटने की तैयारियों में लगा है। तूफान के बुधवार को अमेरिकी राज्य के पश्चिमी मध्य तट पर टाम्पा खाड़ी के पास पहुंचने का अनुमान है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को फ्लोरिडा में आपातकाल की घोषणा को मंजूरी दे दी, जो अभी भी तूफान हेलेन के प्रभावों से उबर रहा है। बाइडेन ने जर्मनी और अंगोला की अपनी योजनाबद्ध यात्रा स्थगित कर दी और इसके बजाय फ्लोरिडा में तूफान मिल्टन की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। फ्लोरिडा के पश्चिमी तट पर 50 लाख से अधिक निवासियों को घनी आबादी वाले तटीय क्षेत्र को छोड़ने की अपील की गई।
इस बीच मिल्टन में मंगलवार को फिर से तेजी आई और यह श्रेणी 5 तक पहुंच गया, जो उच्चतम रेटिंग है, केंद्र में लगभग 270 किमी/घंटा की निरंतर हवाएं चल रही हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 20 से अधिक काउंटियों ने अनिवार्य और स्वैच्छिक निकासी आदेश जारी किए हैं। अधिकारियों ने निकासी आदेश के तहत आने वाले लोगों को सख्त चेतावनी दी है। अधिकारियों ने कहा कि 'जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाला तूफान' मेक्सिको की पूर्वी खाड़ी से होकर फ्लोरिडा पहुंचेगा। बुधवार रात को इसका केंद्र फ्लोरिडा के पश्चिमी तट पर पहुंच सकता है। यूएस नेशनल वेदर सर्विस के राष्ट्रीय तूफान केंद्र ने फ्लोरिडा निवासियों से अपनी तैयारी पूरी करने की अपील की है, क्योंकि बुधवार तक स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती जाएगी।
फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने एक्स पर लिखा, "अब समय आ गया है कि आप अपने प्लान पर काम करें और अपने स्थानीय अधिकारियों से प्राप्त निकासी आदेशों का पालन करें। आपका घर फिर से बनाया जा सकता है, लेकिन हम तूफान में खोई हुई जान की भरपाई नहीं कर सकते।" फ्लोरिडा आपातकालीन प्रबंधन प्रभाग ने चेतावनी देते हुए कहा कि तूफान के कारण 'तेज हवाएं, घातक तूफानी लहरें, बवंडर और भारी बारिश जैसी कई मौसमी समस्याएं उत्पन्न होने का डर है, इन समस्याओं के कारण पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है।" फ्लोरिडा आपातकालीन प्रबंधन विभाग ने कहा, "कल से राज्य के कुछ हिस्सों में उष्णकटिबंधीय तूफानी हवाएं चलेंगी, जिसका मतलब है कि गाड़ी चलाना या बाहर रहना असुरक्षित है।" कई काउंटियों में फ्री शटल सेवा संचालित की जाएगी, जो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद करेगी। फ्लोरिडा में वॉल्ट डिज्नी वर्ल्ड थीम पार्क ने कहा कि वह बुधवार को बंद रहेगा और गुरुवार को भी बंद रहने की संभावना है।
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इजरायल की वायु सेना ने पिछले एक दिन में लेबनान और गाजा में 230 से अधिक हवाई हमले किए। इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने बुधवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, आईडीएफ ने एक बयान में बताया कि उसके युद्धक विमानों ने लेबनान में हिजबुल्लाह के लगभग 185 ठिकानों और गाजा पट्टी में हमास के लगभग 45 ठिकानों पर हमला किया। आईडीएफ ने दक्षिणी लेबनान के गांवों में पूरी तरह से तैयार कमांडो की तस्वीरें जारी कीं। सेना का कहना है कि यहां उसके सैनिक हिजबुल्लाह लड़ाकों के साथ नजदीकी लड़ाई में लगे हुए थे। तस्वीरों में गाजा में इमारतों के मलबे के बीच तैनात सैनिकों को भी दिखाया गया है। बयान में कहा गया, 'आईडीएफ सभी मोर्चों पर हर रक्षात्मक और आक्रामक परिदृश्य के लिए तैयार है।'
वहीं लेबनान और गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों के खिलाफ अरब जगत अब एकजुट होता नजर आ रहा है। मिस्र और जॉर्डन ने गाजा और लेबनान में 'इजरायली हमलों' पर तत्काल रोक लगाने और संघर्ष के राजनीतिक समाधान की अपील की। कतर ने हिजबुल्लाह-इजरायल संघर्ष के बीच लेबनान के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और इजरायली हमलों की निंदा की। मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती और जॉर्डन के उप प्रधानमंत्री तथा विदेश एवं प्रवासी मंत्री अयमान सफादी ने मंगलवार को काहिरा में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। दोनों मंत्रियों ने बढ़ते क्षेत्रीय, राजनीतिक और सुरक्षा संकटों के समाधान पर चर्चा की। मिस्र और जॉर्डन के अन्य देशों के साथ संपर्कों की समीक्षा की, ताकि क्षेत्र को व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में फंसने से रोका जा सके। अब्देलती ने कहा कि चर्चाओं में गाजा में युद्ध विराम तक पहुंचने, गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक पर 'क्रूर इजरायली हमले" को रोकने के लिए अरब कोशिशों को जारी रखने के महत्व पर जोर दिया गया।
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ब्रिटेन के एक नीलामी गृह ने बुधवार को ‘नगा मानव खोपड़ी’ को अपने ‘लाइव ऑनलाइन बिक्री’ की सूची से हटा लिया है। नीलामी गृह ने इस मुद्दे पर भारत के विरोध के बाद यह कदम उठाया।ऑक्सफोर्डशायर के टेस्ट्सवर्थ में स्वॉन नीलामी गृह के पास उसके ‘द क्यूरियस कलेक्टर सेल, एंटीक्वेरियन बुक्स, मैनुस्क्रिप्ट्स एंड पेंटिंग्स’ के तहत दुनिया भर से प्राप्त खोपड़ियों और अन्य अवशेषों का संग्रह है। ‘19वीं शताब्दी की सींग युक्त नगा मानव मानव खोपड़ी, नगा जनजाति’ को बिक्री के लिए सूची में लॉट नंबर 64 पर रखा गया था। इसकी बिक्री को लेकर नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने विरोध जताया था और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस बिक्री को रोकने में दखल की मांग की थी।
रियो ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘ब्रिटेन में नगा मानव खोपड़ी की नीलामी के प्रस्ताव की खबर ने सभी वर्ग के लोगों पर नकरात्मक असर डाला है क्योंकि हमारे लोगों के लिए यह बेहद भावनात्मक और पवित्र मामला है। दिवंगत लोगों के अवशेषों को सर्वोच्च सम्मान और आदर देने की हमारे लोगों की पारंपरिक प्रथा रही है।’’ फोरम फॉर नगा रिकॉन्सिलीएशन (एफएनआर) द्वारा इस मामले को लेकर चिंता जताने के बाद रियो ने विदेश मंत्री से यह मामला लंदन में भारतीय उच्चायोग के समक्ष उठाने का अनुरोध किया ताकि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जा सके कि खोपड़ी की नीलामी रोकी जा सके।
नीलामी सूची में नगा मानव खोपड़ी की तस्वीर के नीचे लिखा था, ‘‘यह कृति मानवशास्त्र और जनजातीय संस्कृतियों पर ध्यान केंद्रित करने वाले संग्रहकर्ताओं के लिए विशेष रुचिकर होगी’’। नीलामी के लिए शुरुआती राशि 2,100 जीबीपी (ग्रेट ब्रिटिश पाउंड) (करीब 2.30 लाख रुपये) रखी गई थी और नीलामीकर्ताओं को इसके 4,000 जीबीपी (करीब 43 लाख रुपये) में बिकने की उम्मीद थी। इसकी उत्पत्ति के बारे में 19वीं शताब्दी के बेल्जियम के वास्तुकार फ्रेंकोइस कोपेन्स के संग्रह से पता चलता है।
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