रूस के दक्षिणी दागेस्तान गणराज्य में हुए सिलसिलेवार आतंकी हमलों में कम से कम 15 पुलिस अधिकारी मारे गए। स्थानीय अधिकारियों के हवाले से आरआईए नोवोस्ती की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों ने चर्च, पुलिस चौकी और यहूदियों के पूजा स्थल सिनेगॉग पर गोलीबारी की। इस हमले में कई नागरिकों के हताहत होने की खबर है। दागेस्तान गणराज्य के प्रमुख सर्गेई मेलिकोव ने कहा कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार डर्बेंट में सिनेगॉग में हमलों के दौरान लगी आग को पूरी तरह बुझा दिया गया है। मेलिकोव ने सोशल मीडिया पर बताया, ''इसमें छह सशस्त्र हमलावर मारे गए हैं। कानून प्रवर्तन अधिकारी तब तक तलाश जारी रखेंगे जब तक कि आतंकवादी हमलों में शामिल सभी लोगों को पकड़ नहीं लिया जाता।''
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी समिति के अनुसार रूसी जांच समिति ने आतंकवादी हमलों और गोलीबारी से संबंधित कानून के तहत केस दर्ज किए हैं और साथ ही दागेस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया है। दागेस्तान रूस के सबसे अधिक विविधता वाला क्षेत्र है, जहां अलग-अलग भाषा और नस्ल के लोग रहते हैं। समाचार एजेंसी ने बताया, ''हमलों के बाद रूस के यहूदी समुदाय संघ ने लोगों से आग्रह किया कि वे दागेस्तान में हुए हमल पर कोई प्रतिक्रिया न दें।'' स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, माखचकाला और डर्बेंट में सभी मनोरंजन कार्यक्रम अगली सूचना तक रद्द कर दिए गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 22 मार्च को मास्को के क्रोकस सिटी हॉल कॉन्सर्ट स्थल पर आतंकवादी हमले के बाद ये दूसरी ऐसी घटना है। क्रोकस सिटी हॉल कॉन्सर्ट स्थल पर आतंकी हमले में कम से कम 144 लोगों की मौत हो गई थी, और 551 लोग घायल हो गए थे।
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सऊदी अरब ने घोषणा की है कि इस साल हज सीजन के दौरान 1,301 तीर्थयात्रियों की मौत हुई, जिनमें से 83 प्रतिशत अपंजीकृत थे। सऊदी प्रेस एजेंसी ने स्वास्थ्य मंत्री फहद अल-जलाजेल के हवाले से बताया कि हीट स्ट्रेस के "अनेक" मामले सामने आये हैं। उनमें कुछ लोग अब भी इलाजरत हैं। मंत्री ने रविवार को कहा, "मृतकों में कई बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति शामिल हैं।" उन्होंने संकेत दिया कि गर्मी से अपंजीकृत तीर्थयात्रियों को सबसे अधिक परेशानी हुई क्योंकि वे बिना किसी आश्रय या आराम के सीधे धूप में लंबी दूरी तक चले थे। सभी पीड़ितों की पहचान कर ली गई है और उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि पहचान, दफनाने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया। अल-जलाजेल ने उच्च तापमान का सामना करने वाले तीर्थयात्रियों के बीच हीट स्ट्रेस के बारे में जागरूकता और तैयारी बढ़ाने के लिए सक्षम अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा की। समाचार एजेंसी ने शिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने घोषणा की कि हज सीजन के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधन सफल रहा और "महामारी या व्यापक बीमारियों का कोई प्रकोप दर्ज नहीं किया गया"। उल्लेखनीय है कि आपातकालीन देखभाल और सर्जरी से लेकर डायलिसिस तक 4,65,000 से अधिक हाजियों को विशेष इलाज प्रदान किये गये। इनमें 1,41,000 अपंजीकृत लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने हज करने के लिए आधिकारिक प्राधिकरण प्राप्त नहीं किया था।
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इजरायली सेना ने सोमवार को दावा किया कि उसने गाजा पट्टी में हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी को मार गिराया है जो हथियारों में विशेषज्ञता रखता था। इजरायल ने कहा कि गाजा के दक्षिणी शहर रफा में हमला जारी है। एक अपडेट में सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने इजरायली सेना के हवाले से बताया कि एक हवाई हमले में मुहम्मद सलाह की मौत हो गई है। वो हमास के हथियार निर्माण मुख्यालय में प्रभारी के पद पर था और सभी तरह के हथियारों में उसकी विशेषज्ञता थी।
इजरायली सेना के मुताबिक, सलाह रणनीतिक हथियार विकसित करने के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था। उसने कई दस्तों की कमान संभाली थी जो हथियार विकसित करने का काम करते थे। इजरायली सेना ने यह भी कहा कि उसके सैनिक रफा क्षेत्र में इंटेलिजेंस से मिली जानकारी के आधार पर अभियान जारी रखे हुए है। सेंट्रल गाजा में भी अभियान जारी है। इजरायल पर 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने जबरदस्त हमला किया था जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 250 को बंधक बना लिया गया था। इजरायल का कहना है कि अभी भी 100 इजरायली हमास के कैद में हैं। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, जवाबी कार्रवाई में इजरायली हमले में गाजा में लगभग 37,600 लोग मारे गए हैं।
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पूर्वी अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत के एक गांव में भूस्खलन से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है। सरकारी समाचार एजेंसी बख्तार ने सोमवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, प्रांत के जनिखैल जिले के जकोरगोर गांव में रविवार रात आई प्राकृतिक आपदा में एक घर बह गया। अफगानिस्तान के सुदूर इलाकों में आज भी ज्यादातर लोग मिट्टी के घरों में रहते हैं। इस कारण भारी बारिश, हिमपात और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय उन्हें नुकसान की आशंका बनी रहती है।
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