अमेरिकी अधिकारियों के साथ एक समझौते के बाद विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे ब्रिटेन की जेल से रिहा हो गए हैं। उन्होंने अमेरिकी सरकार के साथ एक समझौते के तहत जासूसी की बात स्वीकार कर ली है। असांजे पर अमेरिकी राष्ट्रीय रक्षा जानकारी प्राप्त करने और उसका खुलासा करने की साजिश का आरोप था। अमेरिकी न्याय विभाग के साथ एक समझौते में दी गई शर्तों के अनुसार अब असांजे को अमेरिकी हिरासत में समय नहीं बिताना पड़ेगा।
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विकीलीक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जूलियन असांजे रिहा हो गए हैं। 1901 दिन (करीब 5 साल दो महीने) वहां बिताने के बाद वे 24 जून की सुबह बेलमर्श मैक्सिमम सिक्योरिटी जेल (लंदन) से बाहर आ गए। लंदन के हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी, वे विमान में सवार होकर ब्रिटेन से रवाना हो गए हैं। पोस्ट में कहा गया, "एक छोटी सी कोठरी में पांच साल से अधिक समय बिताने के बाद, वे जल्द ही अपनी पत्नी स्टेला असांजे और अपने बच्चों से फिर से मिलेंगे।" इसमें कहा गया, "अब वे ऑस्ट्रेलिया लौट रहे हैं। हम उन सभी का शुक्रिया अदा करते हैं जो हमारे साथ खड़े रहे, हमारे लिए लड़े और उनकी आजादी की लड़ाई में पूरी तरह प्रतिबद्ध रहे।"
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनकी पत्नी स्टेला असांजे ने कहा, "जूलियन के कारावास और उत्पीड़न के वर्षों के दौरान, एक अविश्वसनीय आंदोलन चला। दुनिया भर से सभी क्षेत्रों के लोगों ने न केवल जूलियन का समर्थन किया, बल्कि उनके विचारों का भी समर्थन किया : सत्य और न्याय का विचार।"
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आपको बता दें, जूलियन असांजे पर 2010 और 2011 में गोपनीय सैन्य रिकॉर्ड को प्रकाशित करने का आरोप है। इसमें अफगानिस्तान और इराक युद्ध से जुड़े दस्तावेज भी थे। इसके जरिए उन्होंने अमेरिका, इंग्लैंड और नाटो की सेनाओं पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया था। असांजे को सरकारी डेटा चुराने और उसे प्रकाशित करने के मामले में कथित भूमिका के लिए 2019 में 18 मामलों का सामना करना पड़ा था। इसमें अधिकतम 175 साल की जेल की सजा हो सकती थी।
2010-11 में विकीलीक्स के खुलासे के बाद अमेरिका ने आरोप लगाया था कि जूलियन असांजे ने उनके देश की जासूसी की है। उसने सीक्रेट फाइल को पब्लिश कर दिया, जिससे कई लोगों का जीवन खतरे में आ गया था। हालांकि, जूलियन असांजे ने हमेशा जासूसी के आरोपों से इनकार किया। बाद में असांजे पर यह भी आरोप लगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूसी खुफिया एजेंसियों ने हिलेरी क्लिंटन के कैम्पेन से जुड़े ई-मेल हैक कर उन्हें विकीलीक्स को दिए थे। वे पिछले 13 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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