पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत के वाशुक जिले में बुधवार को एक बस बड़े नाले में गिर गई। इस हादसे में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, बस ग्वादर से क्वेटा जा रही थी। इसी दौरान बस का एक टायर फट गया और अनियंत्रित होकर नाले में गिर गई। हादसे में घायल लोगों को इलाज के लिए बसिमा सिविल अस्पताल पहुंचाया गया है। सूत्रों ने कहा, कुछ घायलों की हालत गंभीर है, इसलिए मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि इस कठिन समय में हम शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री शरीफ और बुगती ने अधिकारियों को घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है। सीएम बुगती ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की। पाकिस्तान में सड़कों की हालत खराब होने से अक्सर हादसे होते रहते हैं। इसकी मुख्य वजह निवेश की कमी बताई जा रही है।
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दक्षिण अफ्रीका में नई नेशनल असेंबली के साथ-साथ प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए बुधवार को लाखों लोग मतदान कर रहे हैं। इस बीच यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के नेतृत्व वाली ‘अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस’ (एएनसी) 30 साल पहले नेल्सन मंडेला के निर्वाचित होने के बाद पहली बार अपना बहुमत खो सकती है। मतदान सुबह सात बजे (स्थानीय समयानुसार) शुरू हुआ था और रात नौ बजे तक चलेगा। अंतिम परिणाम रविवार तक आने की उम्मीद है। राष्ट्रपति रामाफोसा (71) को पूरा विश्वास है कि उनकी पार्टी चुनाव में सत्ता में वापस आएगी।रामाफोसा ने वोट डालने के बाद मीडिया से कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका के लोग आज मतदान करके एएनसी को पूर्ण बहुमत देंगे। इसे लेकर मेरे मन और मस्तिष्क में कोई संदेह नहीं है।’’
इन चुनाव में तीन दशक से प्रभुत्व रखने वाली एएनसी की प्रतिष्ठा दांव पर है। पार्टी ने दक्षिण अफ्रीका को रंगभेद के क्रूर श्वेत अल्पसंख्यक शासन से 1994 में बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी। सभी के लिए बेहतर जीवन के नारे के साथ रंगभेद को समाप्त करने का वादा करने वाली इस पार्टी के सामने असमानता, गरीबी और बेरोजगारी जैसी विकट समस्याएं हैं और इनसे परेशान अश्वेत बहुसंख्यकों ने पार्टी को सत्ता से बेदखल करने की चेतावनी दी है।चुनाव में अगर एएनसी को बहुमत नहीं मिला तो उसे सरकार बनाने और पार्टी के नेता और राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को शीर्ष पद पर बनाए रखने के लिए अन्य दल के साथ गठबंधन करना पड़ सकता है। इससे पहले एएनसी को कभी ऐसी परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ा।
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इलरायली सेना ने बुधवार को भी दक्षिणी गाजा के राफा पर भीषण हमले किए, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए। दो दिन पहले भी हवाई हमलों में 45 लोग मारे गए थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा की गई थी। इजरायली सेना ने कहा, "वह पश्चिमी राफा में विस्थापित लोगों के लिए एक आश्रय स्थल पर हमले की रिपोर्ट की जांच कर रही है।"
गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य प्राधिकरण के प्रवक्ता ने कहा, "राफा में अलग-अलग इजरायली हमलों में रात भर में 18 लोग मारे गए। हालांकि, इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी।" चश्मदीदों के अनुसार, इजरायली सेना शहर के मध्य में आगे बढ़ गई है। इजरायल की एक समाचार ने बताया कि इजरायली टैंक ताल अल-सुल्तान इलाके में तैनात किए गए हैं। इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा कि राफा के आसपास अभी भी सेना तैनात है। वे निर्दोष लोगों को नुकसान पहुंचाने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी के पूर्व पति पर इस्लामाबाद की एक अदालत के बाहर पूर्व प्रधानमंत्री खान के एक वकील ने बुधवार को हमला कर दिया। यह हमला तब हुआ जब वह गैर-इस्लामिक विवाह मामले में दंपति की सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई के लिए उपस्थित हुए थे। खान (71) और बीबी (49) को 3 फरवरी को एक निचली अदालत ने ‘इद्दत’ के दौरान शादी करने के लिए सात-सात साल जेल की सजा सुनाई थी। इस्लाम में ‘इद्दत’ किसी महिला के लिए अपने पति की मृत्यु या तलाक के बाद दूसरी शादी से पहले प्रतीक्षा करने का अनिवार्य समय है।
बुशरा के पूर्व पति खावर मेनका ने नवंबर 2023 में दंपति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बुशरा द्वारा ‘इद्दत’ की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि का पालन किए बिना शादी कर ली थी। उन्होंने अदालत से विवाह को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया था। अदालत ने 23 मई को अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे बुधवार को सुनाया जाना था।
मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ बुशरा और उनके पति (इमरान खान) द्वारा दायर अपील की सुनवाई के दौरान इस्लामाबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश शाहरुख अर्जुमंद फैसला सुनाए बिना अपने कक्ष में चले गए। इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वकीलों ने अदालत कक्ष में बोतलें फेंकी, जिसके बाद खावर के वकीलों ने उन्हें बाहर निकाल लिया। हालांकि, बाहर निकाले जाने के दौरान पीटीआई के एक वकील ने अदालत परिसर में खावर पर हमला कर दिया जिससे वह जमीन पर गिर गए।
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आतंकियों ने एक बार फिर अफगानिस्तान सीमा के पास उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में लड़कियों के एक स्कूल को निशाना बनाया है। आतंकियों ने स्कूल में केरोसिन डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस महीने में यह तीसरी घटना है जब लड़कियों के स्कूल को निशाना बनाया गया है। उत्तरी वजीरिस्तान क्षेत्र के परिसर में सोमवार रात आग लगा दी गई, जिससे एक बार फिर वर्षों से इस्लामवादियों के निशाने पर रही शिक्षा को लेकर नए सिरे से आशंकाएं पैदा हो गई हैं।
स्थानीय पुलिस प्रमुख रेहान खान ने डीपीए को बताया कि सुदूर क्षेत्र में हुई यह घटना बुधवार को रिपोर्ट की गई। बता दें कि उत्तरी वजीरिस्तान लंबे समय तक अलकायदा और उससे संबद्ध तालिबान का मुख्यालय रहा था, लेकिन 2014 में सेना द्वारा कई हमलों के बाद उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया था। पाकिस्तानी तालिबान एक ऐसा समूह है जो अपने अफगान समकक्षों की तरह ही इस्लाम की कट्टर विचारधारा का पालन करता है। समूह ने अतीत में भी लड़कियों के स्कूलों पर बमबारी की है। इस क्षेत्र पर 2007 से 2009 के बीच जब पाकिस्तानी तालिबान का शासन था, तब वजीरिस्तान और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के गृह नगर स्वात में सैकड़ों लड़कियों के स्कूलों पर बमबारी की गई थी। कई वर्षों के बाद हुए हमलों ने लोगों में यह डर पैदा कर दिया है कि 2014 की तरह ही आतंकवादी फिर से छात्रों को निशाना बना सकते हैं।
2014 में एक सैन्य-संचालित संस्थान में लगभग 150 बच्चों की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले (18 मई को) आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा में दक्षिण वजीरिस्तान की वाना तहसील में लड़कियों के स्कूल को बम से उड़ा दिया था। इस स्कूल को बनाने का काम चल ही रहा था कि यह दहशतगर्दों के निशाने पर आ गया। इससे पहले (9 मई को) उत्तरी वजीरिस्तान के शेवा शहर में इस्लामिया गर्ल्स स्कूल को निशाना बनाकर उस पर पर बमबारी की गई थी। बता दें कि इस हमले में किसी की मौत नहीं हुई थी।
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