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दुनियाः गाजा के स्कूल पर इजरायली हवाई हमले में 28 की मौत और खतरनाक तूफान मिल्टन ने अमेरिका में मचाई तबाही

गंभीर बिजली संकट से जूझ रहे इक्वाडोर में ऊर्जा मंत्री एंटोनियो गोंकाल्वेस को पद से हटा दिया गया है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने देश लौटने पर भारत की आर्थिक सहायता और लगातार समर्थन के लिए गुरुवार को आभार जताया।

गाजा के स्कूल पर इजरायली हवाई हमले में 28 की मौत
गाजा के स्कूल पर इजरायली हवाई हमले में 28 की मौत फोटोः IANS

गाजा के स्कूल पर इजरायली हवाई हमले में 28 की मौत

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि गाजा पट्टी में विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर गुरुवार दोपहर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 28 फिलिस्तीनी मारे गए और 54 से अधिक घायल हो गए। फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसायटी (पीआरसीएस) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि उसकी टीमों ने डेर अल-बलाह शहर में पीआरसीएस मुख्यालय के पास स्थित राफिदा स्कूल को इजरायली सेना द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद हताहतों की मदद की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चिकित्सकों ने कहा कि एम्बुलेंस कर्मचारियों और नागरिक सुरक्षा तंत्र ने बच्चों और महिलाओं सहित कई लोगों के शव बरामद किए, जिनमें से कुछ के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे।

इस बीच, इजरायली सेना ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि उसने डेर अल-बलाह में राफिदा स्कूल के परिसर में "एक कमांड और नियंत्रण केंद्र" के अंदर आतंकवादियों को निशाना बनाकर "सटीक हमला" किया। सेना ने कहा कि केंद्र का इस्तेमाल "आईडीएफ (इजरायल डिफेंस फोर्सेज) सैनिकों और इजरायल राज्य के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया गया था।" इसने हमास पर नागरिक आबादी के भीतर से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि "नागरिकों को नुकसान के जोखिम को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए, जिसमें सटीक गोला-बारूद का उपयोग, हवाई निगरानी और अतिरिक्त खुफिया जानकारी (हमले से पहले) शामिल हैं।" पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले से शुरू हुआ गाजा संघर्ष, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 बंधक बनाए गए थे, अब अपने दूसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, गाजा में चल रहे इजरायली सैन्य अभियानों में 42,065 लोगों की मौत हुई है और 97,886 लोग घायल हुए हैं।

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खतरनाक तूफान मिल्टन ने अमेरिका में मचाई तबाही

अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा तूफान ‘मिल्टन’ फ्लोरिडा के सिएस्टा शहर में तट से टकरा गया है। इस तूफान ने फ्लोरिडा में जमकर तबाही मचाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तूफान ‘मिल्टन’ की चपेट में आने से सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं। इसके अलावा 20 लाख से अधिक घरों की बिजली भी गुल हो गई है। तूफान ‘मिल्टन’ ने अमेरिका के फ्लोरिडा में तबाही के निशान छोड़े हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तूफान ‘मिल्टन’ को लेकर लोगों को पहले से ही अलर्ट रहने को कहा था। उन्होंने इसे "सदी का सबसे बड़ा तूफान" बताया। इतना ही नहीं, अमेरिकी सरकार ने तूफान से निपटने के लिए प्रभावितों के ठहरने की भी व्यवस्था पहले से ही कर ली थी।

अमेरिकी राष्ट्रीय तूफान केंद्र के अनुसार, फ्लोरिडा से टकराते समय मिल्टन लेवल पांच का तूफान था, जिसे सबसे घातक माना जाता है। इसकी अधिकतम गति 120 मील प्रति घंटा (195 किलोमीटर प्रति घंटा) थी। हालांकि, जब तूफान फ्लोरिडा के सिएस्टा शहर से टकराया तो इसकी गति में कमी आई, गुरुवार की सुबह तक हवा की गति कम होकर 90 मील प्रति घंटे (150 किलोमीटर प्रति घंटे) हो गई है। फिलहाल मिल्टन तूफान लेवल 1 में बदल गया है। बताया जा रहा है कि फ्लोरिडा के तट से टकराने से पहले ही तूफान की वजह से रिकॉर्ड बारिश हुई है। सेंट पीटर्सबर्ग में बुधवार को 16.6 इंच (422 मिमी) बारिश दर्ज की गई है। इस वजह से लाखों लोगों पर बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है।

फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के मुताबिक, तूफान ‘मिल्टन’ की वजह से करीब 19 से अधिक बवंडर भी आए हैं। कई जगह ऐसी भी हैं, जहां जानमाल के नुकसान की भी संभावना जताई गई है। यही नहीं, 20 लाख से अधिक घरों की बिजली भी गुल हो गई है। इस तूफान के मद्देनजर फ्लोरिडा में लगभग नौ हजार नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है। इसके अलावा 50 हजार विद्युत ग्रिड कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। तूफान के कारण करीब दो हजार से अधिक उड़ानें रद्द की गई हैं। इसके साथ ही पेट्रोल पंप बंद करने पड़े हैं और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। ज्ञात हो कि फ्लोरिडा में कुछ दिन पहले ही हेलेन तूफान ने तबाही मचाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलेन तूफान से अमेरिका के कई राज्य प्रभावित हुए थे और 200 से अधिक लोगों की मौत भी हुई थी।

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अमेरिका ने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया

अमेरिका ने बुधवार को वरिष्ठ उद्योगपति रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भारत को अधिक समृद्धि तथा विकास की ओर अग्रसर करने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा (86) ने एक छोटे से समूह को भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक में बदल दिया। उनका दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार रात निधन हो गया था।

गूगल और अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात में हमने ‘वेमो’ की प्रगति के बारे में बात की और उनका दृष्टिकोण प्रेरणादायक था। वे एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और उन्होंने भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’

अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष अतुल केशप ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पद्म विभूषण से सम्मानित व्यक्ति ‘‘भारत के अद्वितीय और महान पुत्र, कुलीनता और उदारता के आदर्श’’ थे। ‘इंडियास्पोरा’ के संस्थापक एम.आर. रंगास्वामी ने कहा, ‘‘इंडियास्पोरा समुह अत्यंत दुख के साथ रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करता है।’’ कॉर्नेल विश्वविद्यालय ने बताया कि टाटा ने यहीं से स्नातक किया था और वह इस विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़े दानदाता बन गए।

विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष माइकल आई. कोटलिकॉफ ने कहा, ‘‘रतन टाटा ने भारत, कॉर्नेल और पूरे विश्व में एक असाधारण विरासत छोड़ी है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, आर्ट एंड प्लानिंग के डीन जे. मीजिन यून ने कहा, ‘‘जब रतन टाटा ने आर्किटेक्चर में डिग्री के साथ कॉर्नेल से स्नातक किया था, तो यह कल्पना करना असंभव था कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व, परोपकार और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का वैश्विक प्रभाव कई क्षेत्रों में शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में होगा।’’ रतन टाटा 2006 से 2022 तक तीन बार कॉर्नेल के न्यासी रहे। उन्हें 2013 में कॉर्नेल का ‘आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर’ नामित किया गया।

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इक्वाडोर में बिजली संकट के बीच हटाए गए ऊर्जा मंत्री

बिजली संकट से जूझ रहे इक्वाडोर के ऊर्जा मंत्री को हटा दिया गया है। इक्वाडोर के राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ के कार्यालय ने एक बयान में ऊर्जा मंत्री एंटोनियो गोंकाल्वेस को हटाने की जानकारी दी है। दरअसल, इक्वाडोर को बीते कुछ दिनों से ऊर्जा संकट के कारण बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री एंटोनियो गोंकाल्वेस ने जुलाई में पदभार संभाला था। उन्होंने कुछ दिन पहले ही एक घोषणा करते हुए कहा था कि ऊर्जा की कमी के कारण प्रतिदिन 10 घंटे तक बिजली कटौती की जरूरत है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटोनियो गोंकाल्वेस की जगह पर्यावरण मंत्री इनेस मंजानो को अंतरिम ऊर्जा मंत्री के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है। राष्ट्रपति कार्यालय ने बुधवार को कहा कि इनेस मंजानो एक आउटडेटेड मैट्रिक्स का नेतृत्व करेंगे, जिनकी देखरेख में हम 72 प्रतिशत वर्षा पर निर्भर हैं और साथ ही वह नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को भी शुरू करेंगे। बता दें कि इक्वाडोर में सितंबर के मध्य से बिजली का संकट गहराता जा रहा है। सूखे ने हाइड्रोइलेक्ट्रिक जलाशय और कोलंबिया से बिजली के आयात को भी प्रभावित किया है।

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मालदीव लौटे राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत का आभार जताया

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की आर्थिक सहायता और लगातार समर्थन के लिए गुरुवार को आभार जताया। पत्नी साजिदा मोहम्मद के साथ भारत की पांच दिन की राजकीय यात्रा समाप्त कर वापस लौटे राष्ट्रपति ने मालदीव को, विशेष तौर पर मुश्किल समय में, आर्थिक सहायता देने और लगातार समर्थन करने के लिए भारत के प्रति आभार जताया।मुइज्जू ने एक प्रेस बयान में भारत की आर्थिक सहायता के लिए आभार व्यक्त किया, जिसमें पांच करोड़ अमरीकी डॉलर के ट्रेजरी बिल की मियाद को एक वर्ष बढ़ाना शामिल है।

पदभार ग्रहण करने के बाद मुइज्जू की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पर यह पहली भारत यात्रा थी। यात्रा के दौरान, मुइज्जू ने राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें कीं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये चर्चाएं मालदीव और भारत के बीच मैत्री और विकास साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित थीं।भारत और मालदीव ने सोमवार को मुद्रा अदला-बदली को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और वित्तीय संकट से जूझ रहे द्वीपसमूह राष्ट्र में बंदरगाहों, सड़क नेटवर्क, विद्यालयों और आवास परियोजनाओं के निर्माण के लिए विकास सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने 'व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण' पर भी सहमति व्यक्त की, जो एक दस्तावेज है जो सहयोग के विभिन्न पहलुओं को समाहित करता है।वार्ता के बाद भारत ने हुलहुमाले में 700 सामाजिक आवास इकाइयां भी सौंपीं, जिनका निर्माण एक्जिम बैंक की क्रेता ऋण सुविधाओं के तहत किया गया था। प्रधानमंत्री ने मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता की भी घोषणा की। दोनों पक्षों ने 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की मुद्रा अदली-बदली के समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस कदम से मालदीव को वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

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