हमास द्वारा संचालित गाजा सरकार के मीडिया कार्यालय ने कहा कि गुरुवार को गाजा पट्टी में इजरायली बमबारी में नौ बच्चों सहित कम से कम 17 फिलिस्तीनी मारे गए। शहादा अल-नुसेरात स्कूल के परिसर पर हुए बम हमले में 52 से अधिक लोग घायल हो गए और अनेक लोग लापता हो गए। मीडिया कार्यालय ने एक बयान में कहा कि स्कूल ने हजारों विस्थापित लोगों को शरण दी है और उनमें से अधिकांश बच्चे तथा महिलाएं हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि इजरायली वायु सेना ने हमास आतंकवादियों पर हमला किया, जो नुसेरात के शुहादा अल-नुसेरात स्कूल में एक कमांड और नियंत्रण केंद्र के अंदर काम कर रहे थे। इसमें कहा गया है कि कमांड और नियंत्रण केंद्र, जो पहले शहादा अल-नुसेरात स्कूल के रूप में कार्य करने वाले परिसर के अंदर स्थित था। उसका उपयोग आईडीएफ सैनिकों और इजरायल राज्य के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया गया था।
हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइली सीमा के अंदर बड़ा हमला किया था। इसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 बंधक बनाए गए। इसका बदला लेने के लिए इजरायल ने गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया जो अब तक जारी है। गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि गाजा पट्टी में चल रहे इजरायली हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 42,847 हो गई है।
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में करीब नौ महीने तक सलाखों के पीछे रहने के बाद गुरुवार को जमानत पर जेल से रिहा हो गईं।इस रिहाई से एक दिन पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने 10 लाख रुपये के मुचलके बांड पर 50 वर्षीय बुशरा बीबी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी। खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने व्हाट्सऐप संदेश में बुशरा की रिहाई की पुष्टि की। इस संदेश में कहा गया है, ‘‘बुशरा बीबी को जेल से रिहा कर दिया गया।’’ पीटीआई ने कहा कि बुशरा को पहली बार 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
अदालत द्वारा बुशरा को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराये जाने एवं 14 साल की कैद की सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें (फिर) गिरफ्तार किया गया था। तोशाखाना मामले में, खान और उनकी पत्नी पर विदेशी गणमान्य अतिथियों से मिले उपहारों को बेचकर लाभ कमाने का आरोप है। इससे पहले, न्यायमूर्ति औरंगजेब ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए बुशरा से और पूछताछ की जरूरत को लेकर संघीय जांच एजेंसी के जांच अधिकारी से सवाल किया था। अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की थी कि और जांच की जरूरत नहीं है। बुशरा खान की तीसरी पत्नी हैं।
इस बीच खान और बुशरा के खिलाफ बुधवार को होने वाली अभियोग कार्यवाही सुरक्षा कारण से स्थगित कर दी गई क्योंकि रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में होने वाली सुनवाई को इस्लामाबाद के न्यायिक परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि, सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी और अदालत ने अभियोग की सुनवाई 26 अक्टूबर के लिए पुनर्निर्धारित कर दी। बुशरा की रिहाई पीटीआई के साथ-साथ खान के लिए भी राहत की बात है, जो जोर देते रहे हैं कि उनकी पत्नी का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के छात्र संगठन 'बांग्लादेश छात्र लीग' पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत लगाया गया है। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा कि सरकार ने 'आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009' की धारा 18 की उपधारा (1) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए 'बांग्लादेश छात्र लीग' पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है, "बांग्लादेश की आजादी के बाद से, विशेष रूप से पिछले 15 वर्षों के तानाशाही शासन के दौरान, अवामी लीग का छात्र संगठन 'बांग्लादेश छात्र लीग' को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल पाया गया है। इन गतिविधियों में हत्या, प्रताड़ना, कॉलेज परिसरों में उत्पीड़न, छात्र डॉर्मिटरी में सीट ट्रेडिंग, टेंडर में हेरफेर, दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं।
इससे पहले, मंगलवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने के लिए नेतृत्व करने वाले समूह भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफे सहित पांच सूत्री मांगों की घोषणा की। मांगों में अवामी लीग के छात्र संगठन, बांग्लादेश छात्र लीग पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल थी। बुधवार शाम जारी आदेश में कहा गया है, "इनसे संबंधित दस्तावेजी जानकारी देश के सभी प्रमुख मीडिया में प्रकाशित हो चुकी है और कुछ आतंकवादी घटनाओं में संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक अदालत में आरोप भी साबित हो चुके हैं।" आधिकारिक आदेश के अनुसार, बांग्लादेश छात्र लीग के नेताओं ने 15 जुलाई से चल रहे भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और आम जनता पर बेतहाशा और बेखौफ तरीके से हमला किया।
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने अपने प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश का नेतृत्व करने के लिए “अयोग्य” हैं। हैरिस ने वाशिंगटन में अपने आधिकारिक आवास पर बुधवार को पत्रकारों से कहा, “कल हमें पता चला कि डोनाल्ड ट्रंप के चीफ ऑफ स्टाफ रहे जॉन केली ने इस बात की पुष्टि की है कि ट्रंप जब राष्ट्रपति थे तब वह चाहते थे कि उनके पास वैसे जनरल हों, जैसे एडॉल्फ हिटलर (जर्मन तानाशाह) के पास थे।”
उन्होंने कहा, “ट्रंप ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह नहीं चाहते कि सेना अमेरिकी संविधान के प्रति निष्ठावान हो। वह ऐसी सेना चाहते हैं जो उनके प्रति वफादार हो। वह ऐसी सेना चाहते हैं जो व्यक्तिगत रूप से उनके प्रति निष्ठावान हो, जो उनके आदेश माने, चाहे इसके लिए उसे उनके कहने पर कानून तोड़ना पड़े या अमेरिकी संविधान के प्रति अपनी शपथ का उल्लंघन करना पड़े।” हैरिस ने कहा, “बीते सप्ताह के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने देशवासियों को बार-बार अंदरूनी दुश्मन कहा और यह तक कहा कि वह अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल करेंगे। ”
इससे एक दिन पहले केली ने ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को दिए साक्षात्कार में कहा था, “निश्चित रूप से, पूर्व राष्ट्रपति (ट्रंप) दक्षिणपंथी विचारधारा के हैं, वे निश्चित रूप से एक सत्तावादी हैं, तानाशाहों की प्रशंसा करते हैं- उन्होंने ऐसा कहा है।” केली ने आरोप लगाया, "वह निश्चित रूप से सरकार के लिए तानाशाही दृष्टिकोण को प्राथमिकता देते हैं।" उन्होंने कहा कि ट्रंप ने "कभी भी इस तथ्य को स्वीकार नहीं किया कि वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नहीं थे। शक्तिशाली से मेरा मतलब उस व्यक्ति से है जो अपनी इच्छा के अनुसार जो चाहे, जब चाहे कुछ भी कर सकता है।”
ट्रंप ने आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि जॉन केली नामक एक पूरी तरह से पतित आदमी में दो गुण थे। वह सख्त और मूर्ख थे।"
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तुर्की की वायु सेना ने इराक और सीरिया में कुर्द ठिकानों पर हमला किया। इस कार्रवाई को टीयूएसएएस पर हुए आतंकी हमले का बदला बताया जा रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, तुर्की के आंतरिक मंत्री ने बुधवार को बताया कि अंकारा में तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज इंक (टीयूएसएएस) पर हुए आतंकवादी हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए और 22 अन्य घायल हो गए। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बुधवार को एयर स्ट्राइक में 32 ठिकानों को 'नष्ट' कर दिया गया, लेकिन किन लोकेशन पर हमला किया गया इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। बयान में कहा कि नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए 'सभी प्रकार की सावधानियां' बरती गईं। आंतरिक मंत्री अली येरलिकाया ने कहा कि हमले के पीछे कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का हाथ माना जा रहा है।
रक्षा मंत्री यासर गुलर ने भी पीकेके पर उंगली उठाई। गुलर ने कहा, 'हम इन पीकेके बदमाशों को हर बार वह सजा देते हैं जिसके वे हकदार हैं। लेकिन वे कभी अपने होश में नहीं आते। हम उनका पीछा तब तक करेंगे जब तक कि आखिरी आतंकवादी का खात्मा नहीं हो जाता।" अंकारा में इराकी दूतावास ने टीयूएसएएस पर हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया यह "आतंकवाद और उग्रवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों को अस्वीकार करने में इराक की दृढ़ स्थिति की पुष्टि करता है, और तुर्की गणराज्य की सरकार और लोगों के साथ इराक की सरकार और लोगों की एकजुटता व्यक्त करते हैं।" इस साल की शुरुआत में, इराक ने पीकेके पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। इस बीच अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को तुर्की की राजधानी अंकारा में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। बयान में कहा गया, "इस हमले की निंदा करते हुए मंत्रालय तुर्की की सरकार और जनता तथा शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है।"
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