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दुनियाः लेबनान में 3 पत्रकारों की हत्या, इजरायल पर लगा आरोप और फिलीपींस में तूफान का कहर, 46 की मौत, 20 लापता

दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में एक गिरोह द्वारा की गई सामूहिक गोलीबारी में 7 लोगों की मौत हो गई। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने गाजा पट्टी में तत्काल युद्ध विराम की मांग करते हुए कहा कि अगर टीकाकरण अभियान में देरी हुई तो वहां पोलियो का खतरा पैदा हो सकता है।

लेबनान में 3 पत्रकारों की हत्या, इजरायल पर लगा आरोप
लेबनान में 3 पत्रकारों की हत्या, इजरायल पर लगा आरोप फोटोः IANS

लेबनान ने इजरायल पर तीन पत्रकारों की हत्या का लगाया आरोप

लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने शुक्रवार को लेबनान में तीन पत्रकारों की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यह इजरायली फोर्सेज द्वारा किए गए 'युद्ध अपराधों' की निरंतरता को दर्शाता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की सुबह हसबैया शहर के पश्चिमी छोर पर स्थित एक होटल में उनके आवास को निशाना बनाकर किए गए इजरायली ड्रोन हमले में तीन पत्रकार मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए। इजरायली सेना ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पहले पत्रकारों को निशाना बनाने से इनकार किया है।

मिकाती के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "जानबूझकर की गई इस आक्रमकता का उद्देश्य वास्तव में मीडिया को आतंकित करना है ताकि किए जा रहे अपराधों और विनाश को छुपाया जा सके।" प्रधानमंत्री ने कहा, "मैंने निर्देश दिए हैं कि इस नए अपराध को इजरायली अपराधों के साथ दर्ज फाइलों की श्रृंखला में जोड़ा जाए, जिन्हें प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संदर्भों में प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय जो हो रहा है उसे रोक सके।"

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक लेबनानी सूचना मंत्री ने कहा कि इजरायली सेना ने लेबनान के दक्षिणी हसबैया में पहले पत्रकारों के सोने का इंतजार किया और उसके बाद उन पर एयर स्ट्राइक की। मंत्री मकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अल मायादीन और अल-मनार टीवी चैनलों के मारे गए तीनों पत्रकार दुनिया के सामने इजरायली 'अपराधों' को प्रसारित कर रहे थे। मकारी ने कहा, 'यह एक हत्या है, निगरानी और ट्रैकिंग के बाद, पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध तरीके से की गई, क्योंकि उस स्थान पर सात मीडिया संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 18 पत्रकार मौजूद थे। यह एक युद्ध अपराध है।'

रिपोर्ट के मुताबिक अल मायादीन टीवी ने पुष्टि की है कि दक्षिणी लेबनान में उनके आवास पर इजरायली हमले में मारे गए तीन पत्रकारों में उसके दो कर्मचारी भी शामिल हैं। अल मायादीन ने मारे गए कर्मचारियों की पहचान कैमरा ऑपरेटर घासन नजर और प्रसारण तकनीशियन मोहम्मद रेडा के रूप में की। हिजबुल्लाह से संबद्ध अल-मनार टीवी ने कहा कि उसके कैमरा ऑपरेटर विसम कासिम भी हसबैया शहर पर हुई एयर एयर स्ट्राइक में मारे गए।

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फिलीपींस में तूफान का कहर, 46 की मौत, 20 लापता

फिलीपींस में इस हफ्ते आए उष्णकटिबंधीय तूफान 'ट्रामी' से मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी दी कि कम से कम 20 लोग अभी भी लापता हैं। सिविल डिफेंस एडमिनिस्ट्रेटर एरियल नेपोमुसेनो के कार्यालय ने एक रिपोर्ट में कहा कि देश भर के नौ क्षेत्रों में 'ट्रामी' से संबंधित मौतों की सूचना मिली है। मनीला के दक्षिण-पूर्व में स्थित बिकोल क्षेत्र, (जो तूफान का सबसे अधिक प्रकोप झेल रहा है), में सबसे अधिक 28 मौतें हुई हैं। कैलाबारजोन क्षेत्र में 15 मौतें हुई हैं। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि फिलीपींस के अन्य क्षेत्रों में भी 'ट्रामी' से संबंधित मौतों की सूचना मिली है।

इस वर्ष फिलीपींस में आने वाला 11वां तूफान 'ट्रामी' मुख्य लूजोन द्वीप से होकर गुजरा, जो बिकोल और कैलाबारजोन क्षेत्रों में विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन का कारण बना। मृतकों के आंकड़े बढ़ सकते हैं, क्योंकि पुलिस और अन्य एजेंसियां ​​ट्रामी के प्रभाव का आकलन करना जारी रखे हुए हैं। एजेंसी ने कहा कि शुक्रवार तक देश भर में 293 सड़कें और 67 पुल अभी चलने लायक नहीं हैं। कुछ क्षेत्रों में बिजली अभी भी बहाल नहीं हुई है। राज्य मौसम ब्यूरो ने कहा कि शुक्रवार सुबह उत्तरी फिलीपींस में इलोकोस सुर प्रांत से 255 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में ट्रामी को देखा गया। यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा था, जिसमें 95 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाएं और 151 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाएं चल रही थीं। राज्य मौसम ब्यूरो ने शुक्रवार दोपहर या शाम को ट्रामी के फिलीपींस से बाहर निकलने का अनुमान लगाया है। फिलीपींस में हर साल औसतन 20 तूफान आते हैं।

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दक्षिण अफ्रीका में सामूहिक गोलीबारी में सात लोगों की मौत

दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में एक संदिग्ध गिरोह द्वारा की गई सामूहिक गोलीबारी में सात लोगों की मौत हो गई। स्थानीय पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि दक्षिण अफ्रीका के पश्चिमी केप प्रांत में दो दिनों में यह दूसरी ऐसी घटना है। प्रांतीय पुलिस के एक बयान के अनुसार, गोलीबारी गुरुवार शाम को केप टाउन के उपनगर बिशप लैविस में हुई। प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता नोवेला पोटेलवा ने बयान में कहा, "लगभग 8.40 बजे (1840 GMT) एक हथियारबंद संदिग्ध कोगेलबर्ग स्ट्रीट पर एक अनौपचारिक आवास में घुस गया और वहां रहने वालों पर कई गोलियां चलाईं।"

पुलिस प्रवक्ता ने कहा, "मृतकों की उम्र 24 से 55 के बीच है। हमले में 8 लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में ले जाया गया।" पोटेलवा ने एक अपडेट में बताया कि शुक्रवार सुबह अस्पताल में घायलों में से एक 25 वर्षीय महिला की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने इलाके में तैनाती बढ़ा दी है। पोटेलवा ने कहा, "हत्या और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज किए गए हैं और एंटी-गैंग यूनिट (एजीयू) के जासूस जांच कर रहे हैं। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।" इससे पहले बुधवार रात को केपटाउन से लगभग 40 किमी उत्तर में स्थित एक छोटे से शहर अटलांटिस में पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पोटेलवा के अनुसार, दोनों ही घटनाएं आपराधिक गिरोहों से संबंधित मानी जा रही हैं। प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिमी केप के पुलिस आयुक्त थेम्बिसाइल पाटेकाइल ने एजीयू जासूसों को 'इन जघन्य कृत्यों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ने' का निर्देश दिया।

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टीकाकरण अभियान में देरी से गाजा में बढ़ा पोलियो का खतरा

संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने गुरुवार गाजा पट्टी में तत्काल युद्ध विराम की आवश्यकता पर बल दिया है। कहा है कि अगर टीकाकरण अभियान के अंतिम चरण में देरी हुई तो वहां पोलियो का खतरा पैदा हो सकता है। पोलियो टीकाकरण अभियान का तीसरा और अंतिम चरण बुधवार को गाजा में शुरू होने वाला था मगर जारी संघर्ष और हवाई हमलों के बीच बड़े पैमाने पर विस्थापन के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) की प्रवक्ता लुईस वाटरिज ने कहा, "गाजा में पोलियो के प्रकोप को रोकना जरूरी है, इससे पहले कि और बच्चे लकवाग्रस्त हो जाएं और यह वायरस फैल जाए।" "मानवीय सहायता के कार्यान्वयन के माध्यम से टीकाकरण अभियान को उत्तर में सुगम बनाया जाना चाहिए।" वाटरिज ने कहा कि नागरिक बुनियादी ढांचों लगातार हो रहे हमलों ने वहां उत्तरी गाजा में लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। नतीजतन पीड़ित परिवारों के लिए अपने बच्चों को टीकाकरण स्थल तक सुरक्षित लाना बहुत मुश्किल हो चुका है और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी काम करना असंभव हो गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अक्टूबर को पोलियो टीकाकरण अभियान के दूसरे दौर की शुरुआत के बाद से गाजा में 10 वर्ष से कम आयु के 442,855 बच्चों को सफलतापूर्वक टीका लगाया गया है, जो इन क्षेत्रों में लक्ष्य का 94 प्रतिशत हिस्सा है। संक्रमण को रोकने के लिए प्रत्येक समुदाय और पड़ोस के कम से कम 90 प्रतिशत बच्चों को पहले दौर के बाद दूसरा टीका लगना जरूरी है। इनमें 119,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं। प्रवक्ता ने कहा कि उत्तरी गाजा में लोग मौत के डर के साथ विनाश का सामना कर रहे हैं। उत्तर में 400,000 से ज्‍यादा लोग फंसे हुए हैं, जहां इजरायल ने हमास चरमपंथियों के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया है। तीन हफ्तों तक यहां कोई सहायता नहीं पहुंची और वहां कोई दुकान भी मौजूद नहीं है। सैन्य हमले ने जल सहित जीवन के लिए जरूरी चीजों तक पहुंच भी खत्‍म कर दी है। मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने गुरुवार को बताया कि जबाल्या शरणार्थी शिविर के उत्तर-पूर्व में तेल अल ज़ातर में तथा अल फलुजा में शिविर के पश्चिम में परिवार फंसे हुए हैं और वह आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। अनुमान है कि जबाल्या में 50,000 से 70,000 लोग रह गए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र के भागीदारों द्वारा उत्तरी गाजा प्रांत में 23,000 लीटर ईंधन पहुंचाने के अनुरोध को इजरायली अधिकारियों ने अस्वीकार कर दिया था। फिलिस्तीनी सिविल डिफेंस ने कहा कि उत्तरी गाजा प्रांत में उसके अभियान पूरी तरह से बंद हो गए हैं, जिससे वहां की पूरी आबादी मानवीय सहायता से महरूम होकर जीवन यापन कर रही है।

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पाकिस्तान में जांच चौकी पर हमले में 10 सुरक्षाकर्मियों की मौत

पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों की एक चौकी पर हमला कर दिया जिसमें 10 जवान मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि डेरा इस्माइल खान जिले के दाराबान इलाके में जांच चौकी पर बृहस्पतिवार को हमले के बाद हुई मुठभेड़ में सुरक्षाकर्मी मारे गए। अधिकारी के अनुसार, हमले के तुरंत बाद जवानों की एक टुकड़ी मौके पर पहुंची और हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया गया।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हमले में 10 जवानों ने अपनी जान गंवा दी। अभी तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इलाके में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) सक्रिय है और ऐसे अनेक हमलों में सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जाता रहा है। पाकिस्तान टीटीपी पर लगातार अफगानिस्तान स्थित पनाहगाहों से गतिविधियां चलाने का आरोप लगाता रहा है। काबुल में 2021 में तालिबान की सरकार बनने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवाद की घटनाओं में इजाफा हुआ है।

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